फ़िलिस्तीनियों की मदद कैसे करें?
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से, अरबों की सरज़मीन फ़िलिस्तीन पर इजरायल धीरे धीरे करके क़ब्ज़ा जमा लिया जिसके नतीजा में इसराइल की तरफ से दंगे पर दंगे होते रहे, अरबों को जान-माल का नुकसान होता रहा। इस लड़ाई में लाखों की तादाद में फ़िलिस्तीनी ने अपना मुल्क़ छोड़ दिया पर जो रह गए उन्हें हमेशा किसी न किसी परेशानी का सामना करते रहना पड़ा। उन लोगों के लिए हालत मुश्किल भरे बने हुई है जो अभी भी गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक के फिलिस्तीनी इलाक़ों में रह रहे हैं।
7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास (Hamas) के हमले के बाद फ़िलिस्तीन और इजरायल के बीच दोनों तरफ से मिसाइलें दागी जा रही हैं। जिसमे दोनों ही मुल्कों में जान और माल का नुकसान हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक अब तक कम से कम 1600 लोगों की मौत हो चुकी है। दोनों मुल्कों के बीच की लड़ाई अब एक खतरनाक मोड़ पर आ चुकी है।
ऐसे माहौल में खाने-पिने की चीज़ें, दवाइयाँ और ज़रुरत के दूसरे सामान का इंतेज़ाम हो पाना मुश्किल हो जाता है। हर इंसान मदद कर सके ये ज़रूरी नहीं है पर दुआ ज़रूर कर सकता है इसलिए हमें उन मासूम लोगों के लिए ज़्यादा से ज़्यादा दुआ करनी चाहिए और जिन्हे अल्लाह तआला ने इस लायक़ बनाया है के दूसरी तरह की मदद कर सकें तो वो ज़रूर आगे आये।
अगर आप सोच रहे हैं कि फ़िलिस्तीन की मदद कैसे करें, तो आप कई तरीक़े से उनकी मदद कर सकते हैं:
1. हक़ीकत का पता लगाएं:
फ़िलिस्तीन की मदद के लिए सबसे पहले हमें उनके बारे में जानना होगा, क्या वजह है जो फ़िलिस्तीन आज उनके खिलाफ जंग कर रहा है, आखिर क्यों हज़ारों की तादाद में फ़िलिस्तीनियों को क़त्ल किया जाता रहा है, इजरायल उनपर ज़ुल्म भी करता है और सही भी ठहराया जाता है।
फ़िलिस्तीनियों की जद्दोज़हद (struggle), मौजूदा हालात और उनके हक़्क़ के बारे में जानकारी हासिल करे। इससे आपको मौजूदा मुद्दों की बेहतर समझ मिलेगी और आप उनकी किस तरह मदद कर सकते हैं इसका अंदाज़ा भी होगा।
2. लोगों तक सही बात पहुँचायें:
हमारे मुल्क भारत में लोग दो तरह की बातें कर रहे हैं, कुछ कहते हैं फ़िलिस्तीनियों पर ज़ुल्म हो रहा है और कुछ इजरायल को सही ठहरा रहे हैं। सबसे पहले हमें लोगों तक सही ख़बर पहुंचनी होगी की इजरायल ने पिछले 15 सालों में करीब डेढ़ लाख फलस्तिनियों को कत्ल किया। फ़िलिस्तीनियों की सरज़मीन पर क़ब्ज़ा करने वाला इजरायल उन्हें उनकी ही ज़मीन से दूर करता रहा, रहाइशी इलाक़ों में बमबारी, बच्चों और जवानों पर हमला आम बात हो गई थी।
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, फ़िलिस्तीन पर ब्रिटिश शासन से पहले, यहूदी कुल आबादी का करीब 6 प्रतिशत थे। 1947 से 1950 तक, नकबा या " कैटास्ट्रोफ" के दौरान, यहूदी फ़ौजीयों ने कम से कम 750,000 फिलिस्तीनियों को निकाल दिया और फिलिस्तीन के 78 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया। 22 प्रतिशत हिस्सा जो बच गया था उसे वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी का नाम दिया गया।
1967 के जंग के दौरान, इजरायली फ़ौज ने पूरे फ़िलिस्तीन पर कब्जा कर लिया और 300,000 से ज़्यादा फिलिस्तीनियों को उनके घरों से निकाल दिया गया।
2008 और 2021 के बीच, कम से कम 5,739 फ़िलिस्तीनी और 251 इजरायली मारे गए।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, इजरायल में एक मौत के मुकाबले फ़िलिस्तीन में 23 लोगों की मौतें हुई, इस दौरान कम से कम 1,21,438 फिलिस्तीनी और 5,682 इजरायली घायल हुए।
3. फेक न्यूज़ से बचें:
हमारे देश के ज़्यादतर न्यूज़ चैनल फ़िलिस्तीन और इज़राइल की जंग में फ़िलिस्तीनी लड़ाकों को आतंकी बता रहे हैं, ये इस्लाम के दुश्मन इस्लाम को आतंक से जोड़ रहे हैं और गलत ख़बरों को लोगों तक पहुंचा रहे हैं। 15 सालों में 180 महीने होते हैं, 2023 में इज़राइल के सिर्फ 600 लोग मरे और 180 महीने में कुल 851 लेकिन इन 180 महीनों में 600 से ज्यादा हर महीने फ़िलिस्तीनी मारे गये है, कुल करीब डेढ़ लाख फलस्तिनियों को कत्ल किया गया।
इतनी मौतों के बावज़ूद भी किसी चैनल पर इसका ज़िक्र नहीं किया गया और आज इसराइल के 600 लोग क्या मारे गए के सब हमास को आतंकवादी साबित करने में लग गए। इनमे वो न्यूज़ चैनल भी शामिल हैं जो मुसलमानों के हिमायती बने बैठे हैं और मुस्लिमों के रहम ओ करम पर आज लाखों की कमाई कर रहे है। जैसे रवीश कुमार, श्याम मीरा सिंह, रोहिणी सिंह, अभिसार शर्मा, विनोद कापड़ी और साक्षी जोशी, बरखा दत्त पत्रकार है। सिर्फ़ यही नहीं बल्कि दर्जनों लोग हैं जो मुसलमानों के ज़रिया शोहरत पाकर आज फ़िलिस्तीन के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं।
इन पत्रकारों के सब्सक्राइबर्स, फ़ॉलोअर्स सबसे ज़्यादह मुसलमान हैं और मुसलमानों से होने वाली कमाई पर ही पल रहे हैं। आप जितनी ज़्यादह इनकी वीडिओज़/ट्वीट/पोस्ट देखेंगे उतना ही इनका इम्प्रेशन बढ़ेगा और उस इम्प्रेशन से इन लोगों की जेब मोटी होगी और वही पैसा ये पत्रकार मुसलमान और इस्लाम के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने में इस्तअमाल करेंगे। ऐसे पत्रकारों को तुरंत अनफॉलो, अनसब्सक्राइब, डिसलाइक करें और इनकी कमाई का जरिया बनना बंद करें।
4. शांति की अपील करें:
जंग में मासूमों की जान-माल का नुकसान होता है। अगर दोनों मुल्कों में सुलह हो जाये तो ये जंग रुक जाएगी। इसके लिए हम अपील कर सकते हैं कि फ़िलिस्तीन अरब की ज़मीन है इजरायली उसे वापस लौटा दें और जहाँ से आये थे वही लौट जाएं। इसके लिए दूसरे मुल्क आपस में समझौते की बात रख कर इस मालमे को शांति से सुलझा सकते हैं। ये एक कोशिश होगी पर जिस तरह इजरायल ने फ़िलिस्तीन पर ज़ुल्म किये उसके बाद ये समझौता शायद ही हो सकेगा।
5. फ़िलिस्तीनी कारोबार को सपोर्ट करें:
फ़िलिस्तीन की मदद करने का एक और बेहतरीन तरीका फ़िलिस्तीनी कारोबार को सपोर्ट करना है। हमारे मुल्क में फ़िलिस्तीन से आये हुए कई तरह के सामान बिकते हैं जिन्हे ऑनलाइन, या अपने इलाक़े के बाज़ारों और दुकानों पर जाकर पा ले सकते हैं। इन्हें खरीद कर हम उन कारोबारियों की माली तौर पर मदद कर सकते हैं जो अपने माल का इस्तेमाल इस जंग में हुए नुकसान की भरपाई और लोगों की मदद में करेंगे।
6. इजरायली प्रोडक्ट्स का बॉयकॉट करें:
इजरायली प्रोडक्ट्स का बॉयकॉट मतलब उनकी इकॉनमी को कमज़ोर करना है या ये कह लें के हम उनके सामान नहीं खरीदेंगे और ऐसा करने पर उनकी इनकम पर असर पड़ेगा और चल रही जंग में उन्हें जो मदद उनके अपने बड़े कारोबारियों से मिल रही है वो नहीं मिल पायेगी।
7. गाज़ा फण्ड या दूसरे आर्गेनाइजेशन को डोनेट करें:
फ़िलिस्तीन की मदद करने का सबसे तेज़ और सबसे प्रभावशाली तरीकों में से एक आर्गेनाइजेशन को दान देना है जो फ़िलिस्तीनियों को मदद करते हैं। गाज़ा फण्ड या दूसरे आर्गेनाइजेशन मुसीबतज़दा लोगों को खाना, कपडा, घर और इलाज़ में मदद करते हैं। आपका दान उन लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है जो पीड़ित हैं।
अल्लाह तआला फ़िलिस्तीनियों को इसराइल के ज़ुलम से नजात दे।
आमीन
Posted By Islamic Theology
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