Nabi kareem (SAW) ka apni biwi se muhabbat karne ka andaz

Nabi kareem (SAW) ka apni biwi se muhabbat karne ka andaz


नबी अलैहिस्सलाम कि अपनी बीवी से मोहब्बत के तर्ज़ का एक बड़ा ही खूबसूरत खेल


रसूल अल्लाह सल्ल्लाहू अलैहि वसल्लम - बतौर ए शौहर 

हजरत आयशा से रिवायत है के वह एक सफर में रसूल अल्लाह सल्ल्लाहू अलैहि वसल्लम के साथ थीं, अभी वह कम उम्र थीं, रसूल अल्लाह सल्ल्लाहू अलैहि वसल्लम ने अपने सहाबा से कहा : तुम लोग  आगे चले जाओ (वह आगे चले गए ) फिर आपने मुझ से फरमाया:-

"आओ, दौड़ का मुकाबला करें " मैंने मुकाबला किया तो तेज़ रफ्तारी की वजह से मैं आपसे जीत गई, फिर इसके बाद एक मौका आया और एक रिवायत में है: आप खामोश रहे, हत्ता के जब मुझ पर गोस्त चड़ गया और मैं भारी बदन वाली हो गई और मैं वो वाकया भूल चुकी थी,,

एक सफर में मैं आपके साथ चली, आपने अपने सहाबा से कहा : आगे चले जाओ ( वह चले गए ), फिर फरमाया :-" आओ दौड़ का मुकाबला करें"

मैं पिछला वाकया भूल चुकी थी और मुझ पर गोश्त भी चढ़ चुका था (यानी बदन भारी हो चुका था) , मैंने कहा:- " ऐ अल्लाह के रसूल ! मैं किस तरह आपका मुकाबला कर सकती हूं, मेरा ये हाल हो चुका है ??

रसूल अल्लाह सल्ल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया:- "तुम्हे मुकाबला तो करना पड़ेगा "

मैंने आपसे मुकाबला किया, आप मुझसे सबकत ले गए (और हसने लगे) फरमाया:- " ये उस जीत का बदला है"

(अस सिलसिला तुस सहीहा हदीस 1945)

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