Khulasa e Qur'an - surah 105 | surah al fil

Khulasa e Qur'an - surah | quran tafsir

खुलासा ए क़ुरआन - सूरह (105) अल फ़ील


بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ


सूरह (105) अल फ़ील


नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्म से 60 दिन पहले हाथी वालों का वाक़िआ पेश आया। अबरहा यमन का राजा था, वह चाहता था कि अल्लाह के घर ख़ाना ए काबा को ढाकर यमन में एक कलीसा तामीर करे और उसे इबादत का केंद्र (Centre) बनाए। चुनांचे वह साठ हज़ार फ़ौज और 13 हाथियों के साथ ख़ाना ए काबा को ढाने के इरादे से चल पड़ा और मक्का से तीन कोस (9 किलोमीटर) दूर "मग़मस" की वादी में ठहरा, वहीं पर अल्लाह ने परिंदों के झुंड भेज कर ख़ाना ए काबा की हिफ़ाज़त की और अबरहा के पूरे लश्कर को खाये हुए भूसे की तरह बना दिया। उस वाक़िआ को इबरत के तौर पर बयान किया गया है। (1 से 5 हवाला अर रहीक़ुल मख़्तूम सफ़ीयुर्रहमान मुबारकपुरी पेज 77, 78)


आसिम अकरम (अबु अदीम) फ़लाही

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