प्यासे को पानी पिलाने की फ़ज़ीलत
Table Of Content
"नेकी और परहेज़गारी के काम मे एक दूसरे की मदद करो।"
[क़ुरआन 5: 2]
इस आयत में अल्लाह ताला ने एक दूसरे की मदद करने के लिए कहा है |
एक दूसरे की मदद करो से मुराद यह नहीं कि सिर्फ मुसलमान की मदद करो बल्कि हर इंसान चाहे वह मुस्लिम हो या गैर मुस्लिम, चरिंदे हो या परिंदे तमाम की मदद कर सकते हैं।
पानी अल्लाह ताला की दी हुई नेमतों में से एक नेमत हैं। हमारा जिस्म 70% पानी से बना हुआ है। बगैर पानी के किसी भी जानदार का ज़िंदा रहना नामुमकिन है। हमारे मुल्क में कई ऐसे इलाक़े हैं जहा पानी की किल्लत या गन्दा पानी पीने की वजह से लोग मर रहे है।
- चार अरब लोग (दुनिया की आबादी का लगभग दो तिहाई) हर साल कम से कम एक महीने तक पानी की शदीद किल्लत (कमी) का सामना करते हैं।
- दो अरब से ज़्यादा लोग उन मुल्कों में रहते हैं जहां पानी की आपूर्ति अपर्याप्त है।
- 2025 तक दुनिया की आधी आबादी पानी की कमी का सामना कर रहे इलाकों में रह सकती है।
- 2030 तक लगभग 700 मिलियन लोग पानी की कमी से बेघर हो सकते हैं।
- 2040 तक, दुनिया भर में मोटे तौर पर 4 में से 1 बच्चा इन्तेहाई दबाव वाले इलाक़े में रह रहा होगा।
आइये क़ुरआन और हदीस से जानते हैं किसीको पानी पिलाना कैसा है-
1. अल्लाह के करीब ले जाने वाला अमल:
रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने फ़रमाया,
वो शख़्स कहेगा: "मेरे रब मै कैसे तुझे पानी पिलाता जब के तू खुद ही सारे जहानों को पानी पिलाने वाला है।"
अल्लाह ताला फरमाएगा, "मेरे फला बन्दे ने तुझसे पानी माँगा था तूने उसे पानी न पिलाया, अगर तू उसको पानी पीला देता तो (आज) उसको मेरे पास पा लेता।"
[सहीह मुस्लिम 6556]
इस हदीस में अल्लाह ताला और बन्दे की बात से पता चलता है की जो लोग प्यासे को पानी नहीं पिलाते अल्लाह उनसे कयामत के दिन इस बारे में सवाल करेगा। पानी पिलाने का अमल बन्दे को अल्लाह ताला के करीब ले जाता है। घर के किसी फर्द, मेहमान, किसी राह चलते इंसान या जानवर को पानी पिलाना या कही पानी का इंतेज़ाम करना अल्लाह को पानी पिलाना है।
2. पानी ज़िन्दगी देता है:
गंदा पानी हर 10 सेकेंड में एक इंसान की मौत की वजह बनता है। हर साल 3,575,000 लोग पानी से होने वाली बीमारियों (जैसे: डायरिया, हैज़ा, पेचिश वगैरा) से मर जाते हैं। अल्लाह ताला क़ुरआन में फरमाता है:
وَ جَعَلۡنَا مِنَ الۡمَآءِ کُلَّ شَیۡءٍ حَیٍّ
"और पानी से हर ज़िंदा चीज़ पैदा की।"3. मग़फ़िरत का ज़रिया:
रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने फ़रमाया,
"एक शख़्स जा रहा था कि उसे सख़्त प्यास लगी उसने एक कूँए में उतर कर पानी पिया। फिर बाहर आया तो देखा कि एक कुत्ता हाँप रहा है और प्यास की वजह से कीचड़ चाट रहा है। उसने (अपने दिल में) कहा ये भी इस वक़्त ऐसी ही प्यास में मुब्तला है जैसे अभी मुझे लगी हुई थी। (चुनांचे वो फिर कूँए में उतरा और) अपने चमड़े के मोज़े को (पानी से) भर कर उसे अपने मुँह से पकड़े हुए ऊपर आया और कुत्ते को पानी पिलाया। अल्लाह तआला ने उसके इस काम को क़बूल किया और उसकी मग़फ़िरत फ़रमाई।"
सहाबा ने कहा, या रसूलुल्लाह! क्या हमें चौपाओं पर भी अज्र मिलेगा?
आप (सल्ल०) ने फ़रमाया, "हर जानदार में सवाब है।"
[सहीह बुखारी-2363]
नबी करीम (सल्ल०) ने फ़रमाया,
''एक फ़ाहिशा औरत सिर्फ़ इस वजह से बख़्शी गई कि वो एक कुत्ते के क़रीब से गुज़र रही थी जो एक कूँए के क़रीब खड़ा प्यासा हाँप रहा था। ऐसा मालूम होता था कि वो प्यास की शिद्दत से अभी मर जाएगा। उस औरत ने अपना मोज़ा निकाला और उसमें अपना दुपट्टा बाँध कर पानी निकाला और इस कुत्ते को पिला दिया तो उसकी बख़्शिश उसी (नेकी) की वजह से हो गई।"
[सहीह बुखारी-3321]
इन दोनों हदीसों से पता चला कि जानवर के अलावा हर जानदार को पानी पिलाना चाहे वह काफिर हो, मुस्लिम इंसान हो या चौपाये हर किसी को पानी पिलाना सवाब का काम है। ये आसान सा अमल हमारी मग़फ़िरत का ज़रिया भी है।
4. बेहतरीन सदक़ा:
नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से पूछा गया कौन सा सदक़ा आपको पसंद हैं?
आप (सल्ल०) ने फ़रमाया, "पानी"।
[अबू दाऊद -1679 ]
पता चला पानी पिलाना बहुत बड़ा सवाब है। हमारे मुल्क में ऐसे बहुत से इलाक़े हैं जहाँ लोगों को पानी के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता है जिससे उसके दूसरे काम में खलल पड़ता है। ऐसे इलाक़ों में पानी का इंतज़ाम करना एक बेहतरीन सदक़ा है।
5. सदक़ा ए ज़ारिया:
नबी करीम (सल्ल०) ने फ़रमाया,
1. जारी रहने वाला सदक़ा।
2. वो इल्म जिससे नफा उठाया जाता रहे।
3. नेक औलाद जो उसके लिए दुआ करती रहे।
[अबू दाऊद 2880]
कहीं पर पानी का इंतज़ाम करना भी सदक़ा ए ज़ारिया है। जब हम कहीं पानी का इंतेज़ाम करते हैं तो लोगों को लम्बे वक़्त तक इसका फ़ायदा मिलता रहता है। ये एक जारिया है जो उस वक़्त तक आपको भी सवाब पहुंचता रहेगा जब तक लोग इससे फायदा उठाते रहेंगे।
पानी का इंतज़ाम कैसे करें?
साफ़ पानी मुहय्या करने के कई अलग अलग तरीके हैं जिनकी मदद से ज़रुरत मंदों तक पानी पहुँचाया जा सकता है। इसके लिए कुछ बेहतरीन तरीके हम पहले ही बता चुके हैं आइऐ अब कुछ मुख्तलिफ तरीकों के बारे में जानते हैं-जानते हैं-
1. कुआँ खुदवाना, ट्यूबवेल या हैंडपंप लगवाना, मदरसे, मस्जिद, स्कूल, सरायें जैसी जगहों पर वाटर टैंक रखवाना।
2. खेती और जानवरों के लिए तालाब खुदवाएं।
3. बारिश के महीनो में पानी को जमा करने के लिए Rainwater storage cellar लगवाएं।
4. जहाँ पानी की कमी है वह लोगों को बारिश का पानी इकठ्ठा करने के लिए टूल्स (tools) दिया जाये जिससे वो खुद पानी का इंतेज़ाम कर सकें।
5. किसानों को ड्रिप सिंचाई प्रणाली के बारे में बताये और इसके लिए उनकी माली तौर पर मदद करें।
6. गांव या खेतों में सौर-संचालित बोरहोल का इंतज़ाम कराएं। ये पानी की कमी को दूर करता है और हजारों लोगों को पानी मुहय्या करता है।7. Micro dams बना कर हम खेती और घरेलू उपयोग के लिए पानी को इकठ्ठा कर सकते हैं।
अल्लाह हमें दीन समझने की तोफ़ीक़ दे।
0 टिप्पणियाँ
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें।