Palne (Cradle) mein bolne wale bachche ki kahani

Palne Cradle mein bolne wale bachche ki kahani


किसीको देख कर उसके जैसा होने की ख्वाइश करना


एक बच्चा अपनी मां का दूध पी रहा था।

वहां से एक आदमी उम्दा सवारी पर सावर खुबसूरत लिबास में गुज़रा।

उस बच्चे की मां ने कहा: "ऐ अल्लाह! मेरे बेटे को ऐसा बना दे।"

बच्चे ने दूध छोड़ा, उस आदमी की तरफ रुख किया, उसे देखा और,

कहा: "ऐ अल्लाह! मुझे इस जैसा ना बनाना।"

फ़िर दूध पीने लगा।


फिर लोग एक लौंडी (लड़की) को लेकर गुजरे। वो उसे मार रहे थे और 

कह रहे थे: "तूने ज़िना किया, तूने चोरी की।"

वो कह रही थी: "मुझे अल्लाह काफी है, वही बेहतरीन कारसाज़ है।" 

उस बच्चे की मां कहने लगी: "ऐ अल्लाह! मेरे बेटे को इस जैसा न बनाना।" 

बच्चे ने दूध छोड़ा, उस बांदी की तरफ देखा ओर

कहा: "ऐ अल्लाह! मुझे इसी जैसा बनाना।"


यहाँ आकार उन दोनो (मां या बेटे) ने एक दूसरे से सवाल-जवाब किया-


वो (माँ) कहने लगी: मेरा सर मुंडे! बहुत अच्छी हैसियत का एक आदमी गुज़रा, 

मैंने कहा: "ऐ अल्लाह! मेरे बेटे को ऐसा बनाना", 

तो तुमने कहा: "ऐ अल्लाह! मुझे इस जैसा ना बनाना।"

फ़िर लोग उस कनीज़ को लेकर गुज़रे, मार रहे थे और कह रहे थे: तूने ज़िना किया, तूने चोरी की।

मैने कहा: "ऐ अल्लाह! मेरे बेटे को इसकी तरह न बनाना।"

तो, तुमने कहा दिया: "ऐ अल्लाह! मुझे इसी जैसा बनाना।"


उस (बच्चे) ने कहा: "वो सख्स दूसरों पर ज़ुल्म ढाने वाला जाबिर था। इसलिए,

मैंने कहा: "ऐ अल्लाह! मुझे इस की तरह ना बनाना।"

ये औरत जिसे लोग कह रहे थे: "तूने ज़िना किया, जबके उसने ज़िना नहीं किया था, या तूने चोरी की जबके उसने चोरी नहीं की थी।" इसलिए,

मैंने कहा: "मुझे इसकी तरह (पाकबाज़) बनाना।"


रावी: अबू हुरैरा رضي الله نه
सहीह मुस्लिम: 2550


सबक:

1. हकीकी या दीनी इज्जत वाला वही है जो अपने परवरदिगर की नाफरमनी से बचा हुआ है, चाहे लोग उसे हकीर या गुनहगार समझते हो।

2. हकीकत में दीनी तौर पर जलील वही है जो अल्लाह का नफरमान है, चाहे आरज़ी जिंदगी में लोग उसे अच्छा समझते हो।

3. हर अच्छी दिखने वाली चीज़ अच्छी नहीं होती और बुरी दिखने वाली बुरी नहीं। इसलिए किसीको देख कर उसके जैसा होने की ख्वाइश करना सही नहीं क्यूंकि हम नहीं जानते उसका किरदार कैसा है या उसकी ज़िन्दगी में कितनी तकलीफें हैं।   

4. दुनिया जैसी दिखती है वैसी बिलकुल भी नहीं तो ज़ाहिरी चीज़ों को देखकर मुतासिर होने के बजाये इंसान की अच्छाइयों की तलाश करो। 


Posted By Islamic Theology

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