Khulasa e Qur'an - surah 110 | surah an nasr

Khulasa e Qur'an - surah | quran tafsir

खुलासा ए क़ुरआन - सूरह (110) अन नसर


بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ


सूरह (110) अन नसर


यह आख़िरी मुकम्मल नाज़िल होने वाली सूरह है। इस सूरह के नाज़िल होने के फ़ौरन बाद नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने वह ऐतिहासिक ख़ुत्बा दिया जिसे "ख़ुत्बा ए हज्जतुल वदाअ" कहते हैं। (सही मुस्लिम 7546)

सूरह में अल्लाह की मदद और फ़तह मक्का की ख़ुशख़बरी सुनाई गई है, जब अल्लाह की मदद से फ़तह हासिल होगी तो अधिकतर लोग इस्लाम मे दाख़िल होंगे। लेकिन इस मौक़ा पर मोमिनों को जश्न मनाने के बजाय अल्लाह की हम्द व तस्बीह और इस्तेग़फ़ार करने का आदेश दिया गया है। (1 से 3)


आसिम अकरम (अबु अदीम) फ़लाही

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