Eid ki namaz ka tarika | Auratein eid ki namaz kaise padhein

Eid ki namaz ka tarika | Auratein eid ki namaz kaise padhein


ईद उल अजहा की नमाज़ का तरीक़ा 

ईद उल अजहा की नमाज़ को सलात-उल ईद (ईद की नमाज) और सलात-उल ईदैन (ईद की नमाज) भी कहते हैं। दोनों ईदों को इज्तिमा-ए (इकठ्ठा) तोर पर अरबी ज़बान में "ईदैन" कहते हैं। दोनो ईदों की नमाज़ का पढ़ने का तारिका एक ही जैसा है।


नोट: मर्द और औरत दोनों के लिए नमाज़ का यही तरीक़ा है क्योंकि एक भी सहीह हदीस से औरतों का तरीक़ा अलग साबित नहीं है बल्कि नबी (ﷺ) का वाज़ेह हुक्म है-

صَلُّوا كَمَا رَأَيْتُمُونِي أُصَلِّ
"नमाज़ उस तरह पढ़ो जिस तरह मुझे पढ़ते हुए देखते हो।" 

[सहीह बुख़ारी 631]


ईद उल अजहा की नमाज़ की रकअत

हज़रत उमर-बिन-ख़त्ताब (रज़ि०) बयान करते हैं कि ईदुल-अज़हा की नमाज़ दो रकअत है ईदुल-फ़ित्र की नमाज़ दो रकअत है मुसाफ़िर की नमाज़ दो रकअत है और जुमे की नमाज़ भी दो रकअत है। ये तमाम नमाज़ें नबी ﷺ की ज़बानी मुकम्मल हैं इनमें कोई कमी नहीं। [सुन्नन नसाई 1567, सहीह]


ईद उल अजहा की नमाज़ की नियत

ज़ुबान से नियत करना रसूल अल्लाह (ﷺ) से सबित नहीं है। नियत दिल के इरादे का नाम है। ज़ुबान से नियत करना बिद्अत है। सिर्फ इरादा कर लें कि मैं ईद की नमाज़ पढ़ रहा हूँ/रही हूँ। रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया,

"तमाम आमाल का दारोमदार नियतों पर है।" [सहीह बुखारी 01]


ईद उल अजहा की नमाज का तरीक़ा

पहली रकात:

1. कियाम

2. तकबीर-ए-तहरीमा (अल्लाहु अकबर)

3. दुआ-ए-इस्तिफ्ताह (सना) - “सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका”

4. 7 ज़ायद (अतिरिक्त) तकबीर (अल्लाहु अकबर)

5. सूरह फ़ातिहा 

6. सूरह आला [(सूरह 87) (سَبِّحِ اسْمَ رَ‌بِّكَ الْأَعْلَى)] (याद ना हो तो कोई भी सूरत)

7. रुकू - "सुब्हाना रब्बियल अज़ीम"

8. रुकू से सर उठाएं - "समिअ़ल्लाहु लिमन हमिदह, रब्बना लकल हम्द"

9. सज्दा - "सुब्हाना रब्बियल आला"


सहीह अहादीस के मुताबिक़ नमाज़ का तरीक़ा


दूसरी रकात:

10. सजदा से उठने के बाद 5 ज़ायद (अतिरिक्त) तकबीरें (अल्लाहु अकबर)

11. सूरह फ़ातिहा 

12. सूरह ग़ासिया [(सूरह 88) (هَلْ أَتَاكَ حَدِيثُ الْغَاشِيَةِ)] (याद ना हो तो कोई भी सूरत)

13. रुकु

14. रुकू से सर उठाएं 

15.सजदा

16. सलाम


औरत की नमाज़ का सुन्नत तरीक़ा


नोट:

1. पहली रकात में तकबीर-ए-तहरीमा (अल्लाहु अकबर) और दुआ-ए-इस्तिफ्ताह (सना) के बाद 7 जायद तकबीरें है फिर किरात है।

2. दूसरी रकात में सजदा से उठने के बाद किरात से पहले 5 जायद तकबीरें है फिर किरात

3. कुल 12 जायद तकबीरें है।

4. कोई और ज़िक्र रसूल अल्लाह ﷺ और सहाबा से साबित नहीं है।


By: Islamic Theology 

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