चालीस (40) रब्बना दुआएँ
रब्बना दुआ - 1
رَبَّنَا تَقَبَّلْ مِنَّا إِنَّكَ أَنْتَ السَّمِيعُ العَلِيمُ
रब्बना तक़ब्बल मिन्ना इन्नका अन्तस्समीउल अलीम
"ऐ हमारे रब! हमसे क़बूल फरमा, बेशक तू सुनने वाला और जानने वाला है।"
[क़ुरआन 2:127]
रब्बना दुआ - 2
رَبَّنَا وَاجْعَلْنَا مُسْلِمَيْنِ لَكَ وَمِن ذُرِّيَّتِنَا أُمَّةً مُّسْلِمَةً لَّكَ وَأَرِنَا مَنَاسِكَنَا وَتُبْ عَلَيْنَآ إِنَّكَ أَنتَ التَّوَّابُ الرَّحِيمُ
रब्बना वजअलना मुस्लिमैनि लका व मिन जु़र्रिय्यतिना उम्मतन मुस्लिमतन लका व अरीना मनासिकना व तुब अलैना इन्नका अंता तव्वाबुर्रहीम
"ऐ हमारे रब! हमें अपना फरमानबरदार बना दे और हमारी औलाद में से भी एक उम्मत फरमानबरदार बना दे, और हमें हमारे इबादत के तरीके दिखा, और हम पर रहम फरमा, बेशक तू बहुत ज्यादा तौबा कबूल करने वाला मेहरबान है।"
[क़ुरआन 2:128]
रब्बना दुआ - 3
رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِي الآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ
रब्बना आतिना फ़िद-दुन्या हसनतन व फ़िल आख़िरति हसनतन व क़िना अज़ाबन्नार
"ऐ हमारे रब! हमें दुनिया में भलाई अता फरमा और आख़िरत में भी भलाई अता फरमा और हमें आग के अज़ाब से बचा।"
[क़ुरआन 2:201]
रब्बना दुआ - 4
رَبَّنَا أَفْرِغْ عَلَيْنَا صَبْراً وَثَبِّتْ أَقْدَامَنَا وَانصُرْنَا عَلَى القَوْمِ الكَافِرِينَ
रब्बना अफ़रिग़ अलैना सब्रं व सब्बित अक़दामना वंसरना अलल-क़ौमिल-काफ़िरीन
"ऐ हमारे रब! हम पर सब्र उंडेल दे, हमारे क़दमों को जमा दे और हमें काफ़िरों के ख़िलाफ़ मदद अता फरमा।"
[क़ुरआन 2:250]
रब्बना दुआ - 5
رَبَّنَا لاَ تُؤَاخِذْنَا إِن نَّسِينَا أَوْ أَخْطَأْنَا
रब्बना ला तूआख़िज़ना इन नसिना अव अ ख़ता'ना
"ऐ हमारे रब! अगर हम भूल जाएं या ग़लती करें तो हमें न पकड़।"
[क़ुरआन 2:286]
रब्बना दुआ - 6
رَبَّنَا وَلاَ تَحْمِلْ عَلَيْنَا إِصْرًا كَمَا حَمَلْتَهُ عَلَى الَّذِينَ مِن قَبْلِنَا
रब्बना वला तहमिल अलैना इसरं कमा हमलतहु अलल्लज़ीना मिन क़ब्लिना
"ऐ हमारे रब! हम पर ऐसा बोझ न डाल जैसा तूने हमसे पहले लोगों पर डाला था।"
[क़ुरआन 2:286]
रब्बना दुआ - 7
رَبَّنَا وَلاَ تُحَمِّلْنَا مَا لاَ طَاقَةَ لَنَا بِهِ وَاعْفُ عَنَّا وَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا أَنتَ مَوْلاَنَا فَانصُرْنَا عَلَى الْقَوْمِ الْكَافِرِينَ
रब्बना वला तुहम्मिलना मा ला ताक़ता लना बिही वाअफ़ु अन्ना वग़फ़िर लना वर्हमना अंता मौलाना फंसरना अलल-क़ौमिल-काफ़िरीन
"ऐ हमारे रब! हम पर वह बोझ न डाल जिसे उठाने की हम में ताक़त नहीं, और हमें माफ़ फरमा, हमें बख़्श दे और हम पर रहम फरमा।"
[क़ुरआन 2:286]
रब्बना दुआ - 8
رَبَّنَا لاَ تُزِغْ قُلُوبَنَا بَعْدَ إِذْ هَدَيْتَنَا وَهَبْ لَنَا مِن لَّدُنكَ رَحْمَةً إِنَّكَ أَنتَ الْوَهَّابُ
रब्बना ला तुज़िघ़ क़ुलूबना बअ्दा इध् हदैतना वहब लना मिल्लदुंका रह्मह् इन्नका अन्तल वह्हाब
"ऐ हमारे रब! हमारे दिलों को हिदायत देने के बाद टेढ़ा न कर, और हमें अपनी तरफ से रहमत अता फरमा, बेशक तू ही बहुत बड़ा अता करने वाला है।"
[क़ुरआन 3:08]
रब्बना दुआ - 9
رَبَّنَا إِنَّكَ جَامِعُ النَّاسِ لِيَوْمٍ لاَّ رَيْبَ فِيهِ إِنَّ اللّهَ لاَ يُخْلِفُ الْمِيعَادَ
रब्बना इन्नका जामिउन्नासि ली यौमिल ला रैब फ़ीह, इन्नल्लाहा ला युख़लिफ़ुल मियाद
"ऐ हमारे रब! यक़ीनन तू लोगों को उस दिन जमा करेगा जिसमें कोई शक नहीं। बेशक, अल्लाह कभी वादा ख़िलाफ़ी नहीं करता।"
[क़ुरआन 3:09]
रब्बना दुआ - 10
رَبَّنَا إِنَّنَا آمَنَّا فَاغْفِرْ لَنَا ذُنُوبَنَا وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ
रब्बना इन्नना आमन्ना फग़फ़िर लना जु़नूबना व क़िना अज़ाबन्नार
"ऐ हमारे रब! हम ईमान लाए, पस हमारे गुनाह माफ़ फरमा और हमें आग के अज़ाब से बचा।"
[क़ुरआन 3:16]
रब्बना दुआ - 11
رَبَّنَآ ءَامَنَّا بِمَآ أَنزَلْتَ وَٱتَّبَعْنَا ٱلرَّسُولَ فَٱكْتُبْنَا مَعَ ٱلشَّٰهِدِينَ
रब्बना आमन्ना बिमा अंजलता वत्तबअ’नर-रुसुला फ़क्तुबना मअश-शाहिदीन
"ऐ हमारे रब! हम उस पर ईमान लाए जो तूने नाज़िल किया, और हमने रसूल की पैरवी की, पस हमें गवाहों में शामिल कर ले।"
[क़ुरआन 3:53]
रब्बना दुआ - 12
ربَّنَا اغْفِرْ لَنَا ذُنُوبَنَا وَإِسْرَافَنَا فِي أَمْرِنَا وَثَبِّتْ أَقْدَامَنَا وانصُرْنَا عَلَى الْقَوْمِ الْكَافِرِينَِ
रब्बना ग़फ़िर लना जु़नूबना व इसराफ़ना फ़ी अम्रिना व सब्बित अक़दामना वंसरना अलल-क़ौमिल-काफ़िरीन
"ऐ हमारे रब! हमारे गुनाहों और हमारे मामलों में हमारी ज्यादतियों को माफ़ फरमा, हमारे क़दमों को जमा दे, और हमें काफ़िरों के मुक़ाबले में मदद अता फरमा।"
[क़ुरआन 3:147]
रब्बना दुआ - 13
رَبَّنَا مَا خَلَقْتَ هَذا بَاطِلاً سُبْحَانَكَ فَقِنَا عَذَابَ النَّارِ
रब्बना मा ख़लक्त हाज़ा बातिला, सुब्हानका फ़क़िना अज़ाबन्नार
"ऐ हमारे रब! तूने यह सब बे मक़सद नहीं पैदा किया! तू पाक है, पस हमें आग के अज़ाब से बचा ले।"
[क़ुरआन 3:191]
रब्बना दुआ - 14
رَبَّنَا إِنَّكَ مَن تُدْخِلِ النَّارَ فَقَدْ أَخْزَيْتَهُ وَمَا لِلظَّالِمِينَ مِنْ أَنصَارٍ
रब्बना इन्नका मन तुदख़िलिन नार फ़क़द अख़ज़ैतह, व मा लिज़्ज़ालिमीना मिन अंसार
"ऐ हमारे रब! जिसे तूने आग में डाला, यक़ीनन तूने उसे रुसवा कर दिया, और ज़ालिमों का कोई मददगार न होगा।"
[क़ुरआन 3:192]
रब्बना दुआ - 15
رَّبَّنَا إِنَّنَا سَمِعْنَا مُنَادِيًا يُنَادِي لِلإِيمَانِ أَنْ آمِنُواْ بِرَبِّكُمْ فَآمَنَّا
रब्बना इन्नना समी'ना मुना दियं युना दी लिल-इमानि अन आमिनू बि रब्बिकुम फआमन्ना
"ऐ हमारे रब! हमने एक पुकारने वाले को सुना जो ईमान की तरफ बुला रहा था, "अपने रब पर ईमान लाओ" तो हम ईमान ले आए।"
[क़ुरआन 3:193]
रब्बना दुआ - 16
رَبَّنَا فَاغْفِرْ لَنَا ذُنُوبَنَا وَكَفِّرْعَنَّا سَيِّئَاتِنَا وَتَوَفَّنَا مَعَ الأبْرَارِ
रब्बना फग़फिर लना जुन्हूबना व कफ़्फ़िर अन्ना सैय्यिआतिना व तवफ्फना मअल अबरार
"ऐ हमारे रब! हमारे गुनाह माफ़ फरमा, हमारी बुराइयों को मिटा दे, और हमें नेक लोगों के साथ मौत दे।"
[क़ुरआन 3:193]
रब्बना दुआ - 17
رَبَّنَا وَآتِنَا مَا وَعَدتَّنَا عَلَى رُسُلِكَ وَلاَ تُخْزِنَا يَوْمَ الْقِيَامَةِ إِنَّكَ لاَ تُخْلِفُ الْمِيعَاد
रब्बना व आतिना मा वअद्तना अला रुसुलिका व ला तुख़ज़िना यौमल-क़ियामह, इन्नका ला तुख़लिफ़ुल मियाद
"ऐ हमारे रब! हमें वह अता फरमा जो तूने अपने रसूलों के ज़रिए हमसे वादा किया था, और हमें क़ियामत के दिन रुसवा न कर, बेशक तू वादा ख़िलाफ़ी नहीं करता।"
[क़ुरआन 3:194]
रब्बना दुआ - 18
رَبَّنَا آمَنَّا فَاكْتُبْنَا مَعَ الشَّاهِدِينَ
रब्बना आमन्ना फ़क्तुबना मअश-शाहिदीन
"ऐ हमारे रब! हम ईमान लाए, पस हमें गवाहों में लिख ले।"
[क़ुरआन 5:83]
रब्बना दुआ - 19
رَبَّنَا أَنزِلْ عَلَيْنَا مَآئِدَةً مِّنَ السَّمَاء تَكُونُ لَنَا عِيداً لِّأَوَّلِنَا وَآخِرِنَا وَآيَةً مِّنكَ وَارْزُقْنَا وَأَنتَ خَيْرُ الرَّازِقِينَ
रब्बना अंज़िल अलैना माइदतम् मिनस-समा-इ तकूनु लना ईदल्लि अव्वलिना व आख़िरिना व आयतम्-मिंका व ऱुज़ुक़ना व अंता खैरुर-ऱाज़िक़ीन
"ऐ हमारे रब! हम पर आसमान से खाने का दस्तरख़्वान नाज़िल फरमा, ताकि वह हमारे लिए पहले और बाद वालों के लिए ईद और तेरी तरफ़ से निशानी हो, और हमें रिज़्क़ अता फरमा, बेशक तू सबसे बेहतर रिज़्क़ देने वाला है।"
[क़ुरआन 5:114]
रब्बना दुआ - 20
رَبَّنَا ظَلَمْنَا أَنفُسَنَا وَإِن لَّمْ تَغْفِرْ لَنَا وَتَرْحَمْنَا لَنَكُونَنَّ مِنَ الْخَاسِرِينَ
रब्बना ज़लमना अंफुसना व इल्लम तग़फ़िर लना व तरहमना लनाकूनन मिनल-ख़ासिरीन
"ऐ हमारे रब! हमने अपनी जानों पर ज़ुल्म किया, अगर तू हमें माफ़ न करेगा और हम पर रहम न फरमाएगा, तो हम यक़ीनन नुक़सान उठाने वालों में से होंगे।"
[क़ुरआन 7:23]
रब्बना दुआ - 21
رَبَّنَا لاَ تَجْعَلْنَا مَعَ الْقَوْمِ الظَّالِمِينَ
रब्बना ला तजअलना मअल-क़ौमि-ज़ज़ालिमीन
"ऐ हमारे रब! हमें ज़ालिम क़ौम के साथ शामिल न कर।"
[क़ुरआन 7:47]
रब्बना दुआ - 22
رَبَّنَا افْتَحْ بَيْنَنَا وَبَيْنَ قَوْمِنَا بِالْحَقِّ وَأَنتَ خَيْرُ الْفَاتِحِينَ
रब्बना अफ्तह् बैनना व बैना क़ौमिना बिल-हक़्क़ि व अंता ख़ैरुल-फ़ातिहीन
"ऐ हमारे रब! हमारे और हमारी क़ौम के दरमियान हक़ के साथ फ़ैसला कर दे, और तू ही बेहतरीन फ़ैसला करने वाला है।"
[क़ुरआन 7:89]
रब्बना दुआ - 23
رَبَّنَا أَفْرِغْ عَلَيْنَا صَبْرًا وَتَوَفَّنَا مُسْلِمِينَ
रब्बना अफ़रिग़ अलैना सब्रं व तवफ्फना मुस्लिमीन
"ऐ हमारे रब! हम पर सब्र उंडेल दे और हमें इस्लाम की हालत में मौत दे।"
[क़ुरआन 7:126]
रब्बना दुआ - 24
رَبَّنَا لاَ تَجْعَلْنَا فِتْنَةً لِّلْقَوْمِ الظَّالِمِينَ; وَنَجِّنَا بِرَحْمَتِكَ مِنَ الْقَوْمِ الْكَافِرِينَ
रब्बना ला तजअलना फ़ित्नतल लिल-क़ौमि-ज़ज़ालिमीन; व नज्जिना बिरह्मतिका मिनल-क़ौमिल-काफ़िरीन
"ऐ हमारे रब! हमें ज़ालिम क़ौम के लिए आज़माइश न बना, और अपनी रहमत से हमें काफ़िरों से नजात अता फरमा।"
[क़ुरआन 10:85-86]
रब्बना दुआ - 25
رَبَّنَا إِنَّكَ تَعْلَمُ مَا نُخْفِي وَمَا نُعْلِنُ وَمَا يَخْفَى عَلَى اللّهِ مِن شَيْءٍ فَي الأَرْضِ وَلاَ فِي السَّمَاء
रब्बना इन्नका तअलमु मा नुख़्फ़ी व मा नुअलिन, व मा यख़्फ़ा अलल्लाहि मिन शैइं फ़िल-अर्दि व ला फ़िस्समा
"ऐ हमारे रब! बेशक तू जानता है जो हम छुपाते हैं और जो हम ज़ाहिर करते हैं, और अल्लाह से कोई चीज़ ज़मीन में और आसमान में छुपी नहीं रहती।"
[क़ुरआन 14:38]
रब्बना दुआ - 26
رَبَّنَا وَتَقَبَّلْ دُعَاء
रब्बना व तक़ब्बल दुआ
"ऐ हमारे रब! और हमारी दुआ क़बूल फरमा।"
[क़ुरआन 14:40]
रब्बना दुआ - 27
رَبَّنَا اغْفِرْ لِي وَلِوَالِدَيَّ وَلِلْمُؤْمِنِينَ يَوْمَ يَقُومُ الْحِسَابُ
रब्बना ग़फ़िर ली व लिवालिदय्य व लिल-मुअमिनीन यौमा यक़ूमुल हिसाब
"ऐ हमारे रब! मुझे, मेरे वालिदैन को और तमाम मोमिनों को बख़्श दे, जिस दिन हिसाब क़ायम होगा।"
[क़ुरआन 14:41]
रब्बना दुआ - 28
رَبَّنَا آتِنَا مِن لَّدُنكَ رَحْمَةً وَهَيِّئْ لَنَا مِنْ أَمْرِنَا رَشَدًا
रब्बना आतिना मिन लद्दुंका रह्मतं व हैय्यि लना मिन अम्रिना रशदा
"ऐ हमारे रब! हमें अपनी तरफ़ से रहमत अता कर और हमारे मामलात को दुरुस्त फरमा।"
[क़ुरआन 18:10]
रब्बना दुआ - 29
رَبَّنَا إِنَّنَا نَخَافُ أَن يَفْرُطَ عَلَيْنَا أَوْ أَن يَطْغَى
रब्बना इन्नना नख़ाफ़ु अन यफ़रुता अलैना औ अन यतग़ा
"ऐ हमारे रब! हमें डर है कि वह हम पर ज़्यादती करे या हद से बढ़ जाए।"
[क़ुरआन 20: 45]
रब्बना दुआ - 30
رَبَّنَا آمَنَّا فَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا وَأَنتَ خَيْرُ الرَّاحِمِينَ
रब्बना आमन्ना फ़ग़फ़िर लना वर्हमना व अंता ख़ैरुर-राहिमीन
"ऐ हमारे रब! हम ईमान लाए, पस हमें बख़्श दे और हम पर रहम फरमा, बेशक तू सबसे बेहतरीन रहम करने वाला है।"
[क़ुरआन 23: 109]
रब्बना दुआ - 31
رَبَّنَا اصْرِفْ عَنَّا عَذَابَ جَهَنَّمَ إِنَّ عَذَابَهَا كَانَ غَرَامًا إِنَّهَا سَاءتْ مُسْتَقَرًّا وَمُقَامًا
रब्बना इस्रिफ अंना अज़ाबा जहन्नम, इन्न अज़ाबहा काना ग़रामन, इन्नहा साअत मुस्तक़र्रं व मुक़ामा
"ऐ हमारे रब! हमसे दोज़ख का अज़ाब दूर ही दूर रख, क्योंकि उसका अज़ाब चिपक जाने वाला है। बेशक, वह ठहरने और रहने के लिहाज़ से बदतर जगह है।"
[क़ुरआन 25: 65-66]
रब्बना दुआ - 32
رَبَّنَا هَبْ لَنَا مِنْ أَزْوَاجِنَا وَذُرِّيَّاتِنَا قُرَّةَ أَعْيُنٍ وَاجْعَلْنَا لِلْمُتَّقِينَ إِمَامًا
रब्बना हब लना मिन अज़्वाजिना व ज़ुर्रियातिना कुर्रत अअयुनिं वजअलना लिल-मुत्तक़ीना इमामा
"ऐ हमारे रब! हमें हमारी बीवियों और औलाद से आँखों की ठंडक अता फरमा, और हमें परहेज़गारों का इमाम बना।"
[क़ुरआन 25:74]
रब्बना दुआ - 33
رَبَّنَا لَغَفُورٌ شَكُورٌ
रब्बना लग़फ़ूरुन शकूर
"हमारा रब बेशक बड़ा बख़्शने वाला, बड़ा क़द्रदान है।"
[क़ुरआन 35: 34]
रब्बना दुआ - 34
آمَنُوا رَبَّنَا وَسِعْتَ كُلَّ شَيْءٍ رَّحْمَةً وَعِلْمًا فَاغْفِرْ لِلَّذِينَ تَابُوا وَاتَّبَعُوا سَبِيلَكَ وَقِهِمْ عَذَابَ الْجَحِيمِ
आमनू रब्बना वसिअत कुल्ल शैइन रह्मतन व इिल्मा, फ़ग़फ़िर लिल्लज़ीना ताबू वत्तबअू सबीलका व किहिम अज़ाबल-जहीम
"ऐ हमारे रब! तूने हर चीज़ को अपनी रहमत और इल्म से घेर लिया है, तो जो लोग तौबा करें और तेरे रास्ते की पैरवी करें, उन्हें बख़्श दे और उन्हें जहन्नम के अज़ाब से बचा।"
[क़ुरआन 40:07]
रब्बना दुआ - 35
رَبَّنَا وَأَدْخِلْهُمْ جَنَّاتِ عَدْنٍ الَّتِي وَعَدتَّهُم وَمَن صَلَحَ مِنْ آبَائِهِمْ وَأَزْوَاجِهِمْ وَذُرِّيَّاتِهِمْ إِنَّكَ أَنتَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ وَقِهِمُ السَّيِّئَاتِ وَمَن تَقِ السَّيِّئَاتِ يَوْمَئِذٍ فَقَدْ رَحِمْتَهُ وَذَلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ
रब्बना व अदखिलहुम जन्नाति अदनिल्लती वअदत्तहुम व मन सलहा मिन आबाइहिम व अज़्वाजिहिम व ज़ुर्रियातिहिम, इन्नका अन्तल अज़ीज़ुल हकीम। व किहिमुस-सय्यिआत, व मन तकिस सय्यिआति यौमैइदिन फ़क़द रहिमतह, व ज़ालिका हुवल फ़ौज़ुल अज़ीम
"ऐ हमारे रब! उन्हें सदा रहने वाले बागों (जन्नत) में दाखिल कर, जिनका तूने उनसे वादा किया है, और उनके बाप-दादाओं, उनकी बीवियों और उनकी औलाद में से जो नेक हैं, उन्हें भी (जन्नत में दाखिल कर)। बेशक, तू ही ग़ालिब, हिकमत वाला है। और उन्हें बुराइयों से बचा, और जिसे तू उस दिन बुराइयों से बचा ले, तो बेशक तूने उस पर रहमत कर दी, और यही बड़ी कामयाबी है।"
[क़ुरआन 40:8-9]
रब्बना दुआ - 36
رَبَّنَا اغْفِرْ لَنَا وَلِإِخْوَانِنَا الَّذِينَ سَبَقُونَا بِالْإِيمَانِ وَلَا تَجْعَلْ فِي قُلُوبِنَا غِلًّا لِّلَّذِينَ آمَنُوا
रब्बना ग़फ़िर लना व लि-इख़्वानिना अल्लज़ीना सबक़ूना बिल-ईमान, व ला तजअल फी क़ुलूबिना गिल्लन लिल्लज़ीना आमनू
"ऐ हमारे रब! हमें और हमारे उन भाइयों को बख़्श दे जो हमसे पहले ईमान ला चुके, और हमारे दिलों में उन ईमान वालों के लिए कोई कड़वाहट न रहने दे।"
[क़ुरआन 59:10]
रब्बना दुआ - 37
رَبَّنَا إِنَّكَ رَؤُوفٌ رَّحِيمٌ
रब्बना इन्नका रऊफ़ुर्रहीम
"ऐ हमारे रब! बेशक तू बड़ा ही नर्म दिल और बेहद रहम करने वाला है।"
[क़ुरआन 59:10]
रब्बना दुआ - 38
رَّبَّنَا عَلَيْكَ تَوَكَّلْنَا وَإِلَيْكَ أَنَبْنَا وَإِلَيْكَ الْمَصِيرُ
रब्बना अलेक तवक्कलना व इलेक अनबना व इलेक अल-मसीर
"ऐ हमारे रब! हम तुझ ही पर भरोसा करते हैं, तेरी ही तरफ रुजू करते हैं और तेरी ही तरफ लौटकर जाना है।
[क़ुरआन 60:4]
रब्बना दुआ - 39
رَبَّنَا لَا تَجْعَلْنَا فِتْنَةً لِّلَّذِينَ كَفَرُوا وَاغْفِرْ لَنَا رَبَّنَا إِنَّكَ أَنتَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ
रब्बना ला तजअलना फ़ित्नतन लिल्लज़ीना कफ़रू, वग़फ़िर लना रब्बना, इन्नका अंतल अज़ीज़ुल हकीम
"ऐ हमारे रब! हमें काफ़िरों के लिए आज़माइश न बना और हमें बख़्श दे। ऐ हमारे रब! बेशक तू ही ग़ालिब (सब पर क़ाबू रखने वाला) और हिकमत वाला है।"
[क़ुरआन 60:5]
रब्बना दुआ - 40
رَبَّنَا أَتْمِمْ لَنَا نُورَنَا وَاغْفِرْ لَنَا إِنَّكَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ
रब्बना अतमिम लना नूरना वग़फ़िर लना, इन्नका अला कुल्लि शईइन क़दीर
"ऐ हमारे रब! हमारे लिए हमारे नूर को पूरा कर दे और हमें बख़्श दे, बेशक तू हर चीज़ पर क़ुदरत रखने वाला है।"
[क़ुरआन 66:8]
By Islamic Theology
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