निकाह से मुतअल्लिक अहम मालूमात
खाने और मेहमाननवाज़ी के आदाब
1. खाने से क़बल दोनों हाथों को धोना।
2. खाने से पहले "बिस्मिल्लाह" कहना। (तिर्मिज़ी: 1858)
3. अगर शुरुआत में भूल जाए तो याद आने पर कहे: "बिस्मिल्लाह अव्वलहू व आख़िरहू" (तिर्मिज़ी: 1858)
4. दाएँ हाथ से खाना। (मुस्लिम: 2020)
5. अपने सामने मौजूद खाने में से खाना। (बुख़ारी: 3576, मुस्लिम: 2022)
6. खाने के बाद हाथ धोना।
7. खाने के बाद कुल्ली करना। (बुख़ारी: 5390)
8. तीन उँगलियों से खाना खाना।
9. गिरे हुए लुक़मे को उठाकर खाना। (मुस्लिम: 2034)
10. खाना खाते वक़्त टेक न लगाना। (बुख़ारी: 5399)
11. सब मिलकर खाना खाएँ।
12. खाने के बाद "الحمد لله" "अलहम्दु लिल्लाह" कहे।
या ये दुआ पढ़े:
"الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِي أَطْعَمَنِي هَذَا وَرَزَقَنِيْهِ مِنْ غَيْرِ حَوْلٍ مِنِّي وَلَا قُوَّةٍ"
"अल्हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अतअमनिहाज़ा व रज़कनीहि मिन ग़ैरि हौलिं मिन्नी वला क़ुव्वह" (तिर्मिज़ी: 3458)
या ये पढ़े:
"الْحَمْدُ لِلّٰهِ حَمْدًا كَثِيرًا طَيِّبًا مُبَارَكًا فِيهِ غَيْرَ مَكْفِيٍّ وَلَا مُوَدَّعٍ وَلَا مُسْتَغْنَى عَنْهُ رَبَّنَا
"अल्हम्दु लिल्लाहि हम्दन कसीरन त़य्यिबन मुबारकन फ़ीहि ग़ैर मक्फ़ीय्यिन वला मुवद्दअिन वला मुस्तग़ना अन्हु रब्बना" (बुख़ारी: 5458)
या ये पढ़े:
"الْـحَمْـدُ للهِ الَّذِي أَطْعَمَ وَسَقَى وَسَوَّغَهُ وَجَعَلَ لَهُ مَخْرَجًا"
"अल्हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अतअम व स़क़ा व सव्वग़हू व जा'अल लहू मख़रजन" (अबू दाऊद: 3851)
या ये पढ़े:
"اللّٰهُمَّ أَطْعَمْتَ وَأَسْقَيْتَ، وَهَدَيْتَ، وَأَحْيَيْتَ، فَلَكَ الْحَمْدُ عَلَى مَا أَعْطَيْتَ"
"अल्लाहुम्मा अतअम्ता व अस़क़ैता, व हदैत, व अह्यैत, फलकल्हम्दु अला मा अ़तैत" (अहमद: 16159)
ये दुआ पढ़े:
"اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِيهِ وَأَطْعِمْنَا خَيْرًا مِنْهُ"
"अल्लाहुम्मा बारिक लना फ़ीहि, व अत़िम्ना खैरन मिन्हु" (तिर्मिज़ी: 3455)
अगर दूध पिए तो ये कहे:
"اللّٰهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِيْهِ، وَزِدْنَا مِنْهُ"
"अल्लाहुम्मा बारिक लना फ़ीहि, व ज़िद्ना मिन्हु" (तिर्मिज़ी: 3455)
13. खाने के ऐब न निकाले। (बुख़ारी: 3370, मुस्लिम: 2046)
14. मियानारोई से खाना खाए और पेट पूरा न भरे। (तिर्मिज़ी: 2380)
15. खाने-पीने के लिए सोने और चाँदी के बर्तन इस्तेमाल न करे। (बुख़ारी: 5426, मुस्लिम: 2067)
16. पानी देखकर, बैठकर, बिस्मिल्लाह के साथ पीना, और तीन साँस में पीकर अलहम्दु लिल्लाह कहना।
17. मेहमान की इज़्ज़त-अफ़ज़ाई इसी में है कि जल्द उसके लिए खाना पेश किया जाए।
18. मेज़बान को ये दुआ दें:
या ये दुआ पढ़े:
या ये दुआ पढ़े:

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