Khulasa e Qur'an - surah 96 | surah al alaq

Khulasa e Qur'an - surah | quran tafsir

खुलासा ए क़ुरआन - सूरह (096) अल अलक़ 


بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ


सूरह (096) अल अलक़ 


(i) पहली वही

शुरू की पांच आयात "इक़रा से मालम यालम" तक पहली वही है जो "ग़ारे हिरा" में नाज़िल हुई कि "पढ़ अपने रब के नाम से जिसने इंसान को लोथड़े से पैदा किया, क़लम के ज़रिए सिखाया और वह सिखाया जो वह न जानता था। (1 से 5)


(ii) अबु जहल के बारे में

जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के निर्देशानुसार इबादत करते थे, अबु जहल को बहुत नागवार गुज़रता था। एक दिन उसने कहा, इस क्षेत्र में मेरे हिमायती सबसे ज़्यादा हैं और इरादा किया अगर मुहम्मद ने ख़ाना काबा में अपने तऱीके पर इबादत की तो उसकी गर्दन पर पांव रखकर उसका मुंह ज़मीन पर रगड़ दूंगा चुनांचे मुक़ाम ए इब्राहीम में नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को नमाज़ पढ़ते देखकर आगे बढ़ा लेकिन अचानक पीछे हट गया। लोगों ने पूछा तो बताया कि मेरे और उनके दरमियान आग की एक ख़न्दक़ और एक हौलनाक चीज़ थी और कुछ पर थे अगर वह क़रीब फटकता तो रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के ब क़ौल फ़रिश्ते उसके चीथड़े उड़ा देते। (6 से 19, जामे तिर्मिज़ी 3348, 3349)


आसिम अकरम (अबु अदीम) फ़लाही

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