खुलासा ए क़ुरआन - सूरह (027) अन नमल
सूरह (027) अन नमल
(i) क़ुरआन हिदायत व बशारत है
● जो मोमिन हों
● नमाज़ क़ायम करते हैं
● ज़कात अदा करते हैं
● आख़िरत (परलोक) में विश्वास रखते हैं।
क़ुरआन अल्लाह की जानिब से नाज़िल की गई खुली और वाज़ेह किताब है। (आयत 1 से 3)
(ii) पांच अंबिया का ज़िक्र
मूसा अलैहिस्सलाम (आयत 7 से 14),
दाऊद अलैहिस्सलाम (15),
सुलैमान अलैहिस्सलाम (16 से 44),
सालेह अलैहिस्सलाम (45 से 53),
लूत अलैहिस्सलाम (54 से 58)
(iii) मूसा अलैहिस्सलाम को दी गई नौ निशानियां (आयत 12)
1 लाठी जो अज़दहा बन जाती थी।
2, हाथ जो बग़ल से सूरज की तरह चमकता हुआ निकलता था।
3, जादूगरों की शिकस्त (सब के सामने)।
4, मूसा अलैहिस्सलाम की भविष्यवाणी के मुताबिक़ पूरे मुल्क में अकाल (क़हत)।
5, तूफ़ान।
6, टिड्डियों का झुंड।
7, तमाम ग़ल्ले के ज़ख़ीरे में सुरसुर्रियाँ और इंसान व हैवान में जुएं।
8, मेंढकों का तूफ़ान,
9, ख़ून (तमाम नहर, कुएं, तालाब, और हौज़ का पानी ख़ून में तब्दील हो गया। मछलियां मर गईं हर जगह पानी के ज़ख़ीरों में बदबू पैदा हो गई। एक हफ़्ते तक मिस्र के लोग पानी को तरस गए)।
(iv) सुलैमान अलैहिस्सलाम का मुअजेज़ा
● परिंदों की बोलियां सिखाई गई थीं और हर चीज़ से नवाज़ा गया था।
● जिन्न और इंसानों के लश्कर उनके लिए जमा कर दिए गए थे।
● जिन्न, इंसान, परिंदे और तमाम लोग पूरी डिसिप्लिन के साथ रहते थे। (16, 17)
(v) नमल (चींटी) का वाक़िआ
एक बार सुलैमान अलैहिस्सलाम का अपनी फ़ौज के साथ (जो इंसानों, जिन्नों और परिंदों पर मुश्तमिल थी) एक घाटी से गुज़र हुआ तो चींटियों की सरदार ने कहा ऐ चींटियो! अपनी अपनी बिलों में चली जाओ ऐसा न हो कि सुलैमान का लश्कर अनजाने में तुम्हें कुचल डाले। सुलैमान अलैहिस्सलाम ने जब चींटी की यह बात सुनी तो मुस्कुराए और अपने रब का शुक्र अदा किया। (18, 19)
(vi) मलका सबा का वाक़िआ
यमन की राजधानी सनआ से 55 किलोमीटर दूर मआरिब एक मुक़ाम था जो मलका सबा की राजधानी थी, यह लोग सूरज की पूजा करते थे। एक दिन हुदहुद ने सुलैमान अलैहिस्सलाम को उसके बारे में ख़बर दी। सुलैमान अलैहिस्सलाम ने मलका सबा के नाम एक ख़त लिखा और तौहीद की दावत दी। मलका ने वह ख़त पढ़ कर सुनाया और कहा "यह पत्र सुलैमान की जानिब से है और बिस्मिल्लाहिर राहमानिर रहीम से शुरू किया गया है"। मलका सबा ने दरबारियों से मशविरा करने के बाद पहले हदया (गिफ़्ट) भेजा जिसे सुलैमान अलैहिस्सलाम ने यह कह कर वापस कर दिया कि मुझे अल्लाह ने उस से कहीं ज़्यादा अता किया है और धमकी भी दी कि " हम ऐसी फ़ौज के साथ आ रहे हैं जिसका सामना नहीं किया जा सकता और हम वहां से निकाल बाहर करेंगे" इसका नतीजा यह हुआ कि उसने पैग़ाम भेजा कि वह ख़ुद मुलाक़ात करने आ रही है। सुलैमान अलैहिस्सलाम ने दरबार में मौजूद लोगों से पूछा कौन है जो उसके आने से पहले पहले उसका तख़्त यहां ला दे। एक भारी भरकम जिन्न कहने लगा आपके इस जगह से उठने से पहले पहले। तभी एक (ग़ालिबन फ़रिश्ता) ने (जिसको अल्लाह ने किताब का इल्म दिया था) कहा आप की पलक झपकने से पहले पहले। फिर क्या था पलक झपकते ही तख़्त सुलैमान अलैहिस्सलाम के सामने मौजूद था। जब मलका सबा पहुंची तो अपने तख़्त को वहां मौजूद देख कर हैरान रह गई और फिर उसने सुलैमान अलैहिस्सलाम का महल और शान व शौकत देखी तो पुकार उठी।
رَبِّ إِنِّي ظَلَمْتُ نَفْسِي وَأَسْلَمْتُ مَعَ سُلَيْمَانَ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ
"मेरे रब मैने सूरज की पूजा कर के यक़ीनन अपने ऊपर ज़ुल्म किया, और अब मैं सुलेमान के साथ तमाम जहाँ के पालनहार अल्लाह पर ईमान लाती हूँ। (22 से 44)
(vii) तौहीद की दावत और मुशरेकीन से कुछ ऐसे सवाल जो उनको लाजवाब कर दे
● कौन है जिसने आसमानों और ज़मीन को पैदा किया, आसमान से पानी बरसाया फिर उसके ज़रिए से लुभावने बाग़ उगाए जो तुम्हारे बस में न था?
● कौन है जिसने ज़मीन को ठहरने की जगह बनाया, उसके अन्दर नदियाँ बहाईं, पहाड़ों की खूँटियाँ गाड़ दीं, पानी के दो ज़ख़ीरों के बीच परदे डाल दिये?
● कौन है जो बेक़रार की पुकार सुनता है जबकि वह उसे पुकारे और कौन उसकी तकलीफ़ दूर करता है? और (कौन है जो तुम्हें ज़मीन का ख़लीफ़ा बनाता है?
● कौन है जो जल और थल के अंधियारों में तुमको रास्ता दिखाता है और कौन अपनी रहमत के आगे हवाओं को ख़ुशख़बरी देकर भेजता है?
● कौन है जो पैदाइश की शुरूआत करता है और फिर उसे दोहराता है? कौन है जो तुमको आसमान और ज़मीन से रोज़ी देता है? (60 से 64)
(viii) ज़मीन का जानवर (الدَّابَّةِ)
● क़यामत के क़रीब एक जानवर ज़मीन से निकलेगा (जैसे सालेह अलैहिस्सलाम की ऊंटनी पहाड़ से निकली थी) और इंसानी ज़ुबान में बात करेगा।
● यह क़यामत की दस निशानियों में से एक है (मुस्लिम 7285)
● क़यामत की पहली निशानी सूरज का पूरब के बजाय पश्चिम से निकलना है फिर एक दिन यह जानवर दिन दहाड़े लोगों के सामने निकल आएगा (मुस्लिम 7383)
● जब ज़मीन पर भलाई का हुक्म देने वाला और बुराई से रोकने वाला कोई बाक़ी नहीं रहेगा तो यह जानवर आख़िरी हुज्जत के तौर पर आएगा।
● यह मक्का से बल्कि मस्जिदे हराम से निकलेगा ( मुस्तदरक हाकिम 8490)।
● एक रिवायत के मुताबिक़ उस जानवर के पास मूसा अलैहिस्सलाम की लाठी और सुलैमान अलैहिस्सलाम को अंगूठी होगी। अंगूठी से वह काफ़िर की नाक पर काफ़िर और लाठी से मोमिन के चेहरे पर मोमिन की लिख देगा। (इब्ने माजा 4066)
(ix) क़यामत
जिस दिन सूर (शंख) में फूंक मारी जाएगी तो आसमान और जमीन के तमाम लोग कान दबाए रब के सामने मौजूद होंगे उस दिन पहाड़ जो आज जमे हुए दिखाई देते हैं बादलों की तरह उड़ते हुए नज़र आएंगे। (87, 88)
तमाम उम्मत में से उन लोगों को घेर कर लाया जाएगा जो अल्लाह की आयात को झुठलाते थे, फिर उनका वर्गीकरण (classification) किया जाएगा। और पूछा जाएगा कि तुमने हमारी आयात को ज्ञान न होने के बावजूद झुठलाया तो उनके पास जवाब न होगा। (83 से 85)
आसिम अकरम (अबु अदीम) फ़लाही
0 टिप्पणियाँ
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें।