Bitcoin haram ya halal?

Bitcoin haram ya halal? Cryptocurrency

बिटकाइन - हराम / हलाल?

क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) है, जिसे केवल इंटरनेट पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह कागज़ या सिक्के के रूप में नहीं होती, बल्कि पूरी तरह से वर्चुअल होती है। इसे क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) नामक तकनीक से सुरक्षित किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन ब्लॉकचेन (Blockchain) नाम की तकनीक पर आधारित होता है।


ब्लॉकचेन और काम करने का तरीका

ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेज़र (खाता-बही) की तरह है, जिसमें हर लेन-देन दर्ज होता है। जब कोई व्यक्ति लेन-देन करता है (जैसे किसी को Bitcoin भेजता है), तो वह ट्रांज़ैक्शन नेटवर्क पर मौजूद हज़ारों कंप्यूटर्स (Nodes) द्वारा वेरीफाई किया जाता है। यह वेरीफिकेशन प्रक्रिया माइनिंग (Mining) कहलाती है। वेरीफिकेशन के बाद यह जानकारी ब्लॉक में जुड़ जाती है और फिर चेन से लिंक हो जाती है, जिसे बदलना लगभग नामुमकिन होता है।


क्रिप्टोकरेंसी का नियंत्रण किसके पास होता है?

  1. किसी भी सरकार या केंद्रीय बैंक का इस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता।
  2. यह एक डिसेंट्रलाइज्ड (Decentralized) सिस्टम है।
  3. पूरा नियंत्रण ब्लॉकचेन नेटवर्क और उस नेटवर्क से जुड़े यूज़र्स (Nodes/Miners) के पास होता है।


 प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी

आज दुनिया में हज़ारों क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। कुछ प्रमुख नाम:

  • Bitcoin (BTC)
  • Ethereum (ETH)
  • Ripple (XRP)
  • Litecoin (LTC)
  • Tether (USDT)
  • BNB, Cardano (ADA), Solana (SOL) आदि।


किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी लीगल है?

हर देश का कानून अलग है:

i. लीगल / रेगुलेटेड देश: अमेरिका, कनाडा, European Union (जैसे जर्मनी, फ्रांस) – रेगुलेटेड और टैक्सेबल। जापान – पूरी तरह लीगल और कंट्रोल्ड। दुबई में Crypto Trading और Exchange लीगल।

ii. बैन या आंशिक बैन वाले देश: चीन, बांग्लादेश, नेपाल, मोरक्को – बैन।

भारत, पूरी तरह बैन नहीं है, लेकिन सरकार ने क्रिप्टो को लीगल करेंसी नहीं माना है। इंडिया में ट्रेडिंग की अनुमति है, लेकिन उस पर 30% टैक्स + 1% TDS लगता है।


नेटवर्क कौन चला रहा है?

  • क्रिप्टोकरेंसी का पूरा नेटवर्क डिसेंट्रलाइज्ड (Decentralized) है।
  • मतलब इसे कोई एक कंपनी, बैंक, सरकार या व्यक्ति नहीं चला रहा।
  • हज़ारों-लाखों कंप्यूटर (Nodes / Miners) दुनिया भर में ब्लॉकचेन नेटवर्क से जुड़े रहते हैं।
  • ये सभी मिलकर लेन-देन को वेरिफाई करते हैं और डेटा को ब्लॉकचेन पर स्टोर करते हैं।

तो, नेटवर्क की देखरेख किसी एक संस्था के हाथ में नहीं, बल्कि पूरे यूज़र नेटवर्क के हाथ में है।


अगर धोखा हो जाए तो क्या होगा?

यहाँ पर सबसे बड़ी कमी आती है:

  • क्रिप्टोकरेंसी पर कोई बैंक, RBI या सरकारी संस्था गारंटी नहीं देती।
  • अगर आपने किसी को क्रिप्टो भेज दिया और वो धोखा दे दे, तो आप पैसा वापस रिकवर नहीं कर सकते।
  • ब्लॉकचेन पर ट्रांज़ैक्शन एक बार हो गया तो उसे पलटा नहीं जा सकता (Irreversible)।


शिकायत कहाँ करें?

यह आपके देश पर निर्भर करता है:

  • भारत (India) - क्रिप्टो वैध मुद्रा नहीं है, लेकिन ट्रेडिंग मान्य है।
  • अगर धोखा हो जाए (जैसे किसी एक्सचेंज ने पैसा खा लिया), तो आप साइबर क्राइम सेल या पुलिस में शिकायत कर सकते हैं।
  • परंतु, सरकार या RBI आपके पैसे वापस नहीं कराएंगे।


जिम्मेदारी किसकी है?

  • अगर आप सीधे ब्लॉकचेन पर लेन-देन करते हैं (जैसे अपने प्राइवेट वॉलेट से किसी को क्रिप्टो भेजा): तो पूरी जिम्मेदारी आपकी है। कोई मदद नहीं मिल पाएगी।
  • अगर आप किसी एक्सचेंज (जैसे Binance, CoinDCX, WazirX) के जरिए ट्रेड कर रहे हैं: तो एक्सचेंज के पास थोड़ी जिम्मेदारी होती है। लेकिन केवल उनके प्लेटफॉर्म पर हुए फ्रॉड तक।
  • कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी (जैसे RBI या बैंक) आपकी गारंटी नहीं लेती।
  • धोखा हो जाए तो यूज़र खुद जिम्मेदार है।


क्यों और कैसे कोई क्रिप्टो गायब हो सकती है?

किसी भी क्रिप्टोकरेंसी का पूरी तरह गायब हो जाना (Zero हो जाना या खत्म हो जाना) बिल्कुल संभव है।

i. मांग खत्म हो जाना (No Demand): अगर लोग उस कॉइन को खरीदना बंद कर दें → उसकी कोई Value नहीं बचेगी।

Demand = 0 → Price भी लगभग Zero

ii. डेवलपमेंट रुक जाना (Project बंद होना): अगर उस कॉइन को बनाने वाली टीम या कंपनी प्रोजेक्ट छोड़ दे → वो कॉइन बेकार हो जाता है। इसे Abandoned Coin कहते हैं।

iii. धोखाधड़ी या Scam (Rug Pull / Scam Coin): कई नए टोकन सिर्फ पैसा ठगने के लिए बनाए जाते हैं।

शुरू में लोग खरीदते हैं → Rate ऊपर जाता है → फिर निर्माता सारे कॉइन बेचकर भाग जाते हैं।

नतीजा → कॉइन Zero

iv. हैक या टेक्निकल समस्या (Hacking / Technical Failure): अगर उस ब्लॉकचेन की सिक्योरिटी में बड़ी गड़बड़ी हो जाए और लोग भरोसा खो दें → वो कॉइन मर सकता है।

v. सरकारी बैन और रेगुलेशन (Government Ban): अगर किसी कॉइन को किसी देश की सरकार “Scam” घोषित कर दे या पूरी तरह बैन कर दे → उसकी वैल्यू गिरकर Zero तक जा सकती है।

vi. Whale Dump (बड़े निवेशकों की बिक्री): अगर किसी कॉइन की Value कुछ ही बड़े निवेशकों (Whales) के हाथ में है और वे सब बेच दें → Market Crash हो सकता है।


असलियत

  • अब तक हज़ारों क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह खत्म हो चुकी हैं।
  • CoinMarketCap जैसे वेबसाइट पर आपको “Dead Coins” की लिस्ट मिल जाएगी।


फुकहा की राय

i. हराम कहने वाले विद्वान (ज़्यादातर उलमा का रुख): कई बड़े विद्वानों का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी हराम या कम से कम बहुत शुब्हा वाली चीज़ है, वजहें:

  • इसमें ग़रर (बहुत ज़्यादा अनिश्चितता और अस्पष्टता) है।
  • इसकी कीमत में इतना उतार-चढ़ाव है कि ये क़िमार (जुए) जैसा बन जाता है।
  • इसका कोई असली माल या संपत्ति (Intrinsic Value) नहीं है।
  • ज़्यादातर इसका इस्तेमाल हराम कामों (जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स, धोखाधड़ी) में होता है।

उदाहरण: सऊदी अरब की Lajnah Daimah (Permanent Committee for Scholarly Research and Ifta) ने कहा है कि क्रिप्टो की कोई असली और वाज़ेह मालियत (कीमत की बुनियाद) नहीं है, इसलिए इससे बचना चाहिए।

शैख़ सालिह अल-फ़ौज़ान (कबार उल उलमा, KSA) ने बिटकॉइन को बातिल और जुए जैसी चीज़ कहा।

ii. जायज़/हलाल कहने वाले (शर्तों के साथ): कुछ विद्वानों का कहना है कि अगर इसे माल (Asset) माना जाए और यह जायज़ कारोबार में इस्तेमाल हो तो इसे जायज़ कहा जा सकता है।

उदाहरण: शैख़ असीम अल-हकीम (सऊदी अरब के आलिम) कहते हैं:

बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी की अपनी कोई असली वैल्यू नहीं है।

लेकिन अगर कोई सरकार इसे क़ानूनी तौर पर मान ले और लोग आम तौर पर इसे इस्तेमाल करने लगें, तो फिर यह “माल” की क़िस्म मानी जा सकती है और जायज़ हो सकती है। अभी की सूरत में इससे बचना बेहतर है।


फतवों का नज़रिया

i. ज़्यादातर फुकहा: क्रिप्टो को हराम या शुब्हा वाला मानते हैं।

वजह: इसमें जुआ जैसी सूरत, अनिश्चितता और असली माल की कमी है।

ii. कुछ विद्वान (जिन्होंने मॉडर्न फाइनेंस को गहराई से देखा है): अगर भविष्य में सरकारें इसे मान लें और यह सिर्फ़ हलाल कारोबार में इस्तेमाल हो, तो यह माल की एक क़िस्म बनकर हलाल हो सकती है।


नतीजा

उलमा की अधिकतर राय अभी के दौर में क्रिप्टो को हराम या शुब्हा वाला मानने की है। जो विद्वान इसे जायज़ कहते हैं, वो भी शर्तों के साथ मानते हैं:

  • सरकार की मंजूरी हो,
  • हलाल कारोबार में इस्तेमाल हो,
  • जुए और धोखाधड़ी से बचा जाए।


By Team Islamic Theology

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