आलिम ए दीन से निकाह करना
आजकल स्कूल कॉलेज में थोड़ा बहुत पढ़ लिख कर लड़कियों का रवैया इस तरह हो जाता है कि अगर उनके निकाह के लिए कोई आलिम या दाढ़ी वाला दीनदार लड़का तजवीज़ किया जाए तो वह इनकार कर देती हैं कि हमें मौलाना और दाढ़ी वाले से निकाह नहीं करना यानी हीरो टाइप लड़का ही चाहिए, शायद उन्हें मौलानाओं की खूबियां और उनके साथ शादी करने के फायदे का इल्म नहीं वरना वह अपने लिए अलीम लड़के को ही तरजीह देती कुछ फायदो का हम यहां पर जिक्र करते हैं-
(01) नेक सालेह आलिम जहेज़ की मांग नहीं करता।
(02) आलिम अपनी बीवी के मुकम्मल हुक़ूक से वाकिफ होता है और हक़ तल्फी नहीं करता।
(03) आलिम अपनी बीवी को बहुत खुश रखता है।
(04) आलिम अपनी बीवी का घर और किचन के कामों में भी हाथ बटाता है।
(05) आलिम अपनी बीवी की दुनिया और आखिरत दोनों का ख्याल रखना है इसलिए उसको दीनदार बनाता है, नमाज रोजा की ताक़ीद करता है।
(06 ) आलिम की बीवी की सोसाइटी में अलग ही शान होती है सभी औरते अदब से पेश आती हैं।
(07) आलिम अपनी बीवी की तल्ख़ बातो पर जल्दी गुस्सा नहीं होता और अगर होता भी है तो बहुत जल्द अपने गुस्से पर काबू कर लेता है।
(08) आलिम अपनी बीवी को पर्दे में रखता है क्योंकि बेपर्दा औरत शैतान का निवाला होती है।
(09) आलिम अपनी बीवी पर जुल्म और सितम नहीं करता उसको बेवजह डांटता नहीं और ना ही उसे पर हाथ उठाता है।
(10) आलिम ना ही कंजूस होता है और ना ही फिजूल खर्ची करने वाला बल्कि अपनी हैसियत के हिसाब से सारी जरूरत पूरी करता है।
(11) आलिम सूद, जुआ, लॉटरी और तमाम हराम कमाई से बचता है और अपने घर वालों को भी महफूज रखता है।
(12) आलिम अपने बच्चों की सही तरबीयत करता है और उन्हें दीनी तालीम से भी अरस्ता करता है।
(13) आलिम अपनी बीवी को रूठने नहीं देता और अगर रूठ जाती है तो फौरन मना लेता है।
(14) आलिम अपनी बीवी से बेवफाई नहीं करता यही वजह है कि आलिम के यहां तलाक़ की नौबत नहीं आती।
(15) आलिम सोसाइटी का सबसे शरीफ इंसान होता है किसी से लड़ाई झगड़ा नहीं करता।
नोट :- यह सारी खूबियां उस आलिम की है जो फ़ारिग होता है मुतलक़ हाफ़िज़ और क़ारी के बारें में कुछ नहीं कहा जा सकता।
अल्लाह सहीह रास्ते पर चलाये।
आमीन
मुहम्मद रज़ा
1 टिप्पणियाँ
बेशक
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