खुलासा ए क़ुरआन - सूरह (056) अल वाक़या
सूरह (056) अल वाक़या
(i) क़यामत
क़यामत कैसे क़ायम होगी उसकी हल्की सी झलक दिखाई गई है जैसे ज़मीन अचानक हिला दी जाएगी, पहाड़ चूर चूर कर दिए जाएंगे वह धूल की तरह उड़ने लगेंगे, सब कुछ समाप्त हो जाएगा। (1 से 6)
(ii) आख़िरत के दिन तीन गिरोह और उनका अंजाम
【1] अस साबेक़ून (जन्नत का अपर क्लास)
【2】असहाबुल यमीन (जन्नत का लोवर क्लास
【3】असहाबुश शिमाल (जहन्नमी लोग) (7 से 48)
(iii) सबका मालिक कौन?
◆ जो वीर्य तुम टपकाते हो उससे बच्चा बनाने वाले तुम हो या हम हैं।
◆ वह बीज जो तुम बोते हो उनसे खेतिया उगाने वाले तुम हो या हम हैं।
◆ यह पानी जिसे से तुम अपनी प्यास बुझाते हो उसको आसमान से नाज़िल करने वाले तुम हो या हम हैं।
◆ यह आग जिसे तुम सुलगाते हो उसका पेड़ पैदा करने वाले तुम हो या हम हैं। (59, 64, 69, 72)
(iv) क़ुरआन को पाक लोगों के इलावा कोई छू नहीं सकता
إِنَّهُۥ لَقُرۡءَانٞ كَرِيمٞ فِي كِتَٰبٖ مَّكۡنُونٖ لَّا يَمَسُّهُۥٓ إِلَّا ٱلۡمُطَهَّرُونَ تَنزِيلٞ مِّن رَّبِّ ٱلۡعَٰلَمِينَ
बेशक यह क़ुरआन बहुत इज़्ज़त वाला है। एक महफ़ूज़ किताब (लौहे महफ़ूज़) है। इसे पाक लोगों के इलावा कोई छू नहीं सकता। तमाम संसार के परवरदिगार की जानिब से नाज़िल किया हुआ है। (77 से 80)
यहां पाक लोगों से मुराद फ़रिश्ते हैं इंसान नहीं और किताबे मकनून से मुराद लौहे महफूज़ है।
(v) मौत के समय स्वागत
अगर मरने वाला मुक़र्रेबीन में हो तो उसके लिए ख़ुशी, सर्वश्रेष्ठ रिज़्क़ और नेअमत भरी जन्नत है, अगर मरने वाला असहाबुल यमीन में से हो तो उसका स्वागत यूं होता है " सलाम है तुझे, तुम असहाबुल यमीन में से हो" और अगर मरने वाला झुठलाने वालों गुमराह लोगों में से हो तो उसके स्वागत के लिए खौलता हुआ पानी और जहन्नम की आग है। (88 से 94)
आसिम अकरम (अबु अदीम) फ़लाही
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