अल्लाह पाक का फरमान:
"अपने हाथों अपने आपको हलाकत में न डालो।"
[सुरह बकरा आयत न. 195]
नोट: इस आयत के तहत अहले इल्म ने ये नतीज़ा अखज़ किया है की खुद से खुद को हलाकत में डालना हराम है। और सिगरेट एक ऐसा खबीस चीज़ है जो धीरे धीरे सेहत को नुक़सान पहुंचाता है जिसे हम स्लो पॉइजनिंग भी कह सकते हैं। इसलिए सिगरेट पीना भी हराम है।
अल्लाह पाक ने अपने बंदों के लिए पाक चीज़े हलाल की हैं और गंदी और खबीस चीज़ें हराम की हैं। अल्लाह पाक का फरमान है,
"उनके लिये पाक चीज़ें हलाल और खबीस और गंदी चीज़ें हराम करता है।"
[सुरह आराफ आयत न. 157]
नोट: लिहाज़ा हर किस्म की सिगरेट पीना खबीस और गंदी चीज़ों में शामिल है। और फिर ये ज़रार, नुक़सान देह और नशावर मवाद पर मुश्तमिल होता है। इसलिए हर मुसलमान शख़्स पर वाजिब है की वो फौरी तौर पर इस को तर्क कर के अल्लाह ताला से तौबा व इस्तग्फार करे, और इस गुनाहगारी व नाफरमानी पर नादीम हो, और आइंदा पुख़्ता इरादा करे की वो कभी भी दुबारा ऐसा नहीं करेगा।
अहले इल्म के फतवे:
अल्लामा इब्ने बाज़ रहिमाहुल्लाह फ़रमाते हैँ,
[फ़तावा इब्ने बाज़ जिल्द: 6 पेज: 362]
नबी करीम ﷺ का फरमान:
अक्सर कुछ लोग ये कहते हुवे नज़र आते हैं की हम ज़्यादा सिगरेट नहीं पीते हैं या ज़्यादा तंबाकू नहीं खाते हैं उनके लिए नबी ﷺ का फरमान मुलाहिज़ा फरमाएं,
नबी करीम ﷺ का फरमान है:
"जिस चीज़ की ज़्यादा मिकदार नशा पैदा करदे तो उसकी थोड़ी सी मिकदार भी हराम है।" [सुनन तिर्मिज़ी:1865]
जब अल्लाह पाक ने हमें पाक चीज़ें अता की हैं और उसके बावजूद हम गंदी चीज़ें खा रहे हैं तो ये सरासर अल्लाह की नेमतों का नाशुक्रापन है।
सिगरेट और तंबाकू फिजूल खर्ची है
जो लोग अपना पैसा सिगरेट पी कर धुवे में उड़ा देते हैं या तंबाकू खा कर अपना पैसा थूक देते हैं अगर इन्ही पैसों को गरीब और मिस्कीन की मदद करने में इस्तेमाल करें तो कितनी नेकियां हासिल करेंगे।
फिजूल खर्ची के ऊपर अल्लाह ने सख्त मुमानियत की है चन्द आयतें मुलाहिज़ा फरमाएं,
अल्लाह पाक का फरमान है:
"नातेदार को उसका हक़ दो और मोहताज और मुसाफ़िर को उसका हक़। फ़ुज़ूलख़र्ची न करो।"
[सुरह बनी इसराइल आयत न. 26]
नोट: ये पैसा अल्लाह ने आपको उड़ाने के लिए या खा कर थूकने के लिए नहीं दिया बल्कि एक आज़माइश के लिए दिया है की आप इन पैसों का सही इस्तेमाल करते हैं या नहीं? लोगो का हक अदा करते हैं या नहीं?
आगे की आयत में अल्लाह पाक फिजूल खर्ची करने वालों के लिए क्या फरमाता है,
अल्लाह पाक का फरमान है:
"फ़ुज़ूलख़र्च लोग शैतान के भाई हैं और शैतान अपने रब का नाशुक्रा है।"
[सुरह बनी इसराइल आयत न. 27]
नोट: अब आपका ज़मीर क्या कहता है , क्या अब भी आप सिगरेट पियेंगे और तंबाकू खायेंगे और शैतान के भाई कहलाएंगे।
वस्सलाम
मुहम्मद अज़ीम
2 टिप्पणियाँ
इंशा अल्लाह ने चाहा तो मैं सिगरेट बीड़ी बंद कर दूंगा
जवाब देंहटाएंALLAH apki madad kare... aameen
जवाब देंहटाएंकृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें।