Jannat (Part-3): Naymatein (Blessings of paradise)

Jannat ki naymatein (Part-3)


जन्नत (पार्ट-3): जन्नत की नेमतें

इस्लाम में स्वर्ग (paradise) को "जन्नत" कहा जाता है। वो जन्नत जहाँ क़ायमत के बाद उन लोगों को रखा जायेगा जो लोग ईमान लायें और क़ुरआन ओ सुन्नत के मुताबिक़ नेक अमल करते रहें। क़ुरआन में इसे "ख़ुशी का बग़ीचा" कहा गया है जिसमे हर तरह की नेमतें होंगी जिसका तसव्वुर भी हम नहीं कर सकते। अल्लाह तआला के फज़ल व करम के बगैर जन्नत में जाना मुमकिन नहीं। अहले जन्नत को अल्लाह तआला तमाम गुनाहों से पाक साफ करके जन्नत में दाख़िला देगा। जन्नत में दख़िल होने वाले लोग जहन्नम के अज़ाब से मुकम्मल तौर पर महफ़ूज़ रहेंगे, जन्नत में दख़िल होना ही असल फल और कामयाबी है। 

"नेकी का बदला नेकी के सिवा और क्या हो सकता है।" [क़ुरआन 55: 60]

जन्नत की नेमत अहले जन्नत के क़ल्ब व नज़र को ठंडक छूने वाली होगी। जन्नत की नेमतों का इस दुनिया में तसव्वुर करना मुमकिन नहीं। 

"फिर जैसा कुछ आँखों की ठण्डक का सामान उनके आमाल के बदले में उनके लिये छिपाकर रखा गया है, उसकी किसी को ख़बर नहीं है। [क़ुरआन 32:17]

क़ुरान में जन्नत की नेमतों का ज़िक्र किया गया है वो इस तरह है: 


1. एक बड़ी सल्तनत

हर जन्नती के बाग़ एक वसी वा अज़ीज़ सल्तनत का मंजर पेश करेंगे। जन्नतियों को चाँदी के कंगन पहनाये जायेंगे और अल्लाह तआला खास फज़ल के तौर पर एक बेहतरीन नौइयत की शराब उन जन्नतियों को पिलायेंगे। 

"वहाँ जिधर भी तुम निगाह डालोगे नेमतें-ही-नेमतें और एक बड़ी सल्तनत का सरो-सामान तुम्हें नज़र आएगा। उनके ऊपर बारीक रेशम के सब्ज़ लिबास और अतलस व दीबा के कपड़े होंगे, उनको चाँदी के कंगन पहनाए जाएँगे, और उनका रब उनको निहायत पाकीज़ा शराब पिलाएगा। ये है तुम्हारी जज़ा और तुम्हारी कारगुज़ारी क़ाबिले-क़द्र ठहरी है।" [क़ुरआन 76:20-22]


2. फ़रिश्ते इस्तक़बाल करेंगे 

जो नेक अमल करते हुए सब्र के साथ ज़िन्दगी गुज़ारेंगे फ़रिश्ते उनका इस्तक़बाल करेंगे, उनकी तारीफ़ और हौसला अफ़ज़ाई करेंगे। 

फ़रिश्ते हर तरफ़ से उनके इस्तिक़बाल के लिये आएँगे और उनसे कहेंगे कि “तुमपर सलामती है, तुमने दुनिया में जिस तरह सब्र से काम लिया उसकी वजह से आज तुम इसके हक़दार हुए हो” – तो क्या ही ख़ूब है ये आख़िरत का घर!" [क़ुरआन 13:23-24]


3. हमेशा रहने की जगह

अहले जन्नत क़यामत के दिन हर तरह की ज़िल्लत और रुसवाई से महफूज रहेंगे और वो हमेशा उसी में रहेंगे। जन्नत में मौत नहीं आएगी बल्कि ये ज़िन्दगी ला-जवाल (कभी न ख़त्म होने वाली) होगी। 

"जिन लोगों ने भलाई का तरीक़ा अपनाया, उनके लिये भलाई है और साथ में मेहरबानी भी, उनके चेहरों पर कालिख और रुसवाई न छाएगी। वो जन्नत के हक़दार हैं जहाँ वो हमेशा रहेंगे।" [क़ुरआन 10:26]

"ये एक ज़िक्र था (अब सुनो कि) परहेज़गार लोगों के लिये यक़ीनन बेहतरीन ठिकाना है, हमेशा रहनेवाली जन्नतें जिनके दरवाज़े उनके लिये खुले होंगे।" [क़ुरआन 38:49-50] 


4. अबा व अजदाद साथ रहेंगे 

जन्नत में कोई अकेला नहीं रहेगा बल्कि बड़े खूबसूरत घरों में उनके नस्ल के वो लोग (जो ईमान लाये और नेक अमल किये) भी उनके साथ रहेंगे । जैसे बाप-दादा, बीवी-बच्चे वग़ैरह। यानि नेक औलादों को नेक अबा व अजदाद के साथ जन्नत में इकट्ठ कर दिया जाएगा और अगर उनके बा'हमी दर्जात (स्तर) में फर्क होगा तो कम दर्जा वालो के दर्जे को अल्लाह तआला अपने फज़ल व करम से बढ़ा कर दोनों को ऊँचे दर्जे में मिला देगा ताकि जन्नत में वो सब ख़ुश वा ख़ुर्रम रहें और एक दूसरे को देख कर उनकी आंखे ठंडी हो जाएं। 

"यानी ऐसे बाग़ जो उनके हमेशा रहनेवाले घर होंगे। वो ख़ुद भी उनमें दाख़िल होंगे और उनके बाप-दादा और उनकी बीवियों और उनकी औलाद में से जो-जो नेक हैं, वो भी उनके साथ वहाँ जाएँगे।" [क़ुरआन 13:23] 

"जो लोग ईमान लाए हैं और उनकी औलाद भी किसी दरजए-ईमान में उनके नक़्शे-क़दम पर चली है उनकी उस औलाद को भी हम (जन्नत में) उनके साथ मिला देंगे और उनके अमल में कोई घाटा उनको न देंगे। हर शख़्स अपनी कमाई के बदले रहन है।" [क़ुरआन 52:21]


5. जन्नत के वारिस 

जन्नती लोगों की इज्जत अफजाई और हौसला अफजाई की ख़ातिर उन्हें बताया जाएगा कि ये जन्नत और उसकी नेमतें तुम्हारे अमाल के बदले में अल्लाह ने तुम्हें अता फरमायी है। 

उनसे (जन्नतियों से) कहा जाएगा, “तुम अब यहाँ हमेशा रहोगे। तुम इस जन्नत के वारिस अपने उन कामों की वजह से हुए हो जो तुम दुनिया में करते रहे।" [क़ुरआन 43:71-72]

“जन्नत, जिसके तुम वारिस बनाए गए हो, तुम्हें उन कामों के बदले में मिली है जो तुम करते रहे थे।" [क़ुरआन 7:43]


6. हर तरह के फल


ईमान लाने के बाद नेक अमल करने वाले लोग ही जन्नत में जायेंगे। जन्नत के बाग़ के नीचे नहरें होंगी। जन्नत के फल दुनिया के फलों से मिलते जुलते होंगे। जन्नत के फल इस कदर नीचे होंगे के जन्नती खड़े, बैठे या लेटे जब चाहेंगी तोड़ सकेंगे। 

"और ऐ पैग़म्बर! जो लोग इस किताब पर ईमान ले आएँ और [इसके मुताबिक़] अपने अमल ठीक कर लें, उन्हें ख़ुशख़बरी दे दो कि उनके लिये ऐसे बाग़ हैं जिनके नीचे नहरें बहती होंगी, उन बाग़ों के फल देखने में दुनिया के फलों से मिलते-जुलते होंगे। जब कोई फल उन्हें खाने को दिया जाएगा तो वो कहेंगे कि ऐसे ही फल इससे पहले दुनिया में हमको दिये जाते थे।" [क़ुरआन 2:25] 

"उसमें उनके लिये हर तरह के फल होंगे और उनके रब की तरफ़ से बख़्शिश (क्या वो शख़्स जिसके हिस्से में ये जन्नत आनेवाली है)।" [क़ुरआन 47:15]


7. न भूख-प्यास न गर्मी-सर्दी 

जन्नत में अहले जन्नत कभी भूख या पियास महसूस नहीं करेंगे। जन्नत में गर्मी की शिद्दत होगी ना सर्दी की बल्कि ख़ुशग़वार साए होंगे और मुस्तक़िल मौसम बहार (सदाबहार) का होगा। 

(ऐ आदम!) यहाँ तो तुम्हें ये सुख और आराम हासिल हैं कि न भूखे-नंगे रहते हो, न प्यास और धूप तुम्हें सताती है।” [क़ुरआन 20:118-119]

"वहाँ वो ऊँची मसनदों पर तकिये लगाए बैठे होंगे। न उन्हें धूप की गर्मी सताएगी न जाड़े की ठिर। जन्नत की छाँव उनपर झुकी हुई साया कर रही होगी, और उसके फल हर वक़्त उनके बस में होंगे (कि जिस तरह चाहें उन्हें तोड़ लें)।" [क़ुरआन 76:13-14]


8. दिलों से नफरत ख़त्म

जन्नती जन्नत के वारिस बनाये जायेंगे और जिनके दिलो में दुनिया में एक दूसरे के खिलाफ़ कोई नफ़रत या हसद होगा, जन्नत में जाने के बाद अल्लाह तआला उसे ख़त्म कर देंगे। 

उनके दिलों में एक-दूसरे के ख़िलाफ़ जो कुछ कुदूरत [मलिनता] होगी, उसे हम निकाल देंगे। उनके नीचे नहरे बहती होंगी और वो कहेंगे कि “तारीफ़ अल्लाह ही के लिये है जिसने हमें ये रास्ता दिखाया। हम ख़ुद राह न पा सकते थे अगर अल्लाह हमारी रहनुमाई न करता। हमारे रब के भेजे हुए रसूल हक़ीक़त में हक़ ही लेकर आए थे।” उस वक़्त आवाज़ आएगी कि “जन्नत, जिसके तुम वारिस बनाए गए हो, तुम्हें उन कामों के बदले में मिली है जो तुम करते रहे थे।" [क़ुरआन 7:43]


9. ऐश ओ आराम की जगह 

अहले जन्नत को जन्नत में किसी तरह की मेहनत या मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी और न ही उन्हें वहां से निकाला जायेगा। जन्नत और उसमे मिलने वाले ऐश ओ आराम हमेशा के लिए होंगे। 

"उन्हें न वहाँ किसी मशक़्क़त से पाला पड़ेगा और न वो वहाँ से निकाले जाएँगे।" [क़ुरआन 15:48]


10. जन्नत की मज़ेदार चीज़ें

जन्नत में जन्नती लोगों के साथ बड़ी इज्जत और एहतराम का सुलूक़ किया जाएगा। उनके पसंद की हर चीज़ मुहय्या की जाएगी, उनका जो खाने का मन होगा तुरंत वो चीज़ हाज़िर कर दी जाएगी। 

"उनके लिये जानी बूझी रोज़ी है, हर तरह की मज़ेदार चीज़ें खाने-पीने को उनके लिये वहाँ मौजूद हैं, जो कुछ वो तलब करें, उनके लिये हाज़िर है। और नेमत भरी जन्नतें जिनमें वो इज़्ज़त के साथ रखे जाएँगे।" [क़ुरआन 37:41-43] 

"उनमें (जन्नत में) वो तकिये लगाए बैठे होंगे, ख़ूब-ख़ूब मेवो और पीने की चीज़ें तलब कर रहे होंगे।" [क़ुरआन 38:51]

"तुम्हारे लिये यहाँ (जन्नत में) बहुत सारे फल मौजूद हैं, जिन्हें तुम खाओगे।” [क़ुरआन 43:73]

"वहाँ (जन्नत में) वो इत्मीनान से हर तरह की मज़ेदार चीज़ें तलब करेंगे।" [क़ुरआन 44:55]

जन्नत में कांटो के बगैर बेरिया होंगी। 

"और दाएँ बाज़ू वाले, दाएँ बाज़ू वालों की ख़ुश नसीबी का क्या कहना। वो बे-काँटों वाली बेरियों और तह पर तह चढ़े हुए केलों, और दूर तक फैली हुई छाँव और हर दम रवाँ पानी, और कभी ख़त्म न होने वाले और बेरोक-टोक मिलनेवाले बेशुमार फलों, और ऊँची नशिस्त गाहों में होंगे।" [क़ुरआन 56: 27-34]

पुर रौनक चेहरे, बाग़ात, बा-कसरत फल, खूबसूरत नौजवान, कुंवारी और अपने शोहरों की हम-उमर औरतें, पाकीज़ा शराब, छलकते जाम, हर क़िस्म की लागु और बैहुदा बातों से पाक और साफमाहौल, बहते चश्मे, बुलंद व बालामसनदें, कतर दर क़तर गाओ तकिये और नदियां व नफ़ीस क़ालीन ये सब जन्नत की नेमतें हैं, जिनसे अहले जन्नत मुस्तफ़ीद होंगे। 

"कुछ चेहरे उस रोज़ बारौनक़ होंगे। अपनी कारगुज़ारी पर ख़ुश होंगे, आली मक़ाम जन्नत में होंगे, कोई बेहूदा बात वो वहाँ न सुनेंगे, उसमें चश्मे रवाँ होंगे, उसके अन्दर ऊँची मस्नदें होंगी, साग़र रखे हुए होंगे, गाव-तकियों की क़तारें लगी होंगी और नफ़ीस फ़र्श बिछे हुए होंगे।" [क़ुरआन 88:8-16]


11. जन्नत में गोस्त

जन्नतियों को लज़ीज़ फलों के साथ-साथ उनका मनपसंद गोस्त भी मुहैय्या किया जाएगा। 

"हम उनको हर तरह के फल और गोश्त, जिस चीज़ को भी उनका जी चाहेगा, ख़ूब दिये चले जाएँगे।" [क़ुरआन 52:22]


12. जन्नत की शराब 

जन्नती जन्नत में एक दूसरे के सामने तख्तों पर तकिये लगा कर बैठेंगे जिस तरह महफिलों में दो अलग अलग जमातें बैठती है। जन्नत के ख़ादिम (नौकर) उनकी खिदमत में सफ़ैद रंग की लज़ीज़ शराब के जाम पैश करेंगे जिसमे बिलकुल भी नशा नहीं होगा कि होश ओ हवस ​​में बिगाड़ में बिगाड़ पैदा हो न सेहत के लिए नुक़सानदेह होगी बल्कि उसमे जो लज़्ज़त होगी वो दुनिया की किसी चीज़ में नहीं होगी। 

"शराब के चश्मों से प्याले भर-भरकर उनके दरमियान फिराए जाएँगे। तख़्तों पर आमने-सामने बैठेंगे, चमकती हुई शराब, जो पीनेवालों के लिये लज़्ज़त होगी। न उनके जिस्म को इससे कोई नुक़सान पहुँचेगा और न उनकी अक़ल इससे ख़राब होगी।" [क़ुरआन 37:44-47]

"और उनका रब उनको निहायत पाकीज़ा शराब पिलाएगा।" [क़ुरआन 76:21]

★चश्मा ए काफ़ूर

जन्नत के चश्मा "कफूर" से ऐसी शराब बरामद होगी जिसमें काफूर की आमेज़िश होगी जो जन्नतियों को पिलायी जायेगी। जन्नत में सारे काम जन्नतियों की ख्वाहिश और इरादे पर ही चश्मा ए ज़दन में पूरे हो जाएंगे। 

"नेक लोग (जन्नत में) शराब के ऐसे साग़र पिएँगे जिनमें आबे-काफ़ूर की आमेज़िश होगी, ये एक बहता हुआ चश्मा होगा जसके पानी के साथ अल्लाह के बन्दे शराब पिएँगे और जहाँ चाहेंगे बसुहूलत उसकी शाख़ें निकाल लेंगे।" [क़ुरआन 76:5-6]

चश्मा ए सलसबील

जन्नत का चश्मा "सलसबील" से ऐसी शराब बार-आमद होगी जिसमें सौंठ की अमाजिश होगी, जो जन्नती लोगों को पिलाई जाएगी। 

"उनको वहाँ ऐसी शराब के जाम पिलाए जाएँगे जिसमें सोंठ की आमेज़िश होगी, ये जन्नत का एक चश्मा होगा जिसे 'सलसबील' कहा जाता है। [क़ुरआन 76:17-18]


13. हीरे-मोती जैसी खूबसूरत, नाज़ुक हूरों से निकाह 

इनाम के तौर पर जन्नतियों का पाकदामन, शर्मीली, हमउम्र, नाज़ुक, मोटी-मोटी खूबसूरत आँखों वाली, अंडे के छिलके के नीचे की  झिल्ली से ज़्यादा नरम व नाज़ुक हूरें से निकाह कराया जायेगा। 

"और उनके पास निगाहें बचानेवाली, ख़ूबसूरत आँखोंवाली औरतें होंगी, ऐसी नाज़ुक जैसे अंडे के छिलके के नीचे छिपी हुई झिल्ली।" [क़ुरआन 37:47-49]

"और उनके पास शर्मीली हम उम्र बीवियाँ होंगी।" [क़ुरआन 38:52]

"हम हिरनी जैसी आँखोंवाली गोरी-गोरी औरतें उनसे ब्याह देंगे।" [क़ुरआन 44:54]


14. जन्नत में पाकीज़ा बीवियाँ 

जन्नती मर्दों को पाक़ीज़ बीवियाँ (यानि न उन्हें हैज़/पीरियड आएगा, न गुस्सा, न वो ग़ीबत करेंगी न चुगली, वो हर तरह की गन्दगी से पाक होंगीं) मिलेंगी जिनके साथ जन्नत में खुश व खुर्रम जिंदगी बसर करेंगे। जन्नती लोगों की नेक दुनियावी बीवियों को अल्लाह तआला दोबारा पैदा करेगी जिनमें तीन खुबिया होंगी: कुवारी होंगी, अपने शौहरों की हम-उम्र होंगी, अपने शौहरों से जी-भर कर प्यार और मुहब्बत करने वाली होंगी।

जन्नती जोड़ों (मियां-बीवी) के सामने, सोने की थाल (प्लेटें) जिनमें मुखतलिफ़ क़िस्म के फल और खाने होंगे और सोने के कप/गिलास जिनमे मुखतलिफ़ क़िस्म के मरूबात (जूस) होंगे, पैश किये जायेंगे। जन्नत में क़ल्ब (दिल की ठंडक) व नज़र (अंखो की ठंडक) को लज़्ज़त पहुँचाने वाली हर चीज़ मौजूद होगी। 

"दाख़िल हो जाओ जन्नत में तुम और तुम्हारी बीवियाँ, तुम्हें ख़ुश कर दिया जाएगा। उनके आगे सोने के थाल और प्याले फिराए जाएँगे और हर मनभाती और निगाहों को भली लगनेवाली चीज़ वहाँ मौजूद होगी।" [क़ुरआन 43:70-71] 

"उनके लिये वहाँ पाकीज़ा बीवियाँ होंगी और वो वहाँ हमेशा रहेंगे।" [क़ुरआन 2:25]

"उनकी बीवियों को हम ख़ास तौर पर नए सिरे से पैदा करेंगे और उन्हें कुँवारी बना देंगे, अपने शौहरों की आशिक़ और उम्र में हम-उम्र। ये सब कुछ दाएँ बाज़ू वालों के लिये है।" [क़ुरआन 56: 35-38]


15. अमन की जगह 

जन्नत में कोई रंज, दुख, मुसीबत या परेशानी नहीं होगी, बल्कि हर वक्त और हर तरफ मुसर्रत, राहत और अमन व सलामती होगी।

"ख़ुदा का डर रखनेवाले लोग अमन की जगह में होंगे।"[क़ुरआन 44:51] 


16. जन्नतियों का लिबास और ज़ेवर

सारी जिंदगी नाजायज़ ख़्वाहिशात ए नफ़्स से रुके रहने वाले और अल्लाह की क़याम करदह हुदूद की पाबन्दी करने वाले लोग ही जन्नत में जायेंगे। उन लोगों का लिबास बारीक और मोटे रेशम (चमकदार, रेशम) से बनाया गया होगा। 

"बाग़ों और चश्मों में, हरीर और दीबा के लिबास पहने, आमने-सामने बैठे होंगे।" [क़ुरआन 44:53]

"और उनके सब्र के बदले में उन्हें जन्नत और रेशमी लिबास अता करेगा।" [क़ुरआन 76:12]

"उनके ऊपर बारीक रेशम के सब्ज़ लिबास और अतलस व दीबा के कपड़े होंगे, उनको चाँदी के कंगन पहनाए जाएँगे, और उनका रब उनको निहायत पाकीज़ा शराब पिलाएगा।" [क़ुरआन 76:21]

"जो लोग ईमान लाए और जिन्होंने भले काम किये उनको अल्लाह ऐसी जन्नतों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी। वहाँ वो सोने के कंगनों और मोतियों से सजाए जाएँगे और उनके लिबास रेशम के होंगे।" [क़ुरआन 22:23]


17. जन्नत के बर्तन 

जन्नत के ख़ादिम चाँदी और शीशे के बर्तनों में जन्नतियों की मेहमान-नवाज़ी  करेंगे। 

"उनके (जन्नतियों) आगे चाँदी के बरतन और शीशे के प्याले गरदिश कराए जा रहे होंगे, शीशे भी वो जो चाँदी की क़िस्म के होंगे, और उनको (मुन्तज़िमीने-जन्नत ने) ठीक अंदाज़े के मुताबिक़ भरा होगा। [क़ुरआन 76:15-16]


18. जन्नत की नहरें

जन्नत में साफ सुथरी और खालिस पानी, दूध, शराब और शहीद की नहरें होंगी जिनसे जन्नती लोग पियेंगे। जन्नत की नहरों के मशरूबात का रंग और ज़ायक़ा हमेशा एक जैसा रहेगा। 

"परहेज़गारों के लिये जिस जन्नत का वादा किया गया है, उसकी शान तो ये है कि उसमें नहरें बह रही होंगी, निथरे हुए पानी की नहरें बह रही होंगी, ऐसे दूध की जिसके मज़े में ज़रा फ़र्क़ न आया होगा, नहरें बह रही होंगी ऐसी शराब की जो पीने वालों के लिये लज़ीज़ होगी, नहरें बह रही होंगी साफ़-शफ़्फ़ाफ़ शहद की।" [क़ुरआन 47:15] 

 

19. जन्नत में हँसी मज़ाक 

जन्नती लोग खाते पीते वक्त आपस में छीना झपटी (तंग करना) करके हंसी मज़ाक करेंगे। जन्नत में किसी तरह की बेहूदा बात या हरक़त नहीं की जाएगी न कोई बुरा अमल। 

"वो एक दूसरे से जामे-शराब लपक-लपक ले रहे होंगे जिसमें न बेहूदा बात होगी, न बदकिरदारी।"  [क़ुरआन 52:23]


20. मोती जैसे ख़ादिम

जन्नतियों के खादिम लड़के हैं जो हर वक़्त उनकी खिदमत में हाज़िर रहेंगे। वो इस क़दर हसीन वा जमील होंगे जैसे महफूज किये हुए खूबसूरत मोती हों। 

"और उनकी ख़िदमत में वो लड़के दौड़ते फिर रहे होंगे जो उन्ही के लिये ख़ास होंगे, ऐसे ख़ूबसूरत जैसे छुपाकर रखे हुए मोती।" [क़ुरआन 52:24]

"उनकी (जन्नतियों की) ख़िदमत के लिये ऐसे लड़के दौड़ते फिर रहे होंगे जो हमेशा लड़के ही रहेंगे। तुम उन्हें देखो तो समझो कि मोती हैं जो बिखेर दिये गए हैं।" [क़ुरआन 76:19]


21. मुक़र्रबीन के लिए दो बाग़, फल और हूरें  

जन्नत में मुक़र्रबीन (अल्लाह के खास नेक बंदो) के लिए दो-दो बाग़ होंगे जो नेमतों के लिहाज़ से आम मोमिनों (असहाबुल यमीन) के बागों से अफ़ज़ल होंगे। दोनो बागो में दो चश्में और हर तरह के लज़ीज़ फलों की दो-दो किस्में होंगी। 

"और हर उस शख़्स के लिये जो अपने रब के हुज़ूर पेश होने का ख़ौफ़ रखता हो, दो बाग़ हैं। हरी-भरी डालियों से भरपूर। दोनों बाग़ों में दो चश्मे (स्रोत) रवाँ। दोनों बाग़ों में हर फल की दो क़िस्में।" [क़ुरआन 55: 46,48,50,52]

वो ख़ालिस रेशन के बने बिस्तरों पर तकिया लगा कर आमने सामने बैठेंगे। मुक़र्रबीन के लिए जन्नत में इंतिहाई ख़ूबसूरत, नेक, पाकबाज़, शर्मीली, हमउम्र, नाज़ुक सिर्फ अपने शोहरों की ख़ातिरदारी करने वाली बीवियाँ होंगी। जन्नतियों की बीवीयों को जन्नत में शामिल होने से पहले नए सिरे से पैदा किया जाएगा और उस पैदाइश के बाद किसी इंसान ने उन्हें हाथ तक नहीं लगाया होगा। 

"जन्नती लोग ऐसे फ़र्शों पर तकिये लगाए बैठेंगे जिनके अस्तर दबीज़ रेशम के होंगे, और बागों की डालियाँ फलों से झुकी पड़ रही होंगी। इन नेमतों के बीच शर्मीली निगाहों वालियाँ होंगी जिन्हें इन जन्नतों से पहले किसी इन्सान या जिन्न ने छुआ न होगा। ऐसी ख़ूबसूरत जैसे हीरे और मोती।" [क़ुरआन 55: 54,56,58]


22. असहाबुल यमीन के लिए दो बाग़, फल और हूरें  

असहाबुल यामीन (आम मोमिनीन) को भी दो बाग़ अता किये जायेंगे जो मुक़र्रबीन के बागों की निस्बत मुकाम और मरतबा में कम होंगे। उन बागों में भी चश्मे और लज़ीज़ फल मोजूद होंगे। 

"और उन दो बाग़ों के अलावा दो बाग़ और होंगे। घने सरसब्ज़ व शादाब बाग़। दोनों बाग़ों में दो चश्मे फ़व्वारों की तरह उबलते हुए। उनमें बहुत से फल और खजूरें और अनार।" [क़ुरआन 55: 62,64,66,68]

नेक, पाकबाज़, हसीन व जमील, मोटी आँखों वाली गोरी-गोरी औरतें (हुर्रे) उनकी बीवी होंगी जिन्हें असहाबुल यामीन से पहले किसी ने छुआ तक नहीं होगा। 

"नेमतों के बीच ख़ूब सीरत (नेक किरदार) और ख़ूबसूरत बीवियाँ। ख़ेमों में ठहराई हुई हूरें। इन जन्नतों से पहले कभी किसी इन्सान या जिन्न ने उनको न छुआ होगा।वो जन्नती सब्ज़ क़ालीनों और बेहतरीन और ख़ूबसूरत फ़र्शों पर तकिये लगा के बैठेंगे।" [क़ुरआन 55: 70,72, 74,76]


23. कभी मौत न आने की जगह 

जन्नत में मौत नहीं आएगी बल्कि अब्दी जिंदगी होगी। 

"वहाँ मौत का मज़ा वो कभी न चखेंगे, बस दुनिया में जो मौत आ चुकी, सो आ चुकी औरअल्लाह अपनी मेहरबानी से उनको जहन्नम के अज़ाब से बचा देगा, यही बड़ी कामयाबी है।" [क़ुरआन 44:56-57]


ये अल्लाह तआला का हम पर फज़ल है की उसने हमें हमारी छोटी-छोटी नेकियों के बदले जन्नत की नेमतों से नवाज़ने का वादा किया है और हम हैं की दुनिया की ख़्वाइश में गुनाह पे गुनाह किये जा रहे है। हम दो दिन की दुनिया की फ़िक्र में दीन की आसानियों से दूर होते जा रहे हैं। दीन को लेकर जो जज़्बा एक मुसलमान में होना चाहिए वो ख़त्म होता जा रहा है। जन्नत हासिल करना हमारा मक़सद होना चाहिए था पर हम दुनिया के ऐश ओ आराम को अपना मक़सद बना बैठे हैं। 

हम मुसलमान अपनी राह से भटक गए है, वापस अपनी राह पर आने के लिए हमें किताब ओ सुन्नत की तालीम हासिल करके उसपर अमल करना होगा, अपने अंदर दीन की ख़िदमत का जज़्बा पैदा करना होगा, अपना अख़लाक़ और किरदार दुरुस्त करना होगा, आपसी मामलात सुधरने होंगे और अपने अहल ओ अयाल, रिश्तेदार, पड़ोसियों और पहचान वालों तक हक़्क़ पहुँचाना होगा, उन्हें हराम-हलाल का फ़र्क बताना होगा और क़ुरान ओ सुन्नत पर अमल करने की ताक़ीद करनी होगी तभी हम खुद और उनको भी जहन्नम की आग से बचा सकते हैं और जन्नत की नेमतों का लुत्फ़ उठा सकते हैं। 

अल्लाह तआला फरमाता है:

"ये वो चीज़ें हैं जिन्हें हिसाब के दिन देने का वादा तुमसे किया जा रहा है। ये हमारी देन है जो कभी ख़त्म होनेवाली नहीं।" [क़ुरआन 38:53-54]

अल्लाह से दुआ करें या अल्लाह तू हमें जब तक जिंदा रख तो इस्लाम पर जिंदा रखना, तौहीद पर कायम रखना और जब हमारा ख़ात्मा हो तो ईमान पर ही हो और हम सब मुस्लमानो को जन्नतुल फिरदौस में इकठ्ठा कर।  

आमीन


Posted By Islamic Theology

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