खुलासा ए क़ुरआन - सूरह (097) अल क़द्र
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
सूरह (097) अल क़द्र
(i) लैलतुल क़द्र
क़ुरआन रमज़ान की एक रात में नाज़िल किया गया उस रात को अल्लाह ने लैलतुल क़द्र का नाम दिया है। (1, 2)
(ii) लैलतुल क़द्र की फ़ज़ीलत
लैलतुल क़द्र हज़ार महीनों से बेहतर है। फ़रिश्ते और रुह (जिब्रील) इसमें रब की अनुमति से हर तरह का आदेश लेकर उतरते हैं। क़द्र की रात यक़ीनन सलामती है भोर होने तक। (3 से 5)
आसिम अकरम (अबु अदीम) फ़लाही
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