तमाम गुनाहो का सबब क्या है?
मैंने अपनी अभी तक कि 25 साला ज़िन्दगी मे दुनिया को परखा उसके चक्रव्यूह को जाना, फिर मैंने एक रिजल्ट निकाला कि इस चक्रव्यूह में लोगों में जो सबसे बड़ी वजह है गुनाहों को करने की वो हैं माल (wealth, property, riches, stock) क्यूंकि पूरी दुनिया अहले हक़ को छोड़कर, नेक सालेह इंसान को छोड़कर इस माल की वजह से फितना मे ग्रस्त हैं। मेरी इस बात कि ताईद की हैं पाक पैग़म्बर नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने। आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) फरमाते हैं:-
कअब-बिन-अयाज़ कहते हैं कि मैंने रसूलुल्लाह (सल्ल०) को ये फ़रमाते हुए सुना:
"हर उम्मत की आज़माइश किसी न किसी चीज़ में है और मेरी उम्मत की आज़माइश माल में है।" [तिरमिज़ी 2336]
अब जो मैंने कहा बड़े बड़े गुनाह जो हो रहे हैं इसका सबब माल ही हैं, उसको मे कुछ पॉइंट्स मे बताता चलूँ-
1. "शिर्क" सबसे बड़ा गुनाह
शिर्क और माल मे क्या मिलाप (सम्बन्ध) है?
आज उम्मत शिर्क मे मुबतिला कर दी गयीं हैं। अहले हक़ और नेक को छोड़ कर इसका माल से इस तरह ताल्लुक़ हैं कि मैंने मज़ारो पे कुछ आदमी और औरतों को देखा जो अल्लाह के साथ वलियों को पुकारती हैं। कहती हैं/कहते हैं (अल मदद या फलां) मदद करने का हक़ सिर्फ अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त को हैं उसमे इसका कोई साझी नहीं हैं, जो किसी को साझी करता हैं गोया शिर्क कर रहा हैं। मैंने देखा, इसके बाद भी लोग अल्लाह का साझी वालियों को ठहराते हैं और उन्हें मदद के लिए पुकारते हैं और शिर्क करते हैं।
इसमें ग़लती हैं उन आलिमों कि जो चंद रुपयों के लिए क़ुरआन हदीस का ग़लत माना निकालते हैं और उम्मत को शिर्क मे डाल देतें हैं।
इसमें ग़लती हैं क़ब्र के मुजावरो कि जो चंद पैसो के लिए इस शिर्क को रोकते नहीं, कहीं उनका धंधा बंद ना हो जाए।
और इस तरह शिर्क के पीछे माल का हाथ हैं।
2. "ज़िना" एक बड़ा गुनाह
दिल्ली मे और पूरी दुनिया मे मैंने देखा कि कुछ औरतें अपना सेक्स रैकेट का धंधा कर रही थी। मालूम करने से पता चला कि वो अपना जिस्म मज़बूरी मे बेचती थी। मज़बूरी का नाम था, पैसा/रुपया/धन/दौलत। यानी इस बड़े गुनाह के पीछे भी माल का हाथ है। आगे मालूम किया जो औरत उन औरतों से ये घिनोना काम कराती थी उसने बताया कि हमें अपने बच्चे पालने हैं इसीलिए ये धंधा कराते हैं। कहा कानून से डर नहीं लगता? कहने लगे कानून वालों को हफ्ता जाता हैं, पैसे लेते हैं वरना तो धंधा बंद कर देंगे। यानी कानून भी माल का भूखा निकला और इसी तरह ज़िना मे माल का हाथ हुआ।
3. "क़त्ल" एक कबीरा गुनाह
क़त्ल का माल से क्या मिलाप है?
किसी को क़त्ल करना बहुत बड़ा गुनाह है। इसके पीछे भी माल का हाथ है। वो ऐसे है कि मैंने गांव के हालात देखे जिसमे मैंने देखा कि एक भाई ने दूसरे भाई का क़त्ल किया जायदाद के पीछे, एक पडोसी ने दूसरे का क़त्ल किया उसकी दौलत को देखकर, आस पास के ज़माने को देखा तो बरसो पुरानी दुश्मनी प्रॉपर्टी को लेकर थी इस पर क़त्ल किया गया। एक दुकानदार कि दुकान के आगे किसी ने थोड़ी सी जगह घेर ली उससे उस दुकानदार ने उसको मारा इस दौरान तनाव बढ़ा और क़त्ल तक जा पंहुचा वजह थी दौलत।
4. "चोरी" कबीरा गुनाह
चोरी करना कबीरा गुनाह है।
चोर चोरी करता है वजह होती है, "पैसा"। पैसो के लिए वो ये गुनाह करता है। इस गुनाह के पीछे भी माल का हाथ है।
5. "रिबा" (सूद) माल ऐ हराम
हराम रिज़्क़ खाना कबीरा गुनाह है।
इंसान दौलत कमाने के लिए हराम और हलाल दोनों तरह से माल कमाता हैं यानी उसको दौलत माल प्यारी हैं चाहे गुनाह ऐ कबीरा ही क्यूं ना कर रहा हो। अल्लाह ने क़ुरआन मे फ़रमाया, "हराम को हलाल मे ना मिलाओ।"
6. "झूठ" कबीरा गुनाह
झूठ का कबीरा गुनाह है।
इंसान कुछ माल के लिए दुनिया मे रोज़ाना झूठ बोलता हैं इसलिए क्यूंकि बस किसी तरह से माल आ जाए चाहे वो रोज़ाना कबीरा गुनाह का काम ही क्यूं ना करता हो क़ुरआन मे अल्लाह फरमाता हैं झूठ बोलने वाले पर अल्लाह कि लानत हैं |
7. "नशा" कबीरा गुनाह
नशा करना कबीरा गुनाह है।
नशा करना हराम है, इसके पीछे भी दौलत है। शराब के अड्डे गरम हो रहे हैं, सरकार को टेक्स जा रहा हैं, माल का हाथ है। हीरोइन, गांजा, ड्रग्स, सिगरेट, गुटखा, पान और इसी तरह तमाम नशेदार चीज़ें देख लें, सब मे पैसो का हेर फेर है।
8. "बिदअत" कबीरा गुनाह
बिदअत एक कबीरा गुनाह है।
अपने आस पास के माहौल मे देखे क़ुरआन खानी मे मुल्ला पैसे लेता है, 30 पारे ख़त्म करने के।
तीजा, दसवा,चालीसवा, बरसी मे बावर्ची कि कमाई होती है।
क़ब्र पे चादर, इसमें चादर बेचने वाले के कमाई होती है।
खाने पे फातिहा, इसमें मौलवी फातिहा पढ़ने पे मुर्गे मुसल्लम खाता है इत्यादि |
अगर मे यहाँ तमाम गुनाहो की वजह और गुनाहो की लिस्ट बता दू तो कहीं ना कहीं माल का हाथ है। आप खुद देखे हर गुनाह के पीछे लालच है।
मैंने सिर्फ यहाँ आपको इशारा दिया है कि हर गुनाह के पीछे माल का हाथ कहीं ना कहीं मौजूद है।
लेकिन अल्लाह का शुक्र है, आज भी लोग ब्याज (सूद) माल ऐ हराम से बचकर क़ुरआन हदीस के मुताबिक दीन पर चलने की कोशिश कर रहे हैं।
और ऐसे लोगों के लिए ही अल्लाह तआला ने जन्नत को तैयार कर रखा है जिसके अंदर नहरें और दूध की नहर और शहद होंगे।
हमारे नबी सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की बात सच हुई कि मेरी उम्मत का फितना माल है।
अल्लाहु अकबर
अल्लाह तआला हमें माल हराम और माल के फितने से महफूज़ करें और हलाल रोजी देने की तौफीक दे।
दुआओं में याद रखें
आपका दीनी भाई
मुहम्मद
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