खुलासा ए क़ुरआन - सूरह (040) अल मोमिन
सूरह (040) अल मोमिन
(i) अल्लाह के सिफ़ाती नाम
अल अज़ीज़, अल अलीम, ग़ाफ़िरिज़ ज़न्ब, क़ाबिलित तौब, शदीदुल इक़ाब, ज़ित तौल, रफ़ीउद दरजात, ज़ुल अर्श, अल हकीम, अल अली, अल कबीर, अल क़ह्हार, अस समीअ, अल बसीर, अल ग़फ़्फ़ार, (2, 3, 15, 16, 20)
(ii) दो मौत और दो ज़िंदगी
इंसान बेजान था, अल्लाह ने उसे ज़िंदगी दी,फिर मौत देगा और फिर दोबारा ज़िंदा करेगा। काफ़िर इनमें से पहली तीन हालतों का इंकार नहीं करते क्योंकि observation में आती हैं मगर आख़िरी हालत यानी दोबारा ज़िंदगी का इंकार करते हैं। क्योंकि वह उनके observation में नहीं आई है इसकी ख़बर सिर्फ़ अंबिया अलैहिमुस्सलाम ने दी है। क़यामत के दिन यह चौथी हालत भी मुशाहिदे में आ जायेगी तब यह काफ़िर उसकी तस्दीक़ करेंगे। (11)
(iii) आज के दिन किसका राज पाट है?
क़यामत के दिन जबकि सब लोग बेपर्दा होंगे, अल्लाह से उनकी कोई बात भी छुपी हुई न होगी। पूछा जाएगा “बताओ आज के दिन का मालिक कौन है?” (सारा जहाँ पुकार उठेगा) “अकेला अल्लाह जो सबपर हावी है।” (16)
(iv) मोमिन ज़ालिम के दरमियान रहते हुए भी मोमिन ही रहता है
जब फ़िरऔन के दरबार में मूसा अलैहिस्सलाम के क़त्ल की साज़िश हो रही थी तो एक मोमिन जो अपने ईमान को छुपाए हुए था उस ने कहा أَتَقْتُلُونَ رَجُلًا أَن يَقُولَ رَبِّىَ ٱللَّهُ क्या तुम ऐसे इंसान को क़त्ल करोगे जो कहता है मेरा रब अल्लाह है। उसने फ़िरऔन और उसके दरबारियों को डराया कि अगर तुम लोगों ने मूसा को क़त्ल किया तो अंजाम बहुत भयानक होगा। (28)
(v) फ़िरऔन का घमंड
फ़िरऔन ने अल्लाह तआला को देखने की नापाक जसारत करते हुए अपने वज़ीर हामान को एक महल तामीर कराने का हुक्म दिया। (37)
(vi) फ़िरऔन का अंजाम और क़ब्र के अज़ाब का सुबूत
फ़िरऔन को रोज़ाना सुबह और शाम आग के सामने पेश किया जाता है और आख़िरत के दिन इन्तेहाई सख़्त अज़ाब में दाख़िल किया जाएगा। (46)
(vii) अल्लाह के हुक्म की नाफ़रमानी का अंजाम जहन्नम है
जो लोग घमंड में आकर मेरी इबादत से मुंह मोड़ते हैं वह ज़रूर ज़लील व ख़्वार हो कर जल्द ही जहन्नम में जाएंगे। (आयत 60)
(viii) इंसान की तख़लीक़ का बयान
इंसान कभी मिट्टी था फिर नुत्फ़ा बना फिर अल्क़ा बना फिर जवान हुआ फिर बूढ़ा हुआ फिर मौत उसका मुक़द्दर है। (67)
(ix) अल्लाह की निशानियां
रात को सुकून, दिन को रौशन, ज़मीन को बिछौना और आसमान की छत बनाई, इंसान की बेहतरीन तस्वीर गरी की और उम्दा रिज़्क़ दिया। (64)
(x) कुछ अहम बातें
◆ अल्लाह की आयत के मुक़ाबले में बग़ैर दलील के गुफ़्तगू करना अल्लाह की नाराज़गी का सबब बनता है। (35)
◆ दुनिया की ज़िंदगी तो गिनती की है हमेशा रहने की जगह तो आख़िरत ही है। (39)
◆ मोमिन के तीन काम सब्र, इस्तेग़फ़ार, और सुबह शाम तस्बीह (55))
आसिम अकरम (अबु अदीम) फ़लाही
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