Pichli kitabon mein Muhammad saw ke aane ki peshngoi

Pichli kitabon mein Muhammad saw ke aane ki peshngoi


हजरत मुहम्मद ﷺ के अल्लाह के पैग़म्बर होने के सबूत।

पिछली किताबों में मुहम्मद ﷺ के आने की पेशनगोई


मुहम्मद ﷺ अल्लाह की तरफ से भेजे गए आखिरी पैगम्बर है जो दुनिया की सब कौमों की तरफ आए थे। और आप ﷺ के आखिरी पैगम्बर होने की पेशनगोई पहले की सब किताबों में मौजूद है जो भी अल्लाह की तरफ से इस दुनिया में आई है। कुरआन में जगह जगह इस बात का जिक्र किया गया है कि जिन्हे पहले आसमानी किताबें दी गई थी उन्हें मुहम्मद ﷺ आखिरी पैगम्बर होने के बारे में भी साफ साफ बता दिया था। इस लेख में हम सिर्फ कुरआन की वो आयतें पेश करेंगे जिसमे मुहम्मद ﷺ के आखिरी पैगम्बर होने की दलील पिछली किताबों को बनाया गया है। 


اَلَّذِیۡنَ یَتَّبِعُوۡنَ الرَّسُوۡلَ النَّبِیَّ الۡاُمِّیَّ الَّذِیۡ یَجِدُوۡنَہٗ مَکۡتُوۡبًا عِنۡدَہُمۡ فِی التَّوۡرٰىۃِ وَ الۡاِنۡجِیۡلِ ۫ یَاۡمُرُہُمۡ بِالۡمَعۡرُوۡفِ وَ یَنۡہٰہُمۡ عَنِ الۡمُنۡکَرِ وَ یُحِلُّ لَہُمُ الطَّیِّبٰتِ وَ یُحَرِّمُ عَلَیۡہِمُ الۡخَبٰٓئِثَ وَ یَضَعُ عَنۡہُمۡ اِصۡرَہُمۡ وَ الۡاَغۡلٰلَ الَّتِیۡ کَانَتۡ عَلَیۡہِمۡ ؕ فَالَّذِیۡنَ اٰمَنُوۡا بِہٖ وَ عَزَّرُوۡہُ وَ نَصَرُوۡہُ وَ اتَّبَعُوا النُّوۡرَ الَّذِیۡۤ اُنۡزِلَ مَعَہٗۤ ۙ اُولٰٓئِکَ ہُمُ الۡمُفۡلِحُوۡنَ  

"[तो आज ये रहमत उन लोगों का हिस्सा है] जो इस पैग़म्बर, उम्मी नबी की पैरवी इख़्तियार करे जिसका ज़िक्र उन्हें अपने यहाँ तौरात और इंजील में लिखा हुआ मिलता है। वो उन्हें नेकी का हुक्म देता है, बुराई से रोकता है, उनके लिये पाक चीज़ें हलाल और नापाक चीज़ें हराम करता है, और उनपर से वो बोझ उतारता है जो उनपर लदे हुए थे और उन बन्धनों को खोलता है जिनमें वो जकड़े हुए थे, इसलिये जो लोग उसपर ईमान ले आएँ और उसकी हिमायत और मदद करें और उस रौशनी की पैरवी करें जो उसके साथ उतारी गई है, वही कामयाब होनेवाले हैं।"

[कुरआन 7:157]


وَ اِذۡ قَالَ عِیۡسَی ابۡنُ مَرۡیَمَ یٰبَنِیۡۤ اِسۡرَآءِیۡلَ اِنِّیۡ رَسُوۡلُ اللّٰہِ اِلَیۡکُمۡ مُّصَدِّقًا لِّمَا بَیۡنَ یَدَیَّ مِنَ التَّوۡرٰىۃِ وَ مُبَشِّرًۢا بِرَسُوۡلٍ یَّاۡتِیۡ مِنۡۢ بَعۡدِی اسۡمُہٗۤ اَحۡمَدُ ؕ فَلَمَّا جَآءَہُمۡ بِالۡبَیِّنٰتِ قَالُوۡا ہٰذَا سِحۡرٌ مُّبِیۡنٌ 

"और याद करो ईसा इब्ने-मरयम की वो बात जो उसने कही थी, "ऐ बनी-इसराईल! मैं तुम्हारी तरफ़ अल्लाह का भेजा हुआ रसूल हूँ, तसदीक़ करनेवाला हूँ उस तौरात की जो मुझसे पहले आई हुई मौजूद है, और बशारत देनेवाला हूँ एक रसूल की जो मेरे बाद आएगा जिसका नाम अहमद होगा।" मगर जब वो उनके पास खुली-खुली निशानियाँ लेकर आया तो उन्होंने कहा ये तो सरीह धोखा है।"

[कुरआन 61:6]


یٰۤاَہۡلَ الۡکِتٰبِ قَدۡ جَآءَکُمۡ رَسُوۡلُنَا یُبَیِّنُ لَکُمۡ عَلٰی فَتۡرَۃٍ مِّنَ الرُّسُلِ اَنۡ تَقُوۡلُوۡا مَا جَآءَنَا مِنۡۢ بَشِیۡرٍ وَّ لَا نَذِیۡرٍ ۫ فَقَدۡ جَآءَکُمۡ بَشِیۡرٌ وَّ نَذِیۡرٌ ؕ وَ اللّٰہُ عَلٰی کُلِّ شَیۡءٍ قَدِیۡرٌ

"ऐ किताबवालो, हमारा ये रसूल ऐसे वक़्त तुम्हारे पास आया है और दीन की वाज़ेह तालीम तुम्हें दे रहा है, जबकि रसूलों के आने का सिलसिला एक मुद्दत से बन्द था, ताकि तुम ये न कह सको कि हमारे पास कोई ख़ुशख़बरी देनेवाला और डरानेवाला नहीं आया। तो देखो, अब वो ख़ुशख़बरी देनेवाला और डरानेवाला आ गया और अल्लाह हर चीज़ पर क़ुदरत रखता है।"

[कुरआन 5:19]


یٰۤاَہۡلَ الۡکِتٰبِ لِمَ تَکۡفُرُوۡنَ بِاٰیٰتِ اللّٰہِ وَ اَنۡتُمۡ تَشۡہَدُوۡنَ

"ऐ किताबवालो! क्यों अल्लाह की आयतों का इनकार करते हो, हालाँकि तुम ख़ुद उनको देख रहे हो?"

[कुरआन 3:70]


नोट: तौरात और इंजील के नीचे लिखे मक़ामात देखें- जहाँ मुहम्मद (सल्ल०) के आने के बारे में साफ़ इशारे मौजूद हैं। व्यवस्थाविवरण, अध्याय-18, आयत-15 से 19 मत्ती, अध्याय-21, आयत-33 से 46 यूहन्ना अध्याय-1, आयत-19 से 21 यूहन्ना, अध्याय-14, आयत-15 से 17 और 25 से 30 यूहन्ना, अध्याय-15, आयत-25, 26 यूहन्ना, अध्याय-16 आयत-7 से 15।

यह टॉपिक बड़ा होने की वजह से तफसील तलब है जिसके लिए हमारी अलग से एक सीरीज आयेगी जिसका नाम "अहले किताब (यहूदियों और ईसाइयों) को दावत ए इस्लाह" होगा। इंशा अल्लाह।


By इस्लामिक थियोलॉजी

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