Registan (desert) mein unchi unchi imaraton ka banna

Registan (desert) mein unchi unchi imaraton ka banna


हजरत मुहम्मद ﷺ के अल्लाह के पैग़म्बर होने के सबूत।

रेगिस्तान में ऊंची ऊंची इमारतों का बनना


मुहम्मद ﷺ ने आज से 1400 साल पहले रेगिस्तान में बैठकर एक पेशनगोई की थी जो आज हमारी आंखों के सामने पूरी हुई वो पेशनगोई ये थी:

एक दिन मुहम्मद (ﷺ) लोगों में तशरीफ़ फ़रमा थे कि आप के पास एक शख़्स आया और उसने पूछा कि क़ियामत कब आएगी।

तो आप (ﷺ) ने फ़रमाया कि, "मैं तुम्हें उसकी निशानियाँ बता सकता हूँ। वो ये हैं कि जब स्याह ऊँटों के चराने वाले (देहाती लोग तरक़्क़ी करते-करते) ऊंची ऊंची इमारतों की तामीर मैं एक-दूसरे से बाज़ी ले जाने की कोशिश करेंगे।" [सहीह बुखारी : 50]

ये पेशनगोई आज हमारी आंखों के सामने पूरी हुई है, 1950 तक अरब के लोगों की हालत ऐसी थी कि कोई तसव्वुर भी नहीं कर सकता था कि ये चरवाहे दुनिया की ऊंची ऊंची इमारतें बनाने में एक दूसरे से मुकाबला करेंगे लेकिन 1950 में वहां की जमीन में तेल मिला और फिर इन चरवाहों के पास पैसा आया तो इन्होंने एक दूसरे से ऊंची ऊंची इमारतें तामीर करने में मुकाबला किया। और जैसा कि आप लोग जानते है बुर्ज खलीफा दुनिया की सबसे ऊंची इमारत भी दुबई में है और अब एक जद्दा टावर सऊदी अरब में बन रहा है जो बुर्ज खलीफा से भी ऊंचा होगा और एक और प्रोजेक्ट है जो 2 किलोमीटर ऊंचा होगा जोकि बुर्ज खलीफा से दुगनी ऊंचाई का होगा।

और ये बात आज से 1400 साल पहले कौन सोच सकता था कि जहां ये लोग ऊंटों को चराया करते थे वही ऊंची ऊंची इमारतें बनाएंगे??

जरा सोचें, मुहम्मद ﷺ को 1400 साल पहले ये बात कैसा पता चली कि रेगिस्तान में रहने वाले लोग ऊंची ऊंची इमारतें बनाने में एक दूसरे से मुकाबला करेंगे?

मुहम्मद ﷺ ने पूरी दुनिया को छोड़कर सिर्फ अरब के रेगिस्तान में ऊंची ऊंची इमारतों की तामीर का जिक्र क्यों किया? जबकि उस समय सबसे ज्यादा तरक्की रोमन और पर्शियन कर रहे थे। अगर उस समय कोई आम इंसान हालात को देखते हुए ऐसी पेशनगोई करता तो वह रोमन या पर्शियन के बारे में करता की ये लोग ऊंची ऊंची इमारतें बनाएंगे और रेगिस्तान के बारे में ऊंची ऊंची इमारतों का तो उसके वहमो गुमान में भी नहीं आया होता।

लेकिन उस दौर के हालात के उलट मुहम्मद ﷺ ने रेगिस्तान में ऊंची ऊंची इमारतों के बनने की पेशनगोई की थी जोकि आज हमारी आंखों के सामने पूरी हो चुकी है और यही पेशनगोई मुहम्मद ﷺ के सच्चे पैगम्बर होने का सबूत है।


By इस्लामिक थियोलॉजी

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