3. Ehraam | is mein kon kon si chizein haram ho jati hain

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एहराम

एहराम (إحرام) हज या उमराह की शुरुआत का वो खास हालत (स्टेट) है जिसमें इंसान कुछ खास नीयत और एहतियातों के साथ दाखिल होता है। यह सिर्फ़ कपड़े नहीं, बल्कि एक इबादत की हालत है जिसमें कुछ चीज़ें फर्ज, सुन्नत और हराम हो जाती हैं।
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1. एहराम क्या है?

 "एहराम" का मतलब है हज या उमरा की नियत करके अल्लाह के लिए कुछ चीज़ें हराम कर लेना।

मर्दों के लिए एहराम का लिबास:

दो सफेद बिना सिले कपड़े:
  1. इज़ार (नीचे का)
  2. रिदा (ऊपर का)

औरतों का एहराम:
  • आम शरीअत के कपड़े ही — पर नक़ाब और दस्ताने नहीं पहन सकती
दलील:
"औरत नक़ाब न पहने और दस्ताने न लगाए जबकि वह एहराम में हो।"
(बुखारी – 1838)
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2. एहराम की नियत:

जब मीक़ात पर पहुंचे तो दिल में नियत करें:
"लब्बैक अल्लाहुम्मा हज्ज़न" या "लब्बैक अल्लाहुम्मा उमरतन"

इसके बाद तल्बिया ज़ोर से पढ़ें (मर्द):
"लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक, लब्बैक ला शरीक लका लब्बैक, इनल-हम्द वन्नि’मता लका वलमुल्क, ला शरीक लक"
(बुखारी – 1549, मुस्लिम – 1184)
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3. एहराम में कौन-कौन सी चीज़ें हराम हो जाती हैं?

एहराम में हराम चीज़ें (दलील के साथ):
  • खुशबू लगाना – बुखारी 1542
  • बाल/नाखून काटना – बक़रह 2:196
  • मर्दों का सिलाई वाला कपड़ा – बुखारी 1542
  • औरतों का नक़ाब/दस्ताने – बुखारी 1838
  • सिर ढंकना (मर्द) – बुखारी 1267
  • बीवी से ताल्लुक़ – बक़रह 2:197
  • शिकार करना – माइदा 5:95
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4. क्या-क्या कर सकते हैं एहराम में:

  • नहाना (बिना खुशबू) – बुखारी 1549
  • सिर धोना, खुजलाना
  • छाया लेना, छतरी
  • चश्मा, बेल्ट, बैग
  • खुले टखनों वाला जूता (बुखारी – 1542)
  • बीवी से बात (ताल्लुक़ नहीं)
  • कुरआन, तस्बीह, दुआ
  • इलाज वग़ैरह

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5. एहराम तोड़ने पर जुर्माना (दम):

जानबूझकर एहराम की कोई हराम चीज़ कर ली (जैसे बाल काटना, शिकार करना), तो:
क़फ़्फ़ारा देना पड़ेगा — एक जानवर ज़बह या रोज़े वगैरह

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