अल्लाह कौन है? Who is Allah?

अल्लाह, एक अकेला, बिल्कुल जुदा, जिसका कोई सानी नहीं, उसके जैसी कोई मिसाल नहीं, उसकी कोई साथी या शरीक नहीं, उसका कोई दोस्त, भाई, बेटा, हमसफर नहीं, उसको किसी की ज़रूरत नहीं, वो अकेला इस पूरी क़ायनात को बनाने और सम्भालने के लिए काफ़ी है। 
अल्लाह ﷻ के ही लिए हैं खूबसूरत सिफाती नाम। इन को असमा-उल-हुस्ना कहा जाता है। ये नाम हमें अल्लाह की खूबियाँ बताते हैं।


अल्लाह कौन है? Who is Allah?




अल्लाह कौन है? (Who is Allah?)



अल्-ख़ालिक ال-خالِك पैदा करने वाला THE CREATOR, THE MAKER

सवाल 1. बिल्डिंग किसने बनाई?

जवाब: बिल्डर ने

सवाल 2. तस्वीर किसने बनाई?

जवाब: चित्रकार ने

सवाल 3. केक किसने बनाया?

जवाब: बेकर ने

जूते कोट पेन, किताब, बोतल, सोफा, कार – ये सारी चीजें बनाने वाला कोई ना कोई है। हमें कोई भी ये कहे के ये किताब या पेन अपने आप बन गया तो हमें उसपे यकीन ना होगा।

सवाल: ये दुनिया किसने बनाई?

गौर करें, आसमान, ज़मीन, पहाड़, पेड़, पौधे, जानवर और इंसान इन सबको बनाने वाला है- अल्लाह ﷻ, The only Creator.

अल्लाह, अरबी शब्द है, अर्थ है इश्वर, जिसकी इबादत की जाए। अल्लाह शब्द का कोई male, female का अन्तर नहीं, जैसे God-Goddess, ना ही इस नाम को किसी दूसरे के लिए प्रयोग किया जा सकता। अल्लाह शब्द से कोई और शब्द बनाए भी नहीं जा सकते- जैसे Godly, God Particle, Godlike, ईश्वरतुल्य। ना ही अल्लाह शब्द का कोई बहुवचन बन सकता, जैसे Gods.

अल्लाह ﷻ नाम सर्वशक्तिमान, सारी क़ायनात बनाने वाले ख़ालिक का वो नाम है, जो कि सिर्फ उस ही के लिए है और इस नाम के अलावा भी कई और नाम अल्लाह के हैं जो हमे अल्लाह की खूबियों से वाकिफ़ करवाते हैं।


वो अल्लाह ही है जिसके सिवा कोई माबूद नहीं, ग़ायब और ज़ाहिर हर चीज़ का जाननेवाला, वही रहमान और रहीम है।

वो अल्लाह ही है जिसके सिवा कोई माबूद नहीं। वो बादशाह है निहायत मुक़द्दस, सरासर सलामती, अम्न देनेवला, निगहबान, सबपर ग़ालिब, अपना हुक्म बज़ोर नाफ़िज़ करनेवाला, और बड़ा ही होकर रहनेवाला। पाक है अल्लाह उस शिर्क से जो लोग कर रहे हैं।

वो अल्लाह है जो पैदा करने वाला है, वुजूद में लाने (इजाद करने) वाला है, सूरत अता करने वाला है, सब अच्छे अच्छे नाम उसी के हैं, उसके लिए वो सब चीज़ें तस्वीह करती हैं जो आसमान और ज़मीन में हैं, और वो बड़ी इज्जत वाला है, बड़ी हिकमत वाला है।

कुरआन 59:22-24


असमा-उल-हुस्ना


अल्लाह ﷻ के ही लिए हैं खूबसूरत सिफाती नाम। इन को असमा-उल-हुस्ना कहा जाता है। ये नाम हमें अल्लाह की खूबियाँ बताते हैं।

अल्लाह ﷻ, अल्- ख़ालिक है। ال خالق , The Creator, पैदा करने वाला, रचियता, निर्माता।

अल्लाह ही ने धरती बनाई- चलने, फिरने, रहने का ठिकाना दिया।

अल्लाह ने सूरज बनाया- हमारी जिंदगी रौशन की।

अल्लाह ने ही चांद बनाया- हमारे लिए साल महीने दिन रात का फर्क़ करने के लिए।


वो दिन के अंदर रात को और रात के अंदर दिन को पिरोता हुआ ले आता है। चांद और सूरज को उसने अपनी खिदमत में लगा रखा है। ये सब कुछ एक मुकर्रर वक्त तक चले जा रहा है। वही अल्लाह (जिसके ये काम हैं) तुम्हारा रब है।

कुरआन 31:29

Tawheed - who is Allah



अल्लाहﷻ ने ही हमे पानी दिया, पानी के बिना जीवन सम्भव नहीं। जल ही जीवन है- अल्लाह ने हमें पानी दिया पीने और साफ-सफाई के लिए।

सबसे बेहतरीन पेय पानी है, इसका कोई बदल नहीं। प्यास बुझाने का काम पानी ही से होता है।


ये ग़ौर नहीं करते कि ये सब आसमान और ज़मीन आपस में मिले हुए थे, फिर हमने इन्हें अलग किया, और पानी से हर ज़िन्दा चीज़ पैदा की?

कुरआन 21:30


इंसान के शरीर में 70% पानी होता है। धरती पर पानी के बिना जीवन सम्भव नहीं। पानी सिर्फ पीने के ही लिए नहीं मगर अन्न उगाने, खाना पकाने, और कई और चीजें बनाने और अच्छी सेहत के लिए पानी का कोई विकल्प नहीं।

अल्लाहﷻ ने हमें क्या नहीं दिया, मिट्टी दी के हम उससे अन्न उगाये, सर छुपाने को छत दी, दोस्त दिए, परिवार दिया हमारा ख़्याल रखने को।

अल्लाह, अल्- मुसव्विर, المُصوِّرْ , The flawless Shape Maker, बेहतरीन सूरत शक़्ल बनाने वाला।

अल्लाहﷻ ने ये दुनिया हमारे लिए खूबसूरत बनाई। दुनिया के सारे प्राणी, इंसान और तमाम चीज़ें चाहे वो जानदार हो या बेजान सभी की तस्वीर और सूरत बनाई। वो भी बिना किसी सैंपल के। एक चांद के नजाने कितने रूप हमें दिखाए। वही चांद रोज बिल्कुल अलग दिखाई देता है। इंसान की सूरत भी हर पल बदलती रहती है। किसी भी इंसान के दो फोटो खीचें एक साल के फर्क़ से तो अन्तर स्पष्ट हो जाएगा। ना सिर्फ अल्लाहﷻ ने करोड़ों मखलूक को अलग अलग शक्ल दी मगर ऐसी शक्ल जो रोज नया रूप ले लेती है।

अल्लाहﷻ ने ही हमारे माहौल की भी शक़्ल ऐसी बनाई, गतिशील। आज जहां हरियाली दिखती है कल को वहाँ पतझर। आज बर्फ़ है तो कल साफ़ जमीन। पौधें हर पल नयी शक्ल अख्तियार करते हैं। ये सारी खूबसूरत दुनिया का रचियता अल्लाह, अल्- मुसव्विर।


ऐ इनसान! किस चीज़ ने धोके में डाला तुझे, तेरे रब के बारे में, जो बहुत इज्जत वाला है। जिसने पैदा किया तुझे, फिर दुरुस्त किया तुझे, फिर बराबर उसने किया तुझे, और उसने जोड़ दिया तुझे जिस सूरत में चाहा।

कुरआन 82:6-8


अल्लाहﷻ और कई ज़रूरत की चीजें बनाने में हमारी मदद फरमाता है-

▪︎घर

▪︎कार

▪︎स्कूल

▪︎कपड़े

▪︎खाना

अल्लाहﷻ ने हमें अक़्ल दी, इस्तेमाल करके बेहतरीन चीज़ें बनाने के लिए। जो कुछ हम देखते हैं अल्लाह की तरफ से तोहफ़ा है। अल्लाहﷻ ने हमे धातु दी के उससे हम कार बना सके। लकड़ी, धातु , रेत, पत्थर, मिट्टी दी के हम घर बना सकें। ऊन, कपास, रेशम दिया के कपड़े बना सकें। सुबहानल्लाह।

अल्लाह एक है

अल्लाह हमेशा से था और हमेशा रहने वाला है।

ना अल्लाह पैदा हुआ, ना कभी फना होगा।

ना अल्लाह के माँ, बाप हैं।

ना अल्लाह की कोई औलाद।

अल्लाह को किसी की मदद ज़रूरत नहीं।

अल्लाह की मदद की ज़रूरत हर एक है।

हम सबको बनाने वाला एक ही ईश्वर है,

हम उसकी ही इबादत करते हैं।


"कह दीजिए। वो अल्लाह जो एक है! अल्लाह बेनियाज है! ना उसने किसी को जना,और ना वो किसी से जना गया! और ना उसके बराबर कोई एक!"

कुरआन 112:1-4


अल्लाह- अल्-वाहिद----- الواحد ----- The One ----------------- एक अकेला

अल्लाह – अस्- समद --- الصمد ---- The Self Sufficient------ ख़ुदमुख्तार

अल्लाह – अल्- हय्य ---- الحي ------ The living---------------- शास्वत

अल्लाह – अल्- कय्यूम- القيوم ------ The Self existing------- क़ायम रहने वाला

अल्लाह – अल्- अलीय- العلي------- The Most High -------- बहुत बुलंद

अल्लाह – अल्-अजीम - العظيم------ The Great--------------- बहुत आला


अल्लाहﷻ हमसे मुहब्बत करता है, हमें भी अल्लाहﷻ से मुहब्बत करना चाहिए। अल्लाह, अल्-वदूद, The Most Loving and affectionate, सबसे अधिक स्नेही, भलाई चाहने वाला।


"और एहसान करो, बेशक अल्लाह एहसान करने वालों से मुहब्बत रखता है।"

कुरआन 2:195


अल्लाहﷻ हमसे मोहब्बत करता है, अल्लाहﷻ ने हमें खूबसूरत आंखे दी और ये खूबसूरत दुनिया बनाई के हम देख सके। खुशबु भी दी और सूंघने की शक्ति भी, बेहतरीन आवाजें बनायीं और सुनने की ताकत दी, मेहसूस करने, खाने पीने स्वाद लेने की ताकत दी फिर बेहतरीन पकवान दिए फल सब्जी अन्न दिए। अल्लाहﷻ ने हमें इतना नवाज़ दिया कि गिन पाना मुमकिन नही। ये नेमते अल्लाहﷻ की मोहब्बत बताती हैं।


अगर तुम अल्लाह की नेमतों को गिनना चाहो तो गिन नहीं सकते। हक़ीक़त तो ये है कि इनसान बड़ा ही बे-इंसाफ़ और नाशुक्रा है।

कुरआन 14:34


अल्लाहﷻ ही वाहिद वो हस्ती है जो तमाम तारीफ़ के लायक है। अल्लाहﷻ ही हमारे वुजूद का, हमारे आराम का, हमारे काम का, हमारे होने की वजह है। अल्लाह, अल्-हमीद, The Praiseworthy, क़ाबिल ए तारीफ़ खूबियों वाला।

अल्लाह, अल्- मानी, The preventer, The Withholder, रोकने वाला, मना करने वाला। अल्लाहﷻ ही वो जो अपनी रहमत और अपनी हिदायत को रोक देता है उनके पास जाने से जो उसके लायक नहीं।

अल्लाहﷻ ही अद-दार्र, ज़र्र पहुचाने वाला, नुकसान पहुचाने वाला, The Distresser, The Punisher. अल्लाहﷻ ही बेहतरीन बदला देने वाला है। जो किसी को बेवजह नुकसान पहुंचाता है, अल्लाह उसको नुकसान पहुंचाता है।

 

तमाम तारीफ़ अल्लाह ही के लिये है जो सारे जहान का रब [पालनहार] है।

कुरआन 1:1


अल्लाह, इस सृष्टि का पालनहार और रचियता, जिसने इस सृष्टि की रचना एक मकसद से की है। वो मकसद है अल्लाह की इबादत। और इस मकसद को पूरा करने और मानव जाति को सही रास्ता दिखाने के लिए अल्लाह ने अपने संदेशवाहक समय समय पर धरती पर भेजे। उनमे से कुछ हैं- आदम, इब्राहिम, नुह, मूसा, ईसा, मुहम्मद। उन सभी ने एक ही संदेश मानव जाति तक पहुंचाया- हम सबको बनाने वाला एक ईश्वर है और हमें उसी की इबादत करनी है। मुहम्मद अल्लाह के आखिरी संदेशटा ( रसूल) ने अल्लाह के द्वारा दी गई हिदायत को सारी मानव जाति तक पहुंचाया। 

अल्लाह, एक अकेला, बिल्कुल जुदा, जिसका कोई सानी नहीं, उसके जैसी कोई मिसाल नहीं, उसकी कोई साथी या शरीक नहीं, उसका कोई दोस्त, भाई, बेटा, हमसफर नहीं, उसको किसी की ज़रूरत नहीं, वो अकेला इस पूरी क़ायनात को बनाने और सम्भालने के लिए काफ़ी है।


अल्लाह के सिवा दूसरा कोई इस लायक नहीं की जिसकी इबादत की जाए, ना कोई इस काबिल के उन्हें पुकारा जाए, ना किसी दूसरे से दुआ मांगी जाए। अल्लाह को कभी भी किसी भी मखलूक की मदद की ज़रूरत नहीं है, और दुनिया की हर शे को हर हाल में सिर्फ अल्लाह की ही जरूरत है। अल्लाह सब सुनता है, सब देखता है और सब जानता है। अल्लाह के इल्म में हर चीज़ है,  चाहे छुपी हो या खुली, जग-जाहिर हो या रहस्य। अल्लाह जानता है जो हो चुका, जो हो रहा है, और जो होने वाला है। इस क़ायनात का एक पत्ता भी नहीं हिल सकता अल्लाह की मर्जी के बिना।

अल्लाह को छोड़कर जिन लोगों को तुम पुकारते हो वह लोग अगरचे सब के सब इस काम के लिए इकट्ठे भी हो जाएँ तो भी एक मक्खी तक पैदा नहीं कर सकते और कहीं मक्खी कुछ उनसे छीन ले जाए तो उससे उसको छुड़ा नहीं सकते (अजब लुत्फ है) कि माँगने वाला (आबिद) और जिससे माँग लिया (माबूद) दोनों कमज़ोर हैं।


कुरआन  22:73


अल्लाह की मर्ज़ी, दुनिया के हर प्राणी की मर्ज़ी के ऊपर है। जो अल्लाह चाहता है होता है,  जो नहीं चाहता कभी नहीं होता। अल्लाह की ताकत सब पर हावी है, और अल्लाह के लिए कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं। अल्लाह सबसे ज़्यादा रहमत करने वाला है। हम जो चाहे अल्लाह से सीधे रख मांग सकते हैं किसी के वसीले की ज़रूरत नहीं।


अल्लाह : एक अलग नया ख़ुदा?

इस सृष्टि का रचियता को इस्लाम के अनुसार “अल्लाह” कहते हैं, ये अरबी में God या परमेश्वर का अर्थ है। मुस्लिम “अल्लाह” नाम से सृष्टि रचियता को पुकारते हैं चाहे वो कोई भी भाषा बोलते हों, क्योंकि कुर’आन अरबी में है। मगर अल्लाह कोई नया ख़ुदा नहीं बल्कि अल्लाह ही वो ईश्वर है जिसे इब्राहिम, मुसा और ईसा (عليه السلام‎) का रब है। और सनातन धर्म की शुरुआत भी एक ईश्वर की बुनियाद पर है। धीरे धीरे समय के साथ इसमें बदलाव होते गए, और एक परमेश्वर के साथ कई नए बुत को इजाद हुए। अल्लाह सृष्टि का रचियता और सबका पालनहार और रब है, चाहे लोग अपनी भाषा मे उसे किसी और नाम से जानते और मानते हों। अल्लाह कोई नया ख़ुदा नहीं जो हज़रत मोहम्मद या मुस्लिमों ने मन से गढ़ लिया हो, बल्कि अल्लाह, वो सृष्टि का रचियता है जिसे God, परमेश्वर, रब, Elohim, Lord के नाम से भिन्न भिन्न भाषा के लोग जानते और मानते हैं।


इतनी शक्ति हमें देना दाता 

मन का विश्वास कमज़ोर होना ।

हम चलें नेक रास्ते पे हमसे 

भूल कर भी कोई भूल होना ।


ये प्रार्थना की जा रही है- दाता से। 

दाता- देने वाला 

जिंदगी देने वाला- अल्लाह 

मौत देने वाला- अल्लाह 

जिस्म देने वाला- अल्लाह 

साँस देने वाला- अल्लाह 

रिजक देने वाला- अल्लाह 

बीमारी देने वाला- अल्लाह 

दुःख देने वाला- अल्लाह 

सुख देने वाला- अल्लाह 

सब्र देने वाला- अल्लाह 


जी , भाषा कोई भी हो, सबका ईश्वर एक है, सबका मालिक एक है। वही दाता है, वही God, वही अल्लाह है, और वो एक है।


तौहीद

इस्लाम एक ईश्वर वादी धर्म है, और एक ईश्वर जिसकी इबादत की जाए पूजा जाए, उसके सिवा दूसरा कोई इसके बराबर नहीं, जिसकी इबादत की जाए। अनेक ईश्वर के विश्वास को इस्लाम में कोई जगह नहीं।  एक ईश्वर मे विश्वास को ही तौहीद कहा जाता है.

अल्लाह वो रब है जो सारे जहाँ को पालने वाला, खिलाने वाला, जिंदगी और मौत का मालिक है। इस दुनिया की हर चीज़ का मालिक सिर्फ़ अल्लाह है, आपका और मेरा भी। हम कहते हैं ‘मेरा घर’, ‘मेरा पैसा’, ‘मेरी कार’ मगर असल में ये सब कुछ अल्लाह का ही है। 

अपने रब की इबादत करने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है अपने रब को पहचानना, वरना हम सीधी राह से भटक जाएंगे। अल्लाह किसी इंसान के जैसा नहीं , ना ही इंसान के दिमाग़ में वो ताकत के अल्लाह की तस्वीर बना सके।


आसमानों और ज़मीन का बनानेवाला, जिसने तुम्हारी अपनी जिंस से तुम्हारे लिये जोड़े पैदा किये और इसी तरह जानवरों में भी (उन्हीं के सह्जाति) जोड़े बनाए और इस तरीक़े से वो तुम्हारी नस्लें फैलाता है। कायनात की कोई चीज़ उसके जैसी नहीं, वो सब कुछ सुनने और देखनेवाला है।

कुरआन 42:11


कुरआन के अनुसार, किसी श्वेत को अश्वेत पे कोई बढ़ोतरी हासिल नहीं, ना अरबी को अजमी पर कोई सबकत हासिल। अल्लाह ने सबको बराबर बनाया है। अगर फर्क़ है तो सिर्फ़ तकवा और परहेज़गारी का।


लोगो, हमने तुमको एक मर्द और एक औरत से पैदा किया और फिर तुम्हारी क़ौमें और ब्रादरियाँ बना दीं ताकि तुम एक-दूसरे को पहचानो। हक़ीक़त में अल्लाह के नज़दीक तुममें सबसे ज़्यादा इज़्ज़त वाला वो है जो तुम्हारे अन्दर सबसे ज़्यादा परहेज़गार है। यक़ीनन अल्लाह सब कुछ जाननेवाला और बाख़बर है।

कुरआन 49:13


सारे इंसान, इस्लाम के अनुसार एक रब के द्वारा बनाए गए हैं, और सब आपस में भाई हैं। सब आदम और हव्वा के पीढ़ी हैं,  और सबको एक दूसरे से मुहब्बत और प्रेम से पेश आना चाहिए। सभी इंसानों को आपस में भाईचारा रखना चाहिए और एक दूसरे के मुश्किल वक़्त में मदद करनी चाहिए।

साभार : फ़िज़ा ख़ान 

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2 टिप्पणियाँ

  1. अगर उल्टी गिनती शुरू करें,तो इंसान को मालूम होगा कि एक चैन की तरह आदम की औलाद किस तरह अलग-अलग जगहों पर फैल गई और अपने अलग अक़ीदे बना लिये।

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    1. Beshaq...ALLAH hame us chain ko fir se ek karne ki taufeeq ata kare....Hame hamare maqsad me kamyabi de....

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