Khulasa e Qur'an - surah 50 | surah qaf

Khulasa e Qur'an - surah | quran tafsir

खुलासा ए क़ुरआन - सूरह (050) क़ाफ़


بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ


सूरह (050) क़ाफ़ 


(i) सूरह का मौज़ूअ (शीर्षक) आख़िरत है 

कुफ़्फ़ार को सबसे ज़्यादा हैरत इसी बात पर थी कि जब इंसान मर कर मिट्टी में मिल जाएगा, हड्डियां पुरानी हो जाएंगी तो क्या वह दोबारा उठाया जाएगा उसका जवाब देते हुए छोटी छोटी आयतों में आख़िरत को खोल खोल कर बयान किया गया है और मुख़्तलिफ़ निशानियों के ज़रिए सवाल का मुस्कित (ख़ामोश कर देने वाला) जवाब दिया गया है। (1 से 3)


(ii) अल्लाह की क़ुदरत की करिश्मे

बग़ैर किसी सूराख़ के आसमान की बनावट और सजावट, ज़मीन को फैलाना और उसमें सुंदर सुंदर पेड़ पौधे, आसमान से रहमत की बारिश, बारिश द्वारा बाग़ और खेतों की हरियाली, खुजूर के पेड़, इंसानों के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के रिज़्क़, मुर्दा पड़ी हुई ज़मीन का पुनः उपजाऊ हो जाना। (06 से 11)


(iii) आठ क़ौमों का ज़िक्र

क़ौमे नूह, क़ौमे समूद,असहाबुर रस, क़ौमे आद, फ़िरऔन और क़ौमे लूत, असहाबुल ऐका, और क़ौमे तुब्बा,जिन्होंने अल्लाह की आयात और क़यामत को झुठलाया और दुनिया से उनका नाम व निशान मिट गया। (12,13)

(असहाबुर रस से मुराद कुछ लोगों ने "मोहन जोदड़ो" भी लिया है क्योंकि यहां कुंएं अत्यधिक थे और खेती बाड़ी का प्रबंध उसी से चलता था)


(iv) नबी को नसीहत

सब्र करें, तस्बीह बयान करें, सूरज निकलने से पहले तथा सूरज डूबने के बाद (फ़ज्र और मग़रिब) अल्लाह की हम्द बयान करें, आप का काम लोगों पर ज़बरदस्ती करना नहीं है बल्कि केवल क़ुरआन सुना कर लोगों को नसीहत करना है। (39, 40, 45)


(iv) कुछ अहम बातें

◆ अल्लाह इंसान की गरदन की नस (Aorta) से भी क़रीब है। 

◆ जो कुछ इंसान की ज़बान से निकलता है उसे फ़रिश्ता लिख लेता है। 

◆ अल्लाह बन्दों पर ज़ुल्म नहीं करता बल्कि इंसान ख़ुद अपने ऊपर ज़ुल्म करता है। 

◆ आसमान ज़मीन और उनके दरमियान की तमाम चीज़ों को अल्लाह तआला में 6 दिनों में बग़ैर किसी थकान के बनाया है। 

(16, 18, 29, 38)


आसिम अकरम (अबु अदीम) फ़लाही

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