Kya Christmas manana ya mubarakbaad dena shirk hai?

 
Kya Christmas mana ya mubarakbaad dena shirk hai?


क्या क्रिसमस मनाना या मुबारकबाद देना शिर्क हैं?



इस बात का लोगो को पता नहीं रहता के जब हम किसी को क्रिसमस की मुबारकबाद देतें हैं तो हम इस बात से इत्तेफ़ाक़ कर रहे होते हैं के हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम 25 दिसंबर को पैदा हुए और हम इस बात का भी इकरार कर रहे होते हैं की अल्लाह ने बेटा जना (पैदा किया)


क़ुरआन मे क्या कहा गया?


अल्लाह तआला क़ुरआन मे फरमाता हैं :-

"कह दो अल्लाह अकेला हैं, वो बेनियाज़ है,  न उस की कोई औलाद हैं, न वो किसी की औलाद हैं, उसके जैसा कोई नहीं।"
[सूरह इख़लास: 1-4]


"कुछ बईद नहीं कि इसकी वजह से आसमान फट पड़ें, ज़मीन में दरार पड़ जाये और पहाड़ टूटकर गिर पड़ें, कि दावा किया उन्होंने रेहमान के लिए औलाद का (यानी Merry Christmas अल्लाह ने बेटा पैदा किया नौज़ुबिल्लाह)! रेहमान की ये शान नहीं कि वो औलाद बनाये (पैदा करें या रखे)।"
[सूरह मरयम 90-92]


"वो तो आसमानों और ज़मीन का ईजाद करने वाला है उसका कोई बेटा कैसे हो सकता है, जबकि उसका कोई जीवन साथी ही नहीं है। उसने हर चीज़ को पैदा किया है और वो हर चीज़ का इल्म रखता है।"
[सूरह अनाम 101]


"यहूदी कहते हैं उज़ैर अल्लाह का बेटा है और ईसाई कहते हैं कि मसीह अल्लाह का बेटा है। ये बेहक़ीक़त बातें हैं जो वो अपनी ज़बानों से निकालते हैं। उन लोगों की देखा-देखी जो इनसे पहले कुफ़्र [अधर्म] में पड़े हुए थे। अल्लाह की मार इन पर, ये कहाँ से धोखा खा रहे हैं।
इन्होंने अपने उलमा और दरवोशों को अल्लाह के सिवा अपना रब [बना] लिया है और इसी तरह मरयम के बेटे मसीह को भी, हालाँकि उनको एक माबूद [उपास्य] के सिवा किसी की बन्दगी करने का हुक्म नहीं दिया गया था, वो जिसके सिवा कोई इबादत का हक़दार नहीं, पाक है वो उन शिर्क भरी बातों से जो ये लोग करते हैं।"
[सूरह तौबा 30-31]


हदीस मे क्या कहा गया?

नबी करीम (सल्ल०) ने फ़रमाया,

''तकलीफ़ देनेवाली बात सुन कर अल्लाह से ज़्यादा सब्र करने वाला कोई नहीं है कम बख़्त मुशरिक कहते हैं कि अल्लाह औलाद रखता है और फिर भी वो उन्हें माफ़ करता है और उन्हें रोज़ी देता है।''
[सहीह बुखारी 7378]


नबी करीम (सल्ल०) ने फ़रमाया कि अल्लाह तआला फ़रमाता है कि, 

"मुझे इब्ने-आदम ने झुटलाया हालाँकि उसके लिये ये भी मुनासिब नहीं था। मुझे झुटलाना ये है कि (इब्ने-आदम) कहता है कि मैं उसको दोबारा नहीं पैदा करूँगा हालाँकि मेरे लिये दोबारा पैदा करना उसके पहली मर्तबा पैदा करने से ज़्यादा मुश्किल नहीं। उसका मुझे गाली देना ये है कि कहता है कि अल्लाह ने अपना बेटा बनाया है हालाँकि मैं एक हूँ, बे-नियाज़ हूँ, न मेरे लिये कोई औलाद है और न मै किसी की औलाद हूँ और न कोई मेरे बराबर है।"
[सहीह बुखारी 4974]


हज़रत उमर रज़ि अन्हु ने फ़रमाया:

"अल्लाह के दुश्मनो से इनके त्यौहार मे इजतिनाब (बचो) करो, गैर मुस्लिमो के त्योहार के दिन इनकी इबादतगाहो मे दाखिल ना हो क्योंकि इनके ऊपर अल्लाह की नाराज़गी नाज़िल होती हैं।"
[सुनन बहियिकी 9/392]


क्या ईसा अलैहिस्सलाम 25 दिसम्बर को पैदा हुए?


क्रिसमस ये दो लफ्ज़ो का मुरक्कब (जोड़ Added) हैं जो निकला हैं कराईस्ट [मसीह (ईसा अलैहि°)] और मास [मजमुआ (जमा होना/Gathering)] से,


कराईस्ट 
मसीह (ईसा अलैहि°) + मास मजमुआ (जमा होना/Gathering) = क्रिसमस (मसीह की विलादत के दिन जमा होना)

यानी ईसा अलैहिस्सलाम की विलादत के दिन जमा होना आम लफ्ज़ो मे कहें तो यौम ऐ विलादत ऐ ईसा। 

  • ये लफ्ज़ चौथी सदी के करीब करीब पाया गया उससे पहले मौजूद नहीं था। 
  • पूरे बाइबिल में चाहे न्यू टेस्टामेंट या ओल्ड टेस्टामेन्ट कहीं भी ज़िक्र नहीं की ईसा अलैहिस्सलाम की पैदाइस 25 दिसंबर हैं। 
  • ये फलसफा आज के कुछ ईसाई उलेमाओ और दीन से ना वाक़िफ़ लोगो ने किया हैं। 


आइये देखते हैं क़ुरआन हमें ईसा अलैहिस्सलाम की पैदाइश के बारेँ मे क्या इशारा देता हैं:

अल्लाह तआला फरमाता हैं,

فَحَمَلَتْهُ فَانتَبَذَتْ بِهِ مَكَانًا قَصِيًّا
मरियम को उस बच्चे का हमल रह गया और वह इस हमल को लिए हुए एक दूर के मकाम पर चली गई।
-فَأَجَاءَهَا الْمَخَاضُ إِلَىٰ جِذْعِ النَّخْلَةِ قَالَتْ يَا لَيْتَنِي مِتُّ قَبْلَ هَـٰذَا وَكُنتُ نَسْيًا مَّنسِيًّا 
फिर जचगी (While Delivery ) की तकलीफ ने उसे एक खजूर के पेड़ के नीचे पहुंचा दिया। वो कहने लगी काश "मै इससे पहले ही मर जाती और मेरा नाम निशान ना रहता।
-فَنَادَاهَا مِن تَحْتِهَا أَلَّا تَحْزَنِي قَدْ جَعَلَ رَ‌بُّكِ تَحْتَكِ سَرِ‌يًّا 
फ़रिश्ते ने उसको पुकार कर कहा ग़म ना कर तेरे रब ने तेरे नीचे एक चश्मा रवा कर दिया हैं।
-وَهُزِّي إِلَيْكِ بِجِذْعِ النَّخْلَةِ تُسَاقِطْ عَلَيْكِ رُ‌طَبًا جَنِيًّا
और तु ज़रा उस पेड़ के तने को हिला, तेरे ऊपर तर व ताज़ा खजूरें टपक पड़ेंगे।
[सूरह मरयम 22-25]


ईसा अलैहिस्सलाम की इस्लाम की पैदाइश रियासत ऐ यहूदिया के शहर बैतुल लहम मे हुई। इस इलाके मे गर्मी के मौसम में यानी जुलाई, अगस्त मे खजूरे होती है। कुरान के जरिए अल्लाह ने ये हुक्म वाज़ेह किया की ईसा अलैहिस्सलाम की विलादत खजूरें पकने के महीने जुलाई या अगस्त मे किसी दिन हुई थी ना की 25 दिसंबर को जो के यहूदिया (मौजूदा फिलिस्तीन) मे सख्त सर्दी और बारिश के महीने मे होता हैं।


आज का मुसलमान और क्रिसमस डे?


हमारे मुआशरे मे इतनी जहालत फैल चुकी है कम इल्म होने की वजह से कि उनको पता नहीं लगता कब वह कुफ्र और शिर्क कर जाते हैं। क्रिसमिस डे के इस त्योहार पर मुसलमान भी पीछे नहीं हटता। आजकल के मॉडल मुसलमान यहूदी और ईसाईयों के त्योहार में शामिल होते हैं। 

जब उनसे कहा जाता है कि यह सब करना शरियत में जायज़ नहीं तो कहते हैं कि यह क्या इस्लाम है कि अपने दोस्तों से भी हम हममेल ना रह सके और उनके त्योहार में शामिल ना हों? 

क्रिसमिस डे पर मुसलमानो के ज़रिये किये जाने वाले कुछ गुनाह ये हैं- 

  1. कोई गैर मजहब के त्योहार के गिफ्ट को स्वीकार करता है। गिफ्ट लेने के लिए चर्च में जाता है।
  2. कोई 25 दिसंबर की रात शराब और ज़िना जैसे कबीरा गुनाह का इर्तिकाब करता है। 
  3. कोई क्रिसमस डे का ट्री अपने घर में सजावत के तौर पर लगाता है (क्रिसमस डे ट्री की नियत से)। 
  4. कोई अपने बच्चों को सेंटा क्लोज़ नाम देता है। 
  5. कोई ईसाइयों के मजहबी लिबास को पहनता है। 
  6. कोई क्रिसमस डे पर उनको मुबारकबाद देता है। 


यह सब इसलिए हुआ क्योंकि हमारे बड़ों ने हमको दीन से दूर रखा। दुनिया की डिग्री हासिल कराने के लिए हमको तरह-तरह के स्कूलों और कॉलेजों में एडमिशन दिलाया लेकिन आज तक उसने कुरान को खोलने की हमको तालीम नहीं दी। इसीलिए आज उम्मत शिर्क और कुफ्र में जल्दी से चली जाती है जिसका उसको अंदाजा भी नहीं होता। 


खुलासा यह है कि यहूदी और ईसाई के मजहब पर आज मुसलमान चल रहा है। जिसकी पेशनगोई रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने 1400 साल पहले की थी वह पूरी हो रही है। 


नबी अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:

اجْعَلْ لَنَا إِلَهًا كَمَا لَهُمْ آلِهَةٌ
"तुम ज़रूर अगले लोगो (यहूद, ईसाई) के तौर तरीके पे चलोगे।"
[तिरमिज़ी 2180]

इस हदीस की पेशनगोई पूरी हो रही है। क्या अभी भी मुसलमान नहीं सुधरेगा। याद रहे जिसने अपने वक्त के नबी की बात को झुठलाया अल्लाह ताला ने उसको अज़ाब में मुब्तिला किया। 

ऐ मेरे मुसलमान भाइयों और बहनों,  बाज आ जाओ इस गुनाह कबीरा से वरना तुम्हारे आमाल बर्बाद कर दिए जाएंगे और तुम को खबर तक ना होगी। 


नबी सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने फरमाया:

من تَشبَّه بقوم، فهو منهم
"जिसने किसी कौम के तरीके को इख़्तियार किया वह उन्हीं में से हो गया।"
[अबी दाऊद 4031]

याद रहे हम अगर यहूदी या ईसाई के काफिरों के तरीके या उनके जैसे लिबास या उनके किसी भी मज़हबी त्योहार में शिरकत करेंगे तो इस हदीस के मुताबिक उन्हीं लोगों में से हो जाएंगे। 


अल्लाह ताला हमें दीन समझने की तौफ़ीक़ दे। 


आपका दीनी भाई
मुहम्मद रज़ा


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