खुलासा ए क़ुरआन - सूरह (088) अल ग़ाशिया
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
सूरह (088) अल ग़ाशिया
(i) क़यामत के दिन दो गिरोह
ग़ाशिया (ढांप लेने वाली) क़यामत का एक नाम है। उसकी सारी हौलनकियां मख़लूक़ को ढांप लेंगी उस दिन कुफ़्फ़ार के चेहरे झुलसे हुए होंगे और खौलते हुए पानी और सूखी घास से उनका स्वागत होगा। जबकि मोमिनों के चेहरे तर व ताज़ा होंगे, उनके लिए चश्मे, ऊंची मसनंदें गाऊ तकिये, सागर और उमदह फर्श होंगे। (1 से 16)
(ii) इंसान को ग़ौर व फ़िक्र की दावत
क्या इंसान नहीं देखता की ऊंट को, कैसे उसकी तख़लीक़ की गई है, आसमान की तरफ़ कैसे बुलंद है, पहाड़ की तरफ़ कैसे नसब किया गया है, और ज़मीन को कैसे फैलाई गई है। (17 से 20)
(iii) नबी दारोग़ा नहीं होते
नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से फ़रमाया गया कि आप दारोग़ा बना कर नहीं भेजे गए हैं, आप का काम सिर्फ़ नसीहत करना है और हिसाब लेना हमारी ज़िम्मेदारी है। (21 से 26)
आसिम अकरम (अबु अदीम) फ़लाही
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