Quran Majeed Ka Dawah (Challenge)

Quran Majeed Ka Dawah (Challenge)


क़ुरआन मजीद का दावा (चैलेंज)


विज्ञान और टेक्नोलॉजी हर चीज पर सब्कत लिए हुए आगे निकली हुई है फिर भी जब कोई वैज्ञानिक किसी चीज की खोज करता है और उसके तह तक जाकर उसका परिणाम निकालता है और फिर बहुत से वैज्ञानिक मिलकर उसका सत्यापन करते हैं कि यह सही है , उसके बाद भी अगर कोई दूसरा विचारक या वैज्ञानिक अपने मत उसके खिलाफ रख दे तो सभी वैज्ञानिक अपने खोजें हुये चीजों पर शक और सुब्ह में पड़ जाते हैं और फिर दोबारा उस पर रिसर्च करने लगते हैं। मतलब यह कि विज्ञान भी यू टर्न मारते हुए अपने कदम पीछे करती है लेकिन कुरआन मजीद एक ऐसी वाहिद किताब है जो कभी यू-टर्न लेते हुए पीछे नहीं हटती और ना कभी हटेगी क्योंकि कुरान मजीद अल्लाह का कलाम है और अपनी बातों से पीछे हटना ईश्वरत्व के खिलाफ है।


कुरान में 6000 से ज्यादा आयतें हैं और हर एक आयत बहुत गहराईयों तक बातें करती है उसी 6000 आयतो में से एक आयत पूरी दुनिया के लोगों को चैलेंज करती है कि दुनिया के सभी इंसान मिलकर कोई आयत बनाकर ले आए और फिर कुरान कहता है की वे हरगिज़ नहीं बना सकेंगे। यह चैलेंज है कुरान का।


وَ اِنۡ کُنۡتُمۡ فِیۡ رَیۡبٍ مِّمَّا نَزَّلۡنَا عَلٰی عَبۡدِنَا فَاۡتُوۡا بِسُوۡرَۃٍ مِّنۡ مِّثۡلِہٖ ۪ وَ ادۡعُوۡا شُہَدَآءَکُمۡ مِّنۡ دُوۡنِ اللّٰہِ اِنۡ کُنۡتُمۡ صٰدِقِیۡنَ 
فَاِنۡ لَّمۡ تَفۡعَلُوۡا وَ لَنۡ تَفۡعَلُوۡا فَاتَّقُوا النَّارَ الَّتِیۡ وَقُوۡدُہَا النَّاسُ وَ الۡحِجَارَۃُ ۚ ۖ اُعِدَّتۡ لِلۡکٰفِرِیۡنَ 

"और अगर तुम्हें इस किताब में शक हो जो हमने अपने बंदे पर उतारा तो इस जैसी एक सूरत ले आओ और बुला लो अपने परवरदिगार अल्लाह के सिवा अगर तुम सच्चे हो फिर अगर तुम ना कर सको और हरगिज़ ना कर सकोगे तो उस आग से डरो ईंधन आदमी और पत्थर है काफिरों के लिए तैयार की गई है "
(पारा नंबर 1 सूरह बकरा आयत नंबर 23 , 24)



अक्सर लोगों का यह ख्याल है कि जमाने के हिसाब से हर चीजों में तब्दीलियां होती रहती हैं विज्ञान भी तरक्की करता हुआ आगे बढ़ रहा है और हमेशा नए-नए चीजों का खोज करता रहता है लेकिन कुरान 1400 साल पहले से वैसे का वैसा ही है और इसमें पुराने ख्यालात और पहले की चीजों के बारे में लिखा है इसके बावजूद आज के जमाने में मुस्लिम इसे अपने सीने से लगाए है आखिर क्यों?


क्यों कुरान विज्ञान की तरह अपने विचार नहीं बदलता? और नई नई चीजों को क्यों नहीं जोड़ता?


हम मान लेते हैं कि आपको सात मंजिला ऊपर छत पर जाना है तब इस सूरत में आप सीढ़ियों के सहारे एक - एक सीढ़ियां चलेंगे तब जाकर आप 7 मंजिला ऊपर पहुंचेंगे उसी तरह साइंस भी अभी तरक्की के उरूज़ पर नहीं पहुंचा बल्कि वह अभी सीढ़ियों पर है । इसलिए उसमे खोज होता रहता है लेकिन कुरान को देखें तो उसमें आप पाएंगे कि जो खोज आज वैज्ञानिक कर रहा है कुरान में 1400 साल पहले ही बयान हो चुका है इसलिए हम कह सकते हैं कि कुरान एक मुकम्मल किताब है । कुरान हर जमाने के लिए उतरा है जो ताकयामत लोगों के लिए जिंदगी जीने के हर पहलू पर बात करता है।


जैसे एस्ट्रोफिजिक्सट्स (आसमान से संबंधित चीजों और बातों के एक्सपर्ट) और एस्ट्रोनॉमर्स के 7 साल के अनुभव और तजुर्बा से जमा की हुई मालूमात और सामग्री इस बात की तारीफ करती है बिग बैंग के मुताबिक तमाम कायनात शुरू में एक बड़ी प्राइमरी नवयुला थी फिर वह दोबारा कई भाग में तक्सीम हुई जिसकी वजह से गैलेक्सी वजूद में आई फिर यह सितारों सैया रो सूरज चांद की सूरत में तक्सीम हो गई यह कोई इत्तेफाक नहीं हुए बल्कि अल्लाह ही के किए हुए हैं और कुरआन में अल्लाह ताला कायनात के शुरुआत से मुतालिक फरमाते हैं


اَوَ لَمۡ یَرَ الَّذِیۡنَ کَفَرُوۡۤا اَنَّ السَّمٰوٰتِ وَ الۡاَرۡضَ کَانَتَا رَتۡقًا فَفَتَقۡنٰہُمَا ؕ وَ جَعَلۡنَا مِنَ الۡمَآءِ کُلَّ شَیۡءٍ حَیٍّ ؕ اَفَلَا یُؤۡمِنُوۡنَ 

"क्या काफिरों ने नहीं देखा कि बेशक आसमान और जमीन दोनों मिले हुए थे तो हमने अलग अलग कर दिया"
(पारा नंबर 17 सूर्य अंबिया आयत नंबर 30)


इस आयत के बाद बिग बैंग के नजरिया के दरमियान समानता से इनकार करना नामुमकिन है और इसी तरह कुरान की एक हजार से ज्यादा आयतें साइंस के मुतालिक बातें करती हैं जो वैज्ञानिक आज खोज रहे हैं वह 1400 साल पहले की किताबों में नाजिल हो चुका है यह पूरा कोई इत्तेफाक नहीं बल्कि यह उस रब जो हर चीज का इल्म रखने वाला है उसके द्वारा भेजी गई किताब है। और इसलिए कुरान पूरी दुनिया के इंसानों को चैलेंज करती है।




मुसन्निफ़ा (लेखिका): मामून



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