अल्लाह से धोका और बगावत (मुसलमान ज़िम्मेदार)
5. सुन्नत ए नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से हटकर इमामो की अंधाधुन तकलीद
5.3. तक़लीद का मतलब
तारीख़ी बाते जानने के बाद हम तक़लीद की तरफ चलते हैं, तक़लीद किसको कहते पहले ये जान लेते हैं।
तक़लीद का मतलब:
तक़लीद का root word निकला है قلد से जिसका माना होता है गले में पट्टा या गले में हार और शरीयत में तक़लीद का मतलब ये है कि "बिना किसी दलील किसी की बात मान कर अमल करना।" [जमाऊल जवामे पेज 251]
यानी किसी उम्मती जो की नबी नहीं है उसकी बात बगैर दलील मान लेना आंखे बंद करके इसको तकलीद कहा जाता है और जो तक़लीद करता है उसे मुकल्लिद कहते हैं।
इंडिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश श्री लंका, नेपाल अफगानिस्तान आदि जैसे देश किसी एक इमाम की तक़लीद करते हैं जैसे:
इमाम अबू हनीफा
इमाम शाफई
इमाम अहमद बिन हंबल
इमाम मालिक बिन अनस
रहिमाहिमिल्लाह
ये चार इमाम में से किसी न किसी एक की कोई न कोई तक़लीद करता है। अबू हनीफा की तक़लीद करने वाला हनफी कहलाता है इमाम मालिक को मानने वाला मालिकी अहमद बिन हंबल को मानने वाला हंबली इमाम शाफई को मानने वाला शवाफे कहलाता है।
यानी ये लोगो का कहना है इन चार इमामों में से किसी एक की भी तक़लीद करना मुसलमान पर वाजिब है जो तकलीद न करेगा वो फासिक गुमराह है यानी इन तक़लीद करने वाले लोगो ने खुद से फैसला बना लिया की तक़लीद वाजिब है और जो न करे वो गुमराह फासिक है।
कुछ सुवाल :
1. अगर तक़लीद वाजिब है तो कुरान की किस आयत या हदीस से तक़लीद वाजिब है का जिक्र आया है ?
2. मान लो कुरान या हदीस से तक़लीद वाजिब हैं तो कुरान तो सबके लिए है तो ये चारो इमाम कुरान पर अमल करके किसकी तक़लीद किए थे क्योंकि जब क़ुरान में तकलीद का जिक्र है तो चारो इमाम कुरान तो मानते थे न तो इन चारो इमामों में किसकी तक़लीद की?
3. कुरान में अगर तक़लीद करना वाजिब आया है तो इस पर अमल करना तो नबी सहाबा को भी था तो सहाबा ने किस इमाम की तक़लीद की?
अगर तुम कहोगे की नबी की तक़लीद की तो एक और सवाल होगा कि जब सहाबा नबी की तकलीद कर रहे हैं तो तुम लोग चार इमाम की तकलीद क्यों कर रहे हो?? क्या नबी के बाद किसी और की तक़लीद कर सकते हो?
4. चारो इमामों से दिखा दें कि उन्होंने खुद कहा हो कि आप लोग मेरी तक़लीद करना ?
5. अगर तक़लीद करना वाजिब है तो आप लोगो ने सिर्फ एक इमाम की तक़लीद क्यों की? आपकी नजर में चार इमाम है तो एक ही क्यों? बाकी के तीन की तकलीद न करके क्या आप फासिक या गुमराह हो गए?
6. क्या आपको अल्लाह ने कहा था अबू हनीफा या दीगर इमामों की तक़लीद करो अगर हां तो आयत पेश करो ? या हदीस ए रसूल?
7. अगर तक़लीद वाजिब है तो वाजिब तो नबी पर भी कुरान मानना आया है तो नबी ने किसकी तक़लीद की?
ये कुछ सवाल है इनके कोई मुकल्लिद भाई या बहन जवाब दे दें।
जान लीजिए अल्लाह ने हमारे ऊपर तक़लीद नहीं बल्कि इत्तेबा और इतात वाजिब की है वो भी नबी करीम की किसी गैर की नहीं पूरे कुरान में लफ़्ज़ तक़लीद मौजूद नहीं है जब लफ्ज़ ही मौजूद नहीं तो वाजिब कैसे?
जैसे इत्तेबा और इतात का लफ्ज़ कुरान में मौजूद है [सूरह निसा 59]
तो आप तक़लीद का लफ्ज़ भी कुरान से दिखा दीजिए लेकिन कयामत आ जाएगी न दिखा सकेंगे।
बने रहें, आगे हम बताएंगे क्या चारो इमामों ने तकलीद करने का हुक्म दिया था या रोका था?
आपका दीनी भाई
मुहम्मद रज़ा
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