जन्नत (पार्ट-8): जन्नत के महलात
जन्नत के महलात बेहद ख़ूबसूरत और बेशकीमती जगह है, जिसे अल्लाह तआला ने अपने नेक बंदों के लिए तैयार किया है। जन्नत सिर्फ एक आरामगाह नहीं, बल्कि अल्लाह तआला की रहमतों और इनामों की वह मुकम्मल जगह है, जहाँ नेक अमल करने वालों को ऐसे आलीशान महलात (महल) अता किए जाएंगे, जिनका तसव्वुर भी इस दुनिया में मुमकिन नहीं।
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया, "जन्नत में ऐसे महल होंगे, जिनका बाहर का हिस्सा अंदर से और अंदर का हिस्सा बाहर से नज़र आएगा। अल्लाह ने उन्हें उस शख़्स के लिए तैयार किया है जो अच्छे तरीके से बोलता है, खाना खिलाता है, रोज़ा रखता है और रात में अल्लाह के लिए नमाज़ पढ़ता है।" [तिर्मिज़ी: 2527]
एक और हदीस में है, "जो मस्जिद के लिए अल्लाह के लिए घर बनाएगा, अल्लाह उसके लिए जन्नत में उससे बेहतर घर बनाएगा।" [सही बुखारी: 450]
जन्नत के यह बेशकीमती महल सिर्फ दौलत या ताक़त से नहीं, बल्कि अख़लाक़, इबादत, दूसरों की मदद, और तक़वा से हासिल किए जाते हैं। अल्लाह तआला अपने नेक बंदों को ऐसी जन्नत अता करेगा जिसमें महलात की हुस्न, ऊँचाई और रौशनाई हर बन्दा खुद देखेगा और उसका दिल सुकून पाएगा।
जन्नत के महलात की खास बातें:
- जन्नतुल अदन को अल्लाह तआला ने अपने हाथों से बनाया है।
- महलों की ईंटें सफेद मोती, सुर्ख याकूत और हरे ज़मर्रद से बनी होंगी।
- महलों की मिट्टी कस्तूरी (मिस्क) और घास ज़ाफरान की होगी।
- कुछ महलों के बर्तन और सारी चीज़ें चाँदी की होंगी।
- कुछ महलों के बर्तन और सारी चीज़ें सोने की होंगी।
- महलों के ऊपर बड़े-बड़े गुम्बद होंगे, जो सफेद मोती से बने होंगे।
- जन्नती लोग हमेशा युवावस्था में रहेंगे, न बूढ़े होंगे, न बीमार पड़ेंगे।
- जन्नत में कपड़े कभी पुराने नहीं होंगे, और न कोई तकलीफ़ होगी।
- जन्नती अपने रब का दीदार कर सकेंगे, उनके लिए यह सबसे बड़ी नेमत होगी।
जन्नत के महल दुनिया के किसी महल से नहीं, बल्कि पाकीज़गी, नूर और रज़ा-ए-इलाही से सजे होंगे। वहाँ न मिट्टी होगी, न गर्द, न गंदगी बल्कि हर महल से खुशबू और रौशनी निकलेगी। इन महलों में रहना उन्हें नसीब होगा जो दुनिया में पाक ज़िंदगी गुज़ारते हैं।
"मोमिन मर्दों और मोमिन औरतों से अल्लाह तआला ने वादा कर रखा है कि वह उन्हें ऐसे बाग़ देगा जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी, और वह उनमें हमेशा रहेंगे। उन बाग़ों में उनके लिए पाकीज़ा ठहरने की जगहें (महलात) होंगी, और सबसे बढ़कर यह कि उन्हें अल्लाह तआला की ख़ुशनूदी हासिल होगी, यही बड़ी कामयाबी है।" [सूरह तौबा (9):72]
2. जन्नत एक आरामगाह है
जन्नत ना सिर्फ़ एक आरामगाह है, बल्कि वो इबादत और रज़ा की जन्नतगाह है, जहाँ हर सांस अल्लाह की तस्बीह में होगी, और हर दिल मोहब्बत व सुकून से भरा होगा।
हज़रत अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) फ़रमाते हैं कि रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया, "जन्नत में सबसे पहले जो लोग (मर्द और औरतें) दाखिल होंगे, उनके चेहरे चाँद की चौदहवीं रात की तरह चमकते होंगे। उन्हें न थूक आएगा, न नाक की सफाई की ज़रूरत होगी, और न ही उन्हें रफ़ा-ए-हाजत (शौच आदि) की आवश्यकता महसूस होगी।
उनके बर्तन सोने के होंगे, और कंघियाँ सोने व चाँदी की होंगी। अंगीठियों से 'औद' (लोबान) की खुशबू निकल रही होगी, उनके पसीने से कस्तूरी (मिश्क) की महक आएगी। हर जन्नती के पास दो बीवियाँ होंगी, जिनके सौंदर्य की वजह से उनकी पिंडलियों का गूदा (हड्डी के अंदर से) भी झलकता होगा। जन्नतियों के दिलों में आपसी रंजिश या नफ़रत नहीं होगी, बल्कि सब एक-दिल (एक जान) होंगे, और सुबह-शाम अल्लाह की तस्बीह और हम्द करते रहेंगे।" [सही बुख़ारी 3245]
3. नेमतों की झलक
जन्नत के महल सोने और चाँदी की ईंटों से बने होंगे। इन महलों की खूबसूरती दुनिया की किसी भी इमारत से कहीं ज़्यादा होगी। जन्नत की कंकरी (संगरेज़ी) मोती और याकूत की होगी, और उसकी मिट्टी ज़ाफ़रान (केसर) की होगी जो खुशबू और पाकीज़गी से भरी होगी। जन्नत में मौत नहीं आएगी।
एक बार जन्नत में दाख़िल हो जाने के बाद जन्नती हमेशा-हमेशा के लिए ज़िंदा रहेंगे। न बुढ़ापा होगा, न बीमारी और न ही मौत बस हमेशा की ज़िंदगी, सुकून और नेमतें।
रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया, जब जन्नती जन्नत में दाखिल होंगे, तो उन्हें एक मुनादी (आवाज़) सुनाई देगी: 'तुम हमेशा सेहतमंद रहोगे, कभी बीमार न होगे; तुम हमेशा जिंदा रहोगे, अब कभी नहीं मरोगे; तुम हमेशा जवान रहोगे, अब कभी बूढ़े न होगे; और तुम्हें हमेशा नेमतें मिलती रहेंगी, अब कभी महरूम न होगे।' [सही मुस्लिम: 2837]
4. हमेशा की जवानी और राहत की जगह
जन्नत में बुढ़ापा नहीं आएगा। हर जन्नती हमेशा जवान रहेगा, न कभी कमज़ोर होगा, न थकेगा। यह एक हमेशा की राहत और हमेशा की नेमतों की जगह होगी।
हज़रत अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है:
मैंने अर्ज़ किया: "या रसूल अल्लाह ﷺ! मख़लूक़ (इंसान) किस चीज़ से पैदा की गई है?"
आपने ﷺ फ़रमाया: "पाकीज़गी (पाक चीज़) से।"
मैंने फिर पूछा: "जन्नत किस चीज़ से बनी है?"
आप ﷺ ने फ़रमाया: "उसकी एक ईंट चाँदी की है और एक ईंट सोने की। उसका सीमेंट (जो ईंटों को जोड़ता है) तेज़ खुशबू वाला कस्तूरी (मिश्क) है। उसकी कंकरी (संगरेज़ी) मोती और याकूत की है। और उसकी मिट्टी ज़ाफ़रान (केसर) की है। जो शख़्स उसमें दाख़िल होगा, वो हमेशा ऐश करेगा उसे कभी कोई तकलीफ़ नहीं पहुँचेगी, वो हमेशा ज़िंदा रहेगा, कभी नहीं मरेगा। जन्नतियों के कपड़े कभी पुराने नहीं होंगे, और उनकी जवानी कभी ख़त्म नहीं होगी।" [सुनन तिर्मिज़ी 2526]
5. जन्नतुल अदन: अल्लाह तआला की ख़ास तामीर
यह जन्नतुल अदन, जन्नत के सबसे ऊँचे और बेहतरीन मक़ामात में से एक है। इसकी तामीर ख़ुद अल्लाह तआला ने की है। इसके हर हिस्से में नफ़ासत और बहिश्त की झलक है मोती, याक़ूत, ज़मुर्रद, ज़ाफ़रान, कस्तूरी। सिर्फ़ ईमानदार और बख़ील से पाक लोग इसमें दाख़िल हो सकेंगे।
हज़रत अनस (रज़ियल्लाहु अन्हु) फ़रमाते हैं, रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया, "जन्नतुल अदन को अल्लाह तआला ने अपने हाथ से तामीर फरमाया है। उसकी एक ईंट सफ़ेद मोती की है, एक ईंट सुर्ख याक़ूत (लाल जवाहरात) की, और एक ईंट सब्ज़ ज़मुर्रद (हरा नगीना) की है। उसकी मिट्टी कस्तूरी (मिश्क) की है, उसके कंकड़ (संगरेज़े) लाल-लाल मोतियों से हैं, और उसकी घास ज़ाफ़रान (केसर) की है।"
फिर (जन्नत की तामीर के बाद) अल्लाह तआला ने जन्नत से फ़रमाया: "कुछ कहो!"
जन्नत ने कहा: "कामयाब हो गए ईमान वाले लोग!"
तब अल्लाह अज़्ज़ा व जल ने फ़रमाया: "मेरी इज़्ज़त और जलाल की क़सम! कोई भी बख़ील (कंजूस) इंसान तुझ में दाख़िल नहीं हो सकेगा।"
फिर रसूलुल्लाह ﷺ ने यह आयत तिलावत फरमाई, "जो लोग अपने नफ़्स की बख़ीली (कंजूसी) से बचा लिए गए, वही लोग कामयाब हैं।" [अन-निहाया लि इब्ने कसीर 352]
6. अहले जन्नत हर सांस के साथ अल्लाह की हम्द और तस्बीह करेंगे
हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया, "जन्नत में सबसे पहले जो समूह (मर्द और औरतों का) दाख़िल होगा उनके चेहरे चाँदनी रात के चाँद की तरह रौशन होंगे। उन्हें ना थूक आएगा, ना ही नाक साफ़ करने की ज़रूरत महसूस होगी और ना ही पेशाब-पखाना की कोई ज़रूरत होगी। उनके बर्तन सोने के होंगे और कंघियाँ सोने-चाँदी की। अंगीठियों से ओस की ख़ुशबू निकलेगी। जन्नतियों के पसीने से कस्तूरी (मिश्क) की ख़ुशबू आएगी। हर जन्नती के पास दो पत्नियाँ होंगी, जिनकी हुस्न व जमाल की वजह से उनके पिंडलियों का गूदा गोश्त के अंदर से झलकता होगा। जन्नतियों के बीच कोई बैर-दुश्मनी नहीं होगी, न ही कोई मनमुटाव। बल्कि वे सब एक जान जैसे होंगे और सुबह-शाम अल्लाह की तस्बीह करते रहेंगे।" [सहीह बुख़ारी - किताबुल बदउल खल्क़
7. जन्नत के महल सोने और चाँदी की ईंटों से बने होंगे
जन्नत के कंकड़ मोती और याकूत (कीमती पत्थर) के होंगे और उसकी मिट्टी ज़ाफ़रान की होगी। जन्नत में मौत नहीं आएगी और जन्नती हमेशा जिंदा रहेंगे, जन्नत में बुढ़ापा नहीं आएगा बल्कि जन्नती हमेशा जवान रहेंगे
हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है: मैंने अर्ज़ किया, "या रसूलल्लाह! मख़लूक़ किस चीज़ से पैदा की गई है?"
आपने फ़रमाया: "पाकीज़गी से।"
मैंने पूछा: "जन्नत किस चीज़ से बनी है?"
आपने फ़रमाया: "उसकी एक ईंट सोने की और एक चाँदी की है। उसका सीमेंट कस्तूरी (मिश्क़) की ख़ुशबू वाला है, उसके कंकड़ मोती और याकूत के हैं और उसकी मिट्टी ज़ाफ़रान है। जो उसमें दाख़िल होगा, आराम करेगा, कभी तकलीफ़ नहीं देखेगा, हमेशा ज़िंदा रहेगा और कभी नहीं मरेगा। जन्नतियों के कपड़े कभी पुराने नहीं होंगे और उनकी जवानी कभी ख़त्म नहीं होगी।" [सुनन तिर्मिज़ी 2526]
8. कुछ महलों में चाँदी के बाग़ होंगे जिनकी हर चीज़ चाँदी की होगी
जन्नत सिर्फ आराम की जगह नहीं, बल्कि वह एक ऐसी जगह है जहाँ रूह, दिल और आँखें, हर चीज़ को ऐसी राहत मिलेगी जो दुनिया में मुमकिन नहीं। अल्लाह का दीदार यह सबसे बड़ी नेमत है। कोई दौलत, कोई हूर, कोई महल इस एक लम्हे के बराबर नहीं।
हज़रत अब्दुल्लाह बिन क़ैस रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबी ए अकरम ﷺ ने फ़रमाया, "जन्नत में दो बाग़ चाँदी के होंगे, उनके बर्तन और हर चीज़ चाँदी की होगी, और दो बाग़ सोने के होंगे, उनके बर्तन और हर चीज़ सोने की होगी। लोगों के लिए जन्नतुल अदन में अपने रब को देखने में कोई रुकावट न होगी सिवाय उसके जलाल की चादर के जो उसके चेहरे मुबारक पर होगी।" [सहीह मुस्लिम 180]
9. जन्नत के महलात में बड़े-बड़े गुम्बद खूबसूरत सफेद मोतियों से बनाए गए हैं
जन्नत की तामीर अल्लाह की कुदरत से हुई है। जन्नत कोई मामूली जगह नहीं है, वहाँ की हर चीज़ अल्लाह की रहमत और कुदरत से बनी है।
हज़रत अनस बिन मालिक (रज़ियल्लाहु अन्हु) से मेराज की हदीस में रिवायत है कि रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया, "फिर मुझे जन्नत में ले जाया गया, जिसमें गुम्बद सफेद मोतियों के बने हुए थे और उसकी मिट्टी (ज़मीन) मुश्क (ख़ुशबूदार कस्तूरी) की थी।" [सहीह मुस्लिम 163]
किन्हें मिलेंगे ये महलात?
- नमाज़ी और मुत्ती (परहेज़गार) लोगों को
- मुसाफिरों को पानी पिलाने वाले
- ग़ुस्सा पी जाने वाले
- अफ़्व (माफ़) करने वाले
- अच्छे अख़लाक़ वाले
- ताहिर (पाक-साफ़) रहने वाले
- झगड़ों से बचने वाले
- झूठ और गाली-गलौज से दूर रहने वाले
जन्नत के महलात, अल्लाह तआला ने अपने नेक, पाक-साफ़, और इबादतगुज़ार बंदों के लिए तैयार किए हैं। ये महलात सिर्फ़ आराम और ऐश की जगह नहीं, बल्कि अल्लाह की रहमत, रज़ा और दीदार की सबसे बड़ी नेमत से भरपूर होंगे।
जन्नत के महलों की खूबसूरती, उनकी बनावट सोने-चाँदी की ईंटों, मोतियों और याक़ूत से बने गुम्बदों, ज़ाफ़रान और कस्तूरी से बनी मिट्टी का जो तसव्वुर कुरआन और हदीसों में मिलता है, वह इस दुनिया की किसी चीज़ से मेल नहीं खाता।
इन महलों में न कोई तकलीफ़ होगी, न बुढ़ापा, न बीमारी, और न ही मौत। जन्नती लोग हमेशा जवान रहेंगे, पाक-साफ़ होंगे और हर वक्त अल्लाह की हम्द और तस्बीह करते रहेंगे। जन्नत की सबसे बड़ी नेमत अपने रब का दीदार उन्हें हासिल होगा।
ऐ अल्लाह! हमें जन्नत के महलात में जगह अता फ़रमा और हमें ऐसा किरदार दे जिससे हम वहां के हक़दार बन सकें।
आमीन।
Posted By Islamic Theology
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