दो मशरिक़ और दो मग़रिब
1. आज से कुछ साल पहले लोग कहते थे की पृथ्वी चपटी है अगर पृथ्वी चपटी होती तो उसके एक हिस्से में मशरिक़ (सूरज निकलता) होता और उसके अलग अलग हिस्सों में अंधेरा होता जैसा इमेज़ में हैं।
पर हमे सैटलाइट से पता चला कि पृथ्वी गोल है और उसके एक हिस्से में सूरज होता है और उसके दूसरे हिस्से में अंधेरा होता है। जिस वजह से जब एक हिस्से में सूरज (मग़रिब) डूबता है तो दूसरे हिस्से में सूरज (मशरिक़) निकलता है और जब दूसरे हिस्से में सूरज (मग़रिब) डूबता है तो एक हिस्से में सूरज (मशरिक़) निकलता है।
अल्लाह ने कुरान में 1400 साल पहले बताया है जब इतनी टेक्नोलॉजी नहीं थी,
رَبُّ الۡمَشۡرِقَیۡنِ وَ رَبُّ الۡمَغۡرِبَیۡنِ
"दोनों मशरिक़ और दोनों मग़रिब, सबका मालिक व परवरदिगार वही है।" [क़ुरआन 55:17]
जैसे हम इमेज़ में देख रहे हैं।
2. या फिर अल्लाह ने क़ुरआन में बताया बहुत सारे मशरिक और बहुत सारे मगरिब क्युकी हर दिन एक नई जगह से सूरज निकलता है। अगर हम ध्यान से देखे हर दिन सूरज की जगह चेंज मिलेगी।
فَلَاۤ اُقۡسِمُ بِرَبِّ الۡمَشٰرِقِ وَ الۡمَغٰرِبِ اِنَّا لَقٰدِرُوۡنَ
"तो नहीं, मैं क़सम खाता हूँ मशरिक़ों और मग़रिबों के मालिक की, हम इस पर क़ादिर हैं।" [क़ुरआन 70:40]
رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَ الۡاَرۡضِ وَ مَا بَیۡنَہُمَا وَ رَبُّ الۡمَشَارِقِ
"वो जो ज़मीन और आसमानों का और तमाम उन चीज़ों का मालिक है जो ज़मीन और आसमान में हैं और सारे पूरबों का मालिक।" [क़ुरआन 37:5]
सारे पूरबों का क्युकी हर पूरब दूसरे का मगरिब होता है और हम गौर करे तो सूरज हर दिन एक नए जविये से निकलता है।
अल्लाह हमें हिदायत दे।
आमीन
By गुलफाम हुसैन
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