खुलासा ए क़ुरआन - सूरह (044) अद दुख़ान
सूरह (044) अद दुख़ान
(i) क़ुरआन के नुज़ूल शबे क़द्र में हुआ
◆ क़ुरआन वाज़ेह (स्पष्ट) किताब है,
◆ यह मुबारक रात यानी शबे क़द्र में नाज़िल किया गया,
◆ शबे क़द्र में तमाम मज़बूत मामलों का फ़ैसला किया जाता है। (3 से 5)
(ii) हिकमत और रहमत का तक़ाज़ा
एक किताब देकर एक रसूल भेजना न केवल हिकमत का तक़ाज़ा था बल्कि अल्लाह की रहमत का तक़ाज़ा भी था। क्योंकि इंसान के पालन पोषण के साथ उसके लिए हिदायत भी अत्यंत ज़रूरी थी। (5, 6)
(iii) आसमान धुआं हो जाएगा
आसमान अपने वजूद से पहले भी धुंआ था और जब क़यामत क़ायम होगी तब भी आसमान धुंआ हो जाएगा। (10)
(iv) अहले मक्का की हठधर्मी
नबूवत की निशानी देखने बाद भी अहले मक्का अपने कुफ़्र पर अड़े रहे और रसूल के बारे में कहा कि यह तो ट्रेनिंग लिया हुआ पागल है। (14)
(v) कोई वस्तु बे मक़सद नहीं
काएनात की कोई वस्तु खिलवाड़ के लिए नहीं बनाई गई हैं बल्कि अल्लाह ने उन्हें हक़ के साथ बनाया है। (39)
(vi) ज़क़्क़ूम का दरख़्त जहन्नमियों की खोराक ख़ोराक
إِنَّ شَجَرَتَ الزَّقُّومِ طَعَامُ الْأَثِيمِ كَالْمُهْلِ يَغْلِي فِي الْبُطُونِ كَغَلْيِ الْحَمِيمِ
बेशक थोहड़ (ज़क़्क़ूम) का दरख़्त गुनहगारों का खाना होगा पिघले हुए तांबे की तरह जो पेटों में इस तरह उबाल खाएगा जैसे तेल की तलछट की तरह खौलता हुआ पानी। (आयत 43 से 46)
आसिम अकरम (अबु अदीम) फ़लाही
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