Prithvi par jeevan sanyog ya prayog (existence of God)


astronomy proof of God hindi

हमारे यूनीवर्स में प्रकृति के नियम फिज़िकल कांस्टेंट और यूनीवर्स की शुरुआती कंडीसन को देखकर कोई भी अक़्ल रखने वाला इंसान यही कहेगा कि ये सब किसी एक डिज़ाइनर के डिज़ाइन करने से हुआ है उसी डिज़ाइनर ने बड़ी सूझ बूझ के साथ इस यूनीवर्स को ऐसे प्रकृति नियम और फिज़िकल कांस्टेंट की एक खास वैल्यू दी है जिससे यह ज़िंदगी परवान चढ़ सके। उस डिज़ाइनर ने ही शुरुआत में इस यूनीवर्स को ऐसी कंडीसन दी है, जिससे यहाँ ज़िंदगी मुमकिन हो सके

हमारी पृथ्वी पर ज़िंदगी का मुमकिन होना खुदा के होने का सबूत है


हमारे यूनीवर्स और हमारी ज़िंदगी के बीच बहुत गहरा ताल्लुक है, हम देखते की हमारी यूनीवर्स की पूरी कोशिश यही है कि इसमें ज़िंदगी परवान चढ़ सके, हम देखते है कि किसी डिज़ाइनर ने बड़ी हिकमत से और बड़ी सूझ बूझ के साथ इस यूनीवर्स को ऐसा डिज़ाइन किया है कि इसमें ज़िंदगी मुमकिन हो सके। हमारा यूनीवर्स कुछ नियमों का पालन कर रहा है, जिसे हम प्रकृति के नियम कहते है। अगर इन प्रकृति के नियमों में थोड़ा सा भी बदलाव कर दिया जाए तो इस यूनीवर्स में ज़िंदगी का होना मुमकिन ही नही है। ऐसे ही हमारे यूनीवर्स में फिज़िकल कांस्टेंट काम कर रहे है, अगर इन फिज़िकल कांस्टेंट की वैल्यू को थोड़ा सा भी आगे पीछे कर दिया जाए तो यहाँ ज़िंदगी का मौजूद होना मुमकिन ही नही है। जब हमारा यूनीवर्स बना था तो बिल्कुल ऐसा ही बना था कि यहाँ ज़िंदगी मुमकिन हो सके अगर यूनीवर्स के बनते समय इसे वो शुरुआती कंडीसन न मिली होती जो मिली है तो भी यहाँ ज़िंदगी का रह पाना मुमकिन ही नही है। हमारे यूनीवर्स में प्रकृति के नियम फिज़िकल कांस्टेंट और यूनीवर्स की शुरुआती कंडीसन को देखकर कोई भी अक़्ल रखने वाला इंसान यही कहेगा कि ये सब किसी एक डिज़ाइनर के डिज़ाइन करने से हुआ है उसी डिज़ाइनर ने बड़ी सूझ बूझ के साथ इस यूनीवर्स को ऐसे प्रकृति नियम और फिज़िकल कांस्टेंट की एक खास वैल्यू दी है जिससे यह ज़िंदगी परवान चढ़ सके। उस डिज़ाइनर ने ही शुरुआत में इस यूनीवर्स को ऐसी कंडीसन दी है , जिससे यहाँ ज़िंदगी मुमकिन हो सके।


ज़मीन और आसमानों में जो कुछ है उसे आँखें खोलकर देखो। और जो लोग ईमान लाना ही नहीं चाहते उनके लिये निशानियाँ और ख़बरदार करना आख़िर क्या फ़ायदेमंद हो सकते हैं?

📓(कुरआन 10:101)


ऐसे ही जब हम अपनी पृथ्वी पर नज़र दौड़ाते है तो हमे पृथ्वी पर एक निज़ाम और एक व्यवस्था नज़र आती है। जिसे देखकर हम एक ही नतीजे पर पहुचते है कि जैसे पृथ्वी के हर एक चीज़ की यही कोशिश है कि यहाँ पर इंसानी जिंदगी वस सके। हमे पृथ्वी की हर एक चीज़ के पीछे एक सूझ बूझ वाला डिज़ाइनर नज़र आता है।

जब हमारी पृथ्वी बनी थी तो शुरुआत में इसे ऐसी कंडीसन मिली थी, जिससे यहाँ ज़िंदगी का रह पाना मुमकिन हो सके। जिसे हम स्थानीय ग्रहों की स्थिति (local planetary condition) कहते है। अगर हमारी पृथ्वी को शुरुआत में ये लोकल प्लेनेटरी कंडीसन न मिली होती तो पृथ्वी पर ज़िंदगी का रह पाना नामुमकिन था। आइये अब हम जानते है इस लोकल प्लेनेटरी कंडीसन के बारे में:-


1- Outside of spiral arm of galaxy


किसी प्लैनेट पर ज़िंदगी के मौजूद होने के लिए उसे गैलेक्सी के स्पाइरल आर्म से बाहर होना चाहिए और हमारी पृथ्वी मिल्की वे गैलेक्सी के स्पाइरल आर्म से बाहर है। स्पाइरल आर्म, गैलेक्सी में वो क्षेत्र होते है जहाँ मुख्य तौर पर नए स्टार बनते है। क्योंकि इस क्षेत्र में बहुत ही ज्यादा गैसें और डस्ट मौजूद होती है, और ये क्षेत्र स्पाइरल शेप में पाए जाते है इसलिए हम इसे स्पाइरल आर्म ऑफ गैलेक्सी कहते है। स्पाइरल आर्म ऑफ गैलेक्सी में स्टार की संख्या बहुत ही ज्यादा होती है जिनकी वजह से स्टार की डेन्सिटी भी इस क्षेत्र में बहुत ज्यादा होती है। तो जाहिर सी बात है कि जब स्टार की संख्या बहुत ज्यादा होती है तो इन क्षेत्रों मे स्टार की मौत भी बहुत ज्यादा होती होगी। तो जब किसी बड़े स्टार की मौत होती है तो उस स्टार में बहुत बड़ा विस्फोट होता है जिसे हम सुपरनोवा विस्फोट कहते है। जिसकी वजह से ये अपने आस पास के प्लैनेट को चपेट में ले लेता है। और इस सुपरनोवा का इफेक्ट इसके आस पास के प्लैनेट पर बहुत ही ज्यादा होता है, जिससे इसके आस पास के प्लैनेट पर ज़िंदगी मुमकिन नही हो पाती है। जैसे हमारी पृथ्वी के आस पास अगर किसी स्टार में सुपरनोवा विस्फोट होगा तो उससे निकलने वाली गामा किरणो से हमारी पृथ्वी की ओज़ोन लेयर खत्म हो जाएगी। ओज़ोन लेयर हमे नुकसानदेह सौलर और कॉस्मिक रेडियशन से बचाती है, मुख्य तौर पर पराबेंग्नी किरणों (uv rays) से हमारी पृथ्वी को महफूज रखती है।

इसलिए किसी भी प्लैनेट पर ज़िंदगी के बसने के लिए उसे स्पाइरल आर्म ऑफ गैलेक्सी से बाहर होना चाहिए। और हमारी पृथ्वी स्पाइरल आर्म ऑफ गैलेक्सी से बाहर है जिसकी वजह से हमारी पृथ्वी सुपरनोवा विस्फोट से महफूज़ रहती है। जिससे यहाँ ज़िंदगी का बसना मुमकिन हुआ। 


2- Right planetary mass


किसी प्लैनेट पर ज़िंदगी मौजूद होने के लिए उस प्लैनेट का मास (द्रव्यमान) बहुत अहम रोल करता है। किसी प्लैनेट के उचित मास (द्रव्यमान) की वजह से ही उस प्लैनेट के आस पास वातावरण बनता है। जैसाकि हमारी पृथ्वी के उचित मास की वजह से ही हमारी पृथ्वी के आस पास वातावरण मौजूद है। अगर हमारी पृथ्वी का मास थोड़ा सा भी कम होता तो इसका चुंबकीय क्षेत्र ( Magnetic Field ) भी कम होता है जिसकी वजह से सौर हवा ( solar wind ) हमारे वातावरण को उड़ा ले जाती जिसकी वजह से हमारी पृथ्वी भी मंगल ग्रह की तरह बंज़र हो जाती, लेकिन पृथ्वी के सही चुंबकीय क्षेत्र की वजह से सौर हवाएं हमारी पृथ्वी पर नही पहुँच पाती हैं, पृथ्वी के द्रव्यमान ( mass ) की वजह से बना ये चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी पर आने वाली वाली सौर हवा का रुख मोड़ देता है, जिसकी वजह से पृथ्वी पर वातावरण रहता है, और इस वातावरण की वजह से हमारी पृथ्वी पर ज़िंदगी मुमकिन हो पाती है


3- Ciram stellor habitable zone


ये किसी स्टार के इर्द गिर्द ऐसा झेत्र होता है, जहाँ तापमान न ही ज्यादा गर्म होता है, औऱ न ही ज्यादा ठंडा होता है, इस क्षेत्र में ऐसा तापमान होता है जहाँ पानी द्रव्य अवस्था मे रह सके। तो हमारी पृथ्वी सूरज के सर्कम स्टेलर हैबीटेबल जॉन में स्थित है, जिसकी वजह से पानी हमारी पृथ्वी पर द्रव्य अवस्था मे मौजूद रहता है, जो कि हमारी ज़िंदगी के लिए बहुत ही अहम होता है।


अगर हमारी पृथ्वी सूरज से दूर के प्लैनेट प्लूटो की जगह स्थित होती तो सूरज हमे मटर के आकार जितना दिखता और तापमान इतना ज्यादा कम होता कि पृथ्वी का वातावरण और सारे समुंदर जम जाते जिसकी वजह से यहाँ ज़िंदगी मुमकिन नही हो पाती, अगर हमारी पृथ्वी सूरज के करीब मरकरी प्लैनेट की जगह स्थित होती तो हमारी पृथ्वी पर इतना ज्यादा तापमान होता कि यहाँ पानी बहुत ही जल्द उबलकर भाप बन जाता जिसकी वजह से यहाँ पानी द्रव्य अवस्था मे नही रह पाता तो पृथ्वी पर हमारी ज़िंदगी का होना नामुमकिन हो जाता।


हमारी पृथ्वी और सूरज के बीच इस समय लगभग साड़े नौ करोड़ मील का फासला है, अगर इसके बज़ाय पृथ्वी उसके आधे फासले पर हो तो सूरज की गर्मी से चीज़े जलने लगें। और अगर सूरज चांद की जगह पर यानि दो लाख चालीस हजार मील के फासले पर आ जाये तो पृथ्वी पिघलकर भाप में परिवर्तित हो जाये। यही सूरज जिसकी बदौलत पृथ्वी पर ज़िंदगी है, इस मकसद के लिए उसको एक खास फासले पर रखा गया है, अगर सूरज दूर चला जाये तो हमारी पृथ्वी बर्फ की तरह जम जाए और अगर वह करीब आ जाए तो हम सब लोग जल भूनकर खाक हो जाएं।


हमारी पृथ्वी सूरज से बिल्कुल सही फासले पर स्थित है, जहाँ पानी द्रव्य अवस्था मे मौजूद रह सकता है। तो किसी प्लैनेट पर ज़िंदगी के मौजूद होने के लिए उसका सर्कम स्टेलर हैबीटेबल जॉन में स्थित होना जरूरी है।


4- Large moon with right planetory rotation period


चांद हमारी पृथ्वी पर मौजूद समुंदर की लहरों को कंट्रोल करता है और चांद ही की वजह से हमारी पृथ्वी अपने अक्ष (Axis) पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है। जिसकी वजह से हमारी पृथ्वी पर मौसम चेंज होता है जैसेकि सर्दी, गर्मी आदि। पहले ये माना जाता था कि सर्दी और गर्मी पृथ्वी के सूरज के चारों और चक्कर लगाने से होती है। जब पृथ्वी सूरज के करीब होती है तो गर्मी का मौसम होता है जब पृथ्वी सूरज से दूर होती है तो सर्दी का मौसम होता है लेकिन यह बात गलत थी।

साइंस में तरक्की के साथ हमे यह पता लगा कि पृथ्वी के अपने एक्सिस पर 23.5 डिग्री झुकने की वजह से मौसम में तब्दीली आती है। चांद के ग्रेविटेशनल फोर्स के कारण ही पृथ्वी अपने एक्सिस 23.5 डिग्री झुकी रहती है जिससे मौसम में तबदीली आती है। अगर चाँद नही होता तो पृथ्वी अपने एक्सिस से धीरे धीरे सीधी हो जाती सीधे होकर घूमने लगती जिसकी वजह से पृथ्वी पर हमेशा एक सा मौसम रहता। तो चांद की ग्रेविटेशनल पुल की वजह से पृथ्वी अपने एक्सिस पर हमेशा झुकी हुई रहती है जिससे ये मौसम में तबदीली होती है ये एक मात्र हमारे सौलर सिस्टम की जलवायु ( climate ) है जो काम्प्लेक्स लिविंग के लिए बिल्कुल सही है।


तो आइए जानते है कि हमारी पृथ्वी के अपने एक्सिस पर 23. 5 डिग्री झुके होने से मौसम में कैसी तब्दीली आती है। तो जब हमारी पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध (north hemisphere) सूरज की तरफ झुका होता है तो उस समय उत्तरी गोलार्द्ध में गर्मी पड़ती है और ये महीना जून का होता है। और जब दिसम्बर के महीने में पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूरज से दूर होता है और पृथ्वी का दक्षिण गोलार्द्ध सूरज की तरफ झुका हुआ होता है तो उत्तरी गोलार्द्ध में सर्दी पड़ती है। किसी भी प्लेनेट पर ज़िंदगी के रहने के लिए जलवायु ( climate ) की जरूरत है।


5- Large Jupitar mass planetory neighbor in large circular orbit


पृथ्वी के आस पास बड़े प्लेनेट की वजह से ही हमारी पृथ्वी कॉमेट की बमबारी से सुरक्षित रहती है कॉमेट (घूमकेतु) एक तरह का बर्फ का गोला होता है जो गैस, पत्थर और डस्ट के साथ जमने की वजह से बनते है जो सूरज के चारो तरफ चक्कर लगाते रहते है। जब ये कॉमेट पृथ्वी की तरफ आते है तो जूपीटर प्लेनेट की ग्रेविटी इसे सौलर सिस्टम से बाहर फेंक देती है जिसकी वजह से कॉमेट पृथ्वी से नही टकरा पाते। तो हमारी पृथ्वी के आस पास लार्ज मास वाले प्लेनेट होने की वजह से ये बहुत सारे कॉमेट की बमबारी से बच जाती है जिससे हमारी पृथ्वी सुरक्षित रहती है। अगर हमारी पृथ्वी के आस पास लार्ज मास वाले प्लेनेट नही होते तो ये कॉमेट सीधे हमारी पृथ्वी से टकराते रहते जिसकी वजह से यहाँ ज़िंदगी मुमकिन नही हो पाती।



6- Within galactic habitable zone


जिस तरह हमारे सौलर सिस्टम में एक ऐसा क्षेत्र होता है जहाँ ज़िंदगी मुमकिन हो, उस क्षेत्र को हम सर्कम स्टेलर हैबीटेबल जॉन कहते है। उसी तरह गैलक्सी में एक क्षेत्र ऐसा होता है जहाँ ज़िंदगी मुमकिन हो सके, उस क्षेत्र को गेलेक्टीक हैबीटेबल जॉन कहते है।


हमारा सौलर सिस्टम गैलेक्टीक हैबीटेबल जॉन में स्थित है जिसकी वजह से हमारा सौलर सिस्टम विधटनकारी गुरुत्वाकर्षण बल (disruptive gravitational force) और बहुत सारे रेडिएशन से सुरक्षित रहता है। जब हम गैलक्सी के रेस्पेक्ट में बात करते है तो हमारा सौलर सिस्टम गैलेक्टीक हैबीटेबल जॉन में स्थित है जिसकी वजह से हमारी पृथ्वी भी गैलेक्टीक हैबीटेबल जॉन में स्थित है। और जब हम सौलर सिस्टम की बात करते है तो हमारी पृथ्वी सौलर सिस्टम के हैबीटेबल जॉन में स्थित है जिसे हम सर्कम स्टेलर हैबीटेबल जॉन कहते है जिसकी वजह से पृथ्वी पर रहपाना मुमकिन है।



7- During cosmic habitable zone


हमारी पृथ्वी का फोर्मेशन उस समय हुआ जब ऐक्टिव स्टार और हैबी एलिमेंट मौजूद हुआ करते थे। उस समय खतरनाक रेडिएशन की कंसंट्रेशन बहुत कम थी जिसकी वजह से हमारी पृथ्वी हमेशा से सुरक्षित है।



8- Near co-rotation circle of galaxy in circular orbit around galactic centre


जो किसी प्लेनेट को गैलेक्सी के खतरनाक क्षेत्र से बचाता है कॉ-रोटेशन सर्कल गैलेक्टीक सेंटर के ईर्द गिर्द एक सर्कल होता है जहां स्टार सेम स्पीड से सफर करते हैं जितनी स्पीड से गैलेक्सी के स्पाइरल आर्म सफर करते है। हमारा सौलर सिस्टम दो स्पाइरल आर्म के बीच मौजूद है जिसकी वजह से ये गामा किरणों और ब्लैक हॉल से सुरक्षित रहता है। हमारा सौलर सिस्टम गैलेक्टीक कोर से भी बहुत ज्यादा दूर है जो बड़े ब्लैक हाल और बहुत सारे रेडियेशन से बचता है।



9- Right amount of water available in earth crest


पृथ्वी की सतह पर सही मात्रा में पानी उपलब्ध है जो ज़िंदगी के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि बिना पानी के हम ज़िंदगी के बारे में सोच भी नही सकते।



10- Proper concentration Of sulphar


पृथ्वी पर सल्फर सही मात्रा में उपलब्ध है जो जैविक प्रकिया ( biological process ) के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।


अब तक हमने 10 ऐसी कंडीसन देखी जो अगर हमारी पृथ्वी को न मिले तो यहाँ पर ज़िंदगी की रह पाना मुमकिन नही था। ऐसी ही बहुत सारी कंडीसन ओर है जिन पर हमने बात नही की है जिनकी वजह से भी पृथ्वी पर हमारा रह पाना मुमकिन हुआ है। ये सब कंडीसन क्या हमारी पृथ्वी को खुद व खुद मिल गई है ? जिसमें से अगर एक कंडीशन भी हमारी पृथ्वी को न मिली होती तो यहाँ इंसान का रह पाना नामुमकिन था। और क्या ये कंडीसन खुद व खुद एक के बाद एक हमारी पृथ्वी को बिल्कुल वैसे ही मिलती गई जिससे यहाँ इंसान का रह पाना मुमकिन हो सकें। इन लोकल प्लेनेटरी कंडीसन में अगर थोड़ा सा भी बदलाव हुआ होता तो यहाँ इंसान का रह पाना नामुमकिन था। इन सब कंडीसन को देखकर कोई भी अक्ल रखने वाला इंसान यह नही कह सकता कि ये सब कंडीसन पृथ्वी को खुद से खुद मिल गई है।


इस पृथ्वी को देखकर अक़्ल रखने वाला इंसान सिर्फ एक ही नतीजे पर पहुँचता है कि कोई डिज़ाइनर जरूर है जिससे इस पृथ्वी को डिज़ाइन किया है। और उसी डिज़ाइनर ने पृथ्वी को एक के बाद एक वैसी ही कंडीसन दी है जिससे यहाँ इंसान का रह पाना मुमकिन हो सके ऐसा लगता है कि उस डिज़ाइनर के इल्म में पहले से ही ये बात मौजूद थी कि मुझे यहाँ ज़िंदगी को मुमकिन बनाना है और इंसानों को इस पृथ्वी पर बसाना है। और उसी डिज़ाइनर को हम खुदा कहते है।


क्या तुम देखते नहीं हो कि उसने वो सब कुछ तुम्हारे काम में लगा रखा है जो ज़मीन में है, और उसी ने नाव को क़ायदे का पाबन्द बनाया है कि वो उसके हुक्म से समन्दर में चलती है, और वही आसमान को इस तरह थामे हुए है कि उसकी इजाज़त के बिना वो ज़मीन पर नहीं गिर सकता? सच तो ये है कि अल्लाह लोगों के लिये बड़ा मेहरबान और रहम करनेवाला है।

📓(कुरआन 22:65)

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

क्या आपको कोई संदेह/doubt/शक है? हमारे साथ व्हाट्सएप पर चैट करें।
अस्सलामु अलैकुम, हम आपकी किस तरह से मदद कर सकते हैं? ...
चैट शुरू करने के लिए यहाँ क्लिक करें।...