kahin Aap bhi love trap ke shikar to nahi?

 
kahin aap bhi bhagwa love trap ke shikar to nahi

क्या आप भी इस फि़तने के शिकार हैं??

👉आईए आज उस फितने पर बात करते हैं जो मौजूदा दौर में BLT(लव ट्रैप) के ख़िलाफ़ लिखने बोलने वाले लोगों के दरम्यान तेज़ी से पनप रहा है, और जाने अंजाने बहुत से लोग इन फितने की ज़द में आ कर क़ौम की भलाई के नाम पर क़ौम का नुक़सान कर रहे हैं, और वो फ़ितना है तालीमी मैदान में झंडे गाड़ रहे मुस्लिम नौजवानों ख़ास कर मुस्लिम लड़कियों को बदनाम कर के तालीम से दूर कर देने की साजिश 


👉जी हां ये पोस्ट उन्ही जज़्बाती क़ौम परस्त लोगों के लिए है जो BLT जैसे बदतरीन फितने को ले कर दिन रात इसके खा़त्मे के लिए मेहनत कर रहे हैं लेकिन उनके बीच छुपे बैठे बातिल उनकी इस मेहनत का रुख़ ग़लत तरफ़ मोड़ कर उनको BLT की असल वजहों से दूर कर रहे हैं और इन्ही जज़्बाती लोगों के ज़रिए मुस्लिम लड़कियों को बदनाम करवा कर उन्हें तालीम से दूर कर देने के साथ साथ BLT को भी इन्ही से प्रमोट करवा रहे हैं, क्योंकि आज बातिल मुस्लिम नौजवानों(ख़ास कर लड़कियों) में बढ़ती तालीमी बेदारी से बेहद खौफ़जदा है, जिस तरह आज मुस्लिम लड़के लड़कियां मुल्क के हर बड़े इम्तेहान में अपने झंडे गाड़ रहे हैं इस से वो दिन दूर नहीं जब ये नौजवान सिस्टम में अपनी बड़ी हिस्सेदारी बना लेंगे, और बातिल नहीं चाहता के कभी ऐसा हो


👉जिस कुरआन की शुरुआत ही इक़रा (पढ़ो) से हुई हो उसके मानने वाले भले ही ना जानते हों के तालीम दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त है लेकिन बातिल बखूबी जानता है, इसलिए वो आप तक इस ताक़त को पहुंचने नहीं देना चाहता, इसीलिए वो BLT में फंसी कुछ तवायफ सिफत लड़कियों के बहाने आप से आपकी क़ौम की तमाम लड़कियों को बदनाम करवा कर उन्हें जहालत के अंधेरे में धकेलवा देना चाहता है, और आप ऐसा अब करने भी लगे हैं, जो अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने के बराबर है, आप तालीम की अहमियत समझना चाहते हैं तो उस तालिबान को देखिए जो औरतों के ख़िलाफ़ दुनिया का सबसे बदनाम संघठन था लेकिन अपनी वापसी के बाद उसने भी लड़के लड़कियों की तालीम को बंद नहीं किया क्योंकि 20 साल टेक्नोलॉजी के सामने निहत्थे लड़ते हुए उनको भी समझ आ गया के अगर आज उनके पास टेक्नोलॉजी होती तो शायद वो दुश्मन को सिर्फ़ 20 दिन में हरा देते, और वो टेक्नोलॉजी सिर्फ़ तालीम से ही मिल सकती है, आज के दौर में दुनिया की कोई क़ौम तालीम के बिना अपना वजूद नहीं बचाए रख सकती है, इसलिए तालीम हमारी कमज़ोरी नहीं ताक़त है


👉अगर आप अपने बीच छुपे बैठे बातिल को पहचानना चाहते हैं तो उसके दो काम गौर से देखिए पहला के वो BLT के बहाने तमाम मुस्लिम लड़कियों की तालीम पर पाबंदी की हिमायत करता होगा, और दूसरा के वो BLT के खुले ऑफर व इस गलाजत में जाने वाली लड़कियों के कारनामे दुश्मन की दुश्मनी बता कर पोस्ट करता होगा या आपसे करवा रहा होगा यानि BLT के ऑफर और तरीक़े आपकी क़ौम साफ़ सुथरी लड़कियों तक आपसे ही पहुंचवा रहा होगा, अगर BLT के ख़िलाफ़ दिखने वाला कोई भी शख्स ये दो काम कर रहा है तो अल्लाह की कसम वो बातिल है, झूठा है, मक्कार है, और ऐसे मक्कार की ज़द में आने वाले नादान लोग क़ौम से गद्दारी कर रहे हैं न की क़ौम की खिदमत... क्या आप देखते नही कैसे आज पढ़ी लिखी मुस्लिम लड़कियां हर मोर्चे पर बातिल को जवाब दे रही हैं, आवाज़ उठा रही हैं, मुक़ाबला कर रही हैं, यहां तक के BLT के खिलाफ़ भी हज़ारों लाखों लड़कियां दिन रात एक किए हुए हैं, आज BLT के छिपे हुए मामले सामने लाने में इन्ही दीनदार तलीमयाफ्ता लड़कियों की महनत है, तो क्या आपकी साथी ये लड़कियां इसलिए ये सब कर पा रही हैं के वो जाहिल हैं, कभी स्कूल नहीं गईं ?? नहीं बल्कि वो ये महनत इसलिए कर रही हैं के वो तालीमयाफ्ता हैं बा सलाहियत हैं बा शऊर हैं, और उनको ये शऊर तालीम और तरबियत से ही मिला है


👉क्या आप जानते हैं BLT जैसा फितना औरतों की नहीं बल्कि मुस्लिम मर्दों की नाकामी की देन है.. और बातिल आप से मर्दों की नाकामी पर बात नहीं करने देना चाहता क्योंकि उसको पता है के ऐसा करने से मर्दों की गैरत जागेगी और BLT ख़ुद ही ख़त्म हो जाएगा.. जिन घरों के मर्द गैरतमंद हैं उन घरों की लड़कियां BLT की दुश्मन हैं और जिन घरों के मर्द बेगैरत हैं उनकी औरतें BLT की शिकार हैं, क्योंकि जब हराम खाने वाले कुछ बेगैरत, गैर ज़िम्मेदार नाकाम मुस्लिम मर्द अपनी ख्वातीन की शर्मगाहों की वसूली खाते हों तब वो किस मुंह से अपनी बहन बेटियों को किसी बदतरीन गुनाह से रोक पाएंगे, और इसीलिए बातिल आपको इन दय्यूस मर्दों की नाकामी पर बात नहीं करने देना चाहता है और वो नाकाम दय्यूस व कमज़ोर मर्दों की गैरत जगाने के बजाए आप से आपकी क़ौम की लड़कियों को कमज़ोर करने की पहल करवा रहा है, यानि आप एक कमज़ोर पहलू को दुरुस्त करने के बजाए दूसरे मज़बूत होते पहलू को भी कमज़ोर करने में लग गए हैं, यानि आप बातिल के जाल में फंस चुके हैं


👉अगर आप वाकई क़ौम की भलाई चाहते हैं तो BLT की पूरी ज़िम्मेदारी इन दय्यूस मर्दों पर डालिए जिनको अल्लाह ने औरतों की रहबरी की ज़िम्मेदारी दी थी लेकिन ये दय्यूस आज अपनी ही औरतों की कीमत खाने पर उतर आए हैं, न ये एक बाप की ज़िम्मेदारी निभा पा रहे न भाई की न शौहर की न बेटे की, ये बस जानवरों जैसी जिंदगी गुज़ार रहे और इनकी औरतें तमाम क़ौम को शर्मिंदा करवा रहीं, इसलिए इन बेगैरत दय्यूसो की गैरत को ललकारिए क्योंकि BLT के असल ज़िम्मेदार ये ही हराम खाने वाले नाकाम मुस्लिम मर्द हैं, आप लड़कियों को तालीम से दूर करने के बजाए उनको इस्लामी तरबियत में तालीम देने को क़ौम के ज़िम्मेदारों को ललकारिये, उन नाकाम बाप भाई शौहर को अपनी ज़िम्मेदारी निभाने को ललकारिए जिन्होंने अपनी बहन बेटियों को यतीम बना कर सड़को और बाज़ारों में आवारा छोड़ दिया है, उन बेगैरत दय्यूसों को ललकारिए तो जुआ और नशे में मस्त हो कर अपनी औरतों को बिकने के लिए बाज़ारो में उतार चुके हैं, उनको ललकारिय की अपनी औरतों के ज़रिए लाए जा रहे हराम माल को बेशर्मी से खाते हैं लेकिन अपनी कोई ज़िम्मेदारी पूरी नहीं करते, उनको ललकारिए जो अपनी लड़कियों को तो बातिल इदारों में अकेला पढ़ने भेज देते हैं लेकिन लड़कों को बचपन से मज़दूरी में लगा देते हैं, उन बेगैरतों को ललकारिए जो बिना ज़रूरत अपनी बच्चियों को चंद सिक्कों की खातिर बातिल की नौकरी पर लगा आते हैं, क्योंकि मसला तभी हल होगा जब कमज़ोरी को सही किया जाएगा न के मज़बूती को कमज़ोर करने से


✍️ Mansoor Adab Pahasvi

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